नई दिल्ली. जब हम स्वास्थ्य की बात करते हैं तो आमतौर पर केवल शारीरिक स्वास्थ्य को ही दिमाग में रखा जाता है. बीमा पॉलिसी खरीदते समय भी यही स्थिति रहती है. वहां भी आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को तवज्जो नहीं देते हैं. हालांकि, कोविड-19 के कारण बने हालातों ने लोगों को शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी दुरुस्त रखने को लेकर जागरूक किया. ऐसे कई लोग सामने आए जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुल कर बात की.
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बीमा कंपनियां भी कभी इतनी सजग नहीं रही हैं. हाल में बीमा नियामक इरडा ने निजी बीमा कंपनियों को एक बार निर्देश दिया कि उन्हें मेंटल बीमा कवर देना होगा. गौरतलब है कि इस पर 5 साल पहले ही कानून बनाया जा चुका है लेकिन कई बीमा कंपनियों ने अभी तक इसका अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया है. हालांकि, इरडा के आदेश के बाद इसमें बदलाव आने की उम्मीद है. आपको भी बीमा लेते समय अपनी तरफ से इस बात का ध्यान देना चाहिए कि आपको उसमें मेंटल हेल्थ कवर मिल रहा है या नहीं. आज हम आपको बताएंगे कि बीमा खरीदते समय मेंटल हेल्थ कवर क्यों लेना चाहिए.
मेडिकल खर्च
मानसिक रोगों पर महंगा खर्च होता है. मेडिकल सुविधाएं लगातार मंहगी हो रही हैं. कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बढ़ती महंगाई में मानसिक स्वास्थ्य के मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है. इंश्योरेंस पॉलिसी का कवर लेने के बाद इलाज की लागत बढ़ने का असर आपकी जेब पर नहीं होगा. मुसबीत की घड़ी में ये इंश्योरेंस पॉलिसी वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.
हेल्थ चेकअप की सुविधा
कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत बीमाधारक को हेल्थ चेकअप कराने की सुविधा मिलती है. इससे आप किसी परेशानी को शुरुआती स्टेज में ही डिटेक्ट कर सकते हैं. बीमा आपको प्रिवेंटिव टेस्ट कराने की सुविधा देता है जिससे बीमारी से जल्द से जल्द निजात मिलने में मदद होती है. बाद में बीमारी की पता चलना आपके वित्त पर बोझ काफी बढ़ा सकता है.
फिजिकल हेल्थ भी होगी कवर
कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में आपके शारीरिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाएगा. इसमें एक बीमाधारक को उसकी स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाने के लिए बीमारी से पहले भी कई सुविधाएं दी जाती हैं. इसमें लाइफ स्टाइल डिजीज मॉनिटरिंग और फिटनेस ट्रैकिंग आदि शामिल होता है.