प्रकाश मेहरा
चमोली ब्यूरो
थराली: 22-23 अगस्त की रात उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा के कारण कई आवासीय मकान, दुकानें, तहसील परिसर और उपजिलाधिकारी का सरकारी आवास मलबे की चपेट में आ गया। इस घटना से लगभग 90 परिवारों के 400 से अधिक लोग प्रभावित हुए, जिसमें एक युवती की मृत्यु हुई और एक बुजुर्ग व्यक्ति लापता बताया गया। प्रभावित क्षेत्रों में कोटडीप, राड़ीबगड़, अपर बाजार, कुलसारी, चेपडो और सगवाड़ा जैसे इलाके शामिल हैं, जहां मकानों, दुकानों और वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा।
सीएम धामी का दौरा और लोगों का विरोध
24 अगस्त को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थराली का दौरा किया ताकि राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया जा सके। उन्होंने प्रभावित परिवारों को 5-5 लाख रुपये की तत्काल सहायता राशि के चेक वितरित किए और राहत शिविरों का निरीक्षण किया। हालांकि, इस दौरान उन्हें स्थानीय लोगों के गुस्से और विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने सीएम का काफिला रोककर पर्याप्त राहत और सड़कें खोलने की मांग की। स्थानीय लोगों का गुस्सा तब भड़का जब उन्हें लगा कि सीएम चेपडो और अन्य गंभीर रूप से प्रभावित गांवों का दौरा नहीं कर रहे थे। विरोध के दौरान कई स्थानीय महिलाएं और पुरुष सीएम की गाड़ी के सामने खड़े होकर अपनी मांगें रखते नजर आए।
पीड़ितों ने क्या मांगें उठाईं ?
पीड़ितों ने मांग की कि “सरकार तत्काल अधिक सहायता प्रदान करे, जिसमें भोजन, कपड़े, और दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हों। भारी बारिश और मलबे के कारण सड़कें बंद हो गई थीं, जिससे यातायात ठप हो गया। ग्रामीणों ने सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर खोलने की मांग की। प्रभावित परिवारों ने अपने नष्ट हुए घरों और दुकानों के लिए उचित मुआवजे और पुनर्वास की मांग की।
थराली, चमोली में आई आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ हमारी सरकार पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है। हम प्रभावित परिवारों के राहत एवं पुनर्वास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। pic.twitter.com/rIibqqNbCY
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 24, 2025
सीएम धामी का जवाब
सीएम धामी ने नाराज ग्रामीणों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि सड़क खोलने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। सरकार प्रभावितों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। राहत और पुनर्वास कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 5 लाख रुपये की सहायता राशि तत्काल जारी की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत कार्यों में तेजी लाई जाए और प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान की जाए।
संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ आपदा प्रभावित भाई-बहनों के साथ खड़ी है। पूरा प्रशासनिक तंत्र ग्राउंड जीरो पर सक्रिय रहकर राहत एवं पुनर्वास कार्यों को निरंतर गति प्रदान कर रहा है। pic.twitter.com/6TCyMDvnvt
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 24, 2025
आपदा का प्रभाव नुकसान
40 से अधिक दुकानें और 20 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए। कई वाहन मलबे में दब गए और पिंडर प्राणमती नदियां उफान पर रहीं, जिससे खतरा और बढ़ गया। जिला प्रशासन, पुलिस, SDRF, NDRF, और अन्य एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। राजकीय पॉलिटेक्निक कुलसारी और शहीद भवानीदत्त इंटर कॉलेज चेपडो को राहत केंद्र बनाया गया है। एक युवती की मृत्यु और एक बुजुर्ग के लापता होने की पुष्टि हुई है।
क्या बोले एडीएम विवेक प्रकाश
चमोली के एडीएम विवेक प्रकाश ने बताया कि “राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सीएम धामी ने देहरादून में आपदा परिचालन केंद्र से स्थिति की समीक्षा की और स्थानीय विधायकों व जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की।
चमोली जनपद के थराली के गांव सगवाड़ा में देर रात्रि हुई बादल फटने की घटना के बारे में जानकारी देते हुए एडीएम श्री विवेक प्रकाश…#UttarkhandCloudburst #Uttarakhand #Chamoli #Tharalicloudburst pic.twitter.com/X1QFrziNJK
— DIPR_USNagar (@DIPR_USNagar) August 24, 2025
सड़कों की स्थिति और पुनर्वास
थराली में बादल फटने की घटना ने स्थानीय लोगों के सामने भारी संकट खड़ा किया है। सीएम धामी के दौरे और राहत कार्यों के बावजूद, स्थानीय लोगों की नाराजगी और मांगें बताती हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। सरकार ने राहत कार्यों को प्राथमिकता दी है, लेकिन सड़कों की स्थिति और पुनर्वास जैसे मुद्दों पर अभी और काम करना बाकी है।