स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल ने 22 सितंबर से लागू होने वाले नए टैक्स स्लैब के तहत ‘सिन गुड्स’ और लग्जरी आइटम्स पर 40% जीएसटी लगाने का फैसला किया है। यह बदलाव जीएसटी 2.0 के तहत किया गया है, जिसमें टैक्स स्लैब को सरल बनाकर 5% और 18% तक सीमित किया गया है, जबकि हानिकारक और विलासिता वाली वस्तुओं पर 40% का विशेष स्लैब लागू होगा। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य और समाज के लिए हानिकारक वस्तुओं की खपत कम करना और सरकारी राजस्व बढ़ाना है।
सिन गुड्स और 40% जीएसटी वाली वस्तुओं की सूची
तंबाकू उत्पाद: सिगरेट, बीड़ी, सिगार, चुरूट, सिगारिलो पान मसाला, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू (जर्दा) अनिर्मित तंबाकू और तंबाकू अपशिष्ट (तंबाकू की पत्तियों को छोड़कर) तंबाकू एक्सट्रैक्ट, एसेंस और होमोजेनाइज्ड/रीकॉन्स्टिट्यूटेड तंबाकू निकोटीन युक्त उत्पाद (जैसे वैपिंग उत्पाद)।
वर्तमान में सिगरेट और तंबाकू पर 28% जीएसटी के साथ अतिरिक्त सेस (कुल मिलाकर 88% तक टैक्स) लागू है। नए नियमों में 40% जीएसटी लागू होगा, लेकिन सेस तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार का कर्ज चुकता नहीं हो जाता।
पेय पदार्थ
- कार्बोनेटेड और शक्कर युक्त पेय (कोल्ड ड्रिंक्स जैसे कोका-कोला, पेप्सी), कैफीन युक्त एनर्जी ड्रिंक्स, फ्लेवर्ड और नॉन-अल्कोहलिक बेवरेज।
- फल के गूदे या जूस-बेस्ड गैर-कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और सोया/प्लांट-बेस्ड मिल्क पर टैक्स घटाकर 5% किया गया है। हाई शुगर और हाई सॉल्ट वाले प्रोसेस्ड फूड।
लग्जरी वाहन
- 1200cc से अधिक पेट्रोल इंजन वाली कारें
- 1500cc से अधिक डीजल इंजन वाली कारें
- 4000mm से लंबी गाड़ियां, स्टेशन वैगन, रेसिंग कार
- 350cc से अधिक इंजन वाली मोटरसाइकिलें
अन्य लग्जरी आइटम
- प्राइवेट जेट, याट, हेलीकॉप्टर
- ऑनलाइन गेमिंग, जुआ, कैसिनो, और बेटिंग प्लेटफॉर्म
- आईपीएल जैसे स्पोर्ट्स इवेंट्स (ओलंपिक/मान्यता प्राप्त इवेंट्स पर सामान्य दर)
शराब पर जीएसटी क्यों नहीं ?
शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इस पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है, जो अपनी एक्साइज ड्यूटी और टैक्स नीतियों के आधार पर कर वसूलती हैं।
स्वास्थ्य और समाज
सिन गुड्स (जैसे सिगरेट, तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक्स) को स्वास्थ्य और समाज के लिए हानिकारक माना जाता है। उच्च टैक्स से इनकी खपत कम करने का लक्ष्य है। सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा, जिसका उपयोग स्वास्थ्य और कल्याणकारी योजनाओं में किया जाएगा। तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक, और लग्जरी वाहन कंपनियों (जैसे ITC, PepsiCo, Coca-Cola, Royal Enfield) के शेयरों पर अल्पकालिक दबाव पड़ सकता है, क्योंकि कीमतें बढ़ने से मांग प्रभावित हो सकती है।
राहत के उपाय
रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे दूध, पनीर, रोटी, पराठा, और 33 जीवनरक्षक दवाओं पर जीएसटी हटाया गया। साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, नमकीन, मिठाई, और छोटी कारों पर टैक्स घटाकर 5% या 18% किया गया। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी खत्म। नया 40% जीएसटी स्लैब 22 सितंबर से लागू होगा, लेकिन तंबाकू उत्पादों पर नई दर बाद में अधिसूचित की जाएगी, क्योंकि कुछ औद्योगिक और तकनीकी मुद्दे अभी सुलझाए जा रहे हैं।
जीएसटी 2.0 के तहत सिन गुड्स और लग्जरी आइटम्स पर 40% टैक्स से कोल्ड ड्रिंक्स, सिगरेट, तंबाकू, और फास्ट फूड महंगे होंगे, जबकि रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें सस्ती होंगी। यह कदम स्वास्थ्य सुधार, राजस्व वृद्धि, और वैश्विक टैरिफ (जैसे अमेरिका के 50% टैरिफ) के प्रभाव को संतुलित करने के लिए उठाया गया है।