Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home दिल्ली

मोदी सरकार को कौन ज्यादा चैलेंज कर रहा – राहुल गांधी या केजरीवाल?

108 दिन बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा ब्रेक ले रही है. यात्रा में राहुल गांधी और उनके साथ चल रहे भारत यात्रियों के लिए भी ये ब्रेक टाइम है. 9 दिन के ब्रेक के पास अगले साल यानी 2023 में भारत जोड़ो यात्रा फिर से शुरू होगी.

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
December 25, 2022
in दिल्ली, राष्ट्रीय, विशेष
A A
Rahul Gandhi or Kejriwal
26
SHARES
858
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

7 सितंबर, 2022 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी, और उसी दिन हरियाणा के हिसार से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मेक इंडिया नंबर 1 मुहिम की शुरुआत की थी – दोनों ही नेताओं ने मुहिम अलग अलग होने के बावजूद मकसद एक जैसा ही बताया था.

राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक विरोधी संघ और बीजेपी के नफरत फैलाने के खिलाफ देश के लोगों को जोड़ने के मकसद से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी, और अरविंद केजरीवाल ने दुनिया भर में भारत को नंबर 1 बनाने का अभियान.

इन्हें भी पढ़े

iadws missile system

भारत का ‘सुदर्शन चक्र’ IADWS क्या है?

August 24, 2025
Gaganyaan

इसरो का एक और कारनामा, गगनयान मिशन के लिए पहला हवाई ड्रॉप टेस्ट पूरी तरह सफल

August 24, 2025
जन आधार

केवल आधार कार्ड होने से कोई मतदाता के तौर पर नहीं हो सकता रजिस्टर्ड!

August 24, 2025
D.K. Shivkumar

कर्नाटक में कांग्रेस का नया रंग, डी.के. शिवकुमार और एच.डी. रंगनाथ ने की RSS गीत की तारीफ!

August 24, 2025
Load More

भारत जोड़ो यात्रा को लेकर तो एक तय रूट भी बताया गया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल की तरफ से उनकी मुहिम के तहत देश भर में जाने का न तो कोई स्पष्ट कार्यक्रम बताया गया, न ही कोई टाइम फ्रेम. हां, जिस तरीके से पैंतरेबाजी नजर आ रही थी ऐसा ही लग रहा था कि सब 2024 के आम चुनाव से पहले हो जाएगा.

और अब एक साथ 24 दिसंबर, 2022 को राहुल गांधी के साथ ही अरविंद केजरीवाल भी ब्रेक ले रहे हैं. केजरीवाल ने ट्विटर पर बताया है कि वो विपश्यना करने जा रहे हैं – और लगे हाथ लोगों से ये भी पूछ लिया है कि क्या आप लोगों ने कभी विपश्यना की है?

अरविंद केजरीवाल ने एक ही ट्वीट में लोगों को जीवन में कम से कम एक बार विपश्यना में शामिल होने की सलाह दी है, ‘अगर नहीं, तो एक बार जरूर कीजिये. मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक बहुत लाभ होता है.’

साथ ही, केजरीवाल ने ये भी बता दिया है कि वो नये साल पर ही 1 जनवरी, 2023 को लौटेंगे. जैसा बताया गया है, मान कर चलना चाहिये कि 2 जनवरी, 2023 से भारत जोड़ो यात्रा भी फिर से शुरू हो जाएगी. 150 दिनों के लिए प्रस्तावित भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर पहुंच कर खत्म होनी है.

अरविंद केजरीवाल का मेक इंडिया नंबर 1 मिशन कहां तक पहुंचा है, आधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ नहीं बताया गया है. मिशन का ट्विटर हैंडल प्रोटेक्टेड है जिसके करीब साढ़े आठ हजार फॉलोवर हैं. मिशन की एक वेबसाइट भी है, लेकिन वहां भी कोई एक्सट्रा जानकारी सार्वजनिक तौर पर नहीं उपलब्ध है – हां, जानने के लिए ज्वाइन करने का ऑप्शन जरूर है. मिशन के और भी सोशल मीडिया फोरम बनाये गये हैं.

हाल के चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी की तरफ से 2024 के आम चुनाव में अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने चैलेंजर नंबर 1 की तरह ही पेश किया जा रहा था. अब तो राहुल गांधी भी दिल्ली लौट आये हैं – देखना होगा आगे दोनों में से कौन कहां खड़ा नजर आता है?

राहुल का वाजपेयी की समाधि पर जाना
25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिन होता है और इस खास मौके पर बीजेपी की तरफ से कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं – राजस्थान में बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया भी 25 दिसंबर को विजय संकल्प रैली करने वाली थीं, लेकिन अब सुनने में आ रहा है कि उनको कोविड के नाम मना कर दिया गया है.

भारत जोड़ो यात्रा के मुकाबले मेक इंडिया नंबर 1 कहां तक पहुंचा?

अब ये समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है कि जब बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा सरकार के कोविड गाइडलाइन आने तक चल सकती है, तो वसुंधरा राजे रैली क्यों नहीं कर सकतीं? क्या बीजेपी में वसुंधरा राजे के साथ भी राहुल गांधी जैसा ही व्यवहार किया जाने लगा है?

लेकिन वाजपेयी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा के साथ पहुंचने की अहमियत समझी जानी चाहिये. राहुल गांधी के ऐसा करने के खास मायने भी हैं – और वाजपेयी के जरिये लोगों को बीजेपी की राजनीति समझाने की कोशिश भी.

ये असल में लोगों को मोदी और वाजपेयी में फर्क समझाने का एक गंभीर प्रयास लगता है. राहुल गांधी लोगों को ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वाजपेयी की बीजेपी वैसी नहीं थी, जैसी मोदी-शाह वाली बीजेपी हो गयी है.

2020 के दिल्ली दंगों के बीच सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित सीनियर कांग्रेस नेताओं के साथ राष्ट्रपति भवन जाकर सौंपा था और तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राजधर्म की सीख देने की गुजारिश की थी. मुलाकात के बाद बाहर आकर मनमोहन सिंह ने ये बात बतायी थी – दरअसल, गुजरात दंगे के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को वाजपेयी के राजधर्म की सीख की याद दिलाने की ही वो भी कोशिश रही.

भारत जोड़ो यात्रा के साथ दिल्‍ली पहुंचे राहुल गांधी ने नेहरू, इंदिरा गांधी की समाधि के साथ साथ वाजपेयी की समाधि पर जाने का जो कार्यक्रम बनाया वो उसी दलील को दमदार बनाने की कवायद है जिसमें राहुल गांधी कह रहे हैं कि वो संघ और बीजेपी की तरफ से फैलायी जा रही नफरत के खिलाफ मोहब्बत का पैगाम लेकर चल रहे हैं.

दिल्ली में निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के साथ साथ आश्रम चौक पर सियाराम दरबार का भी दर्शन किया है – और ये भी राहुल गांधी की अपनी वही बात याद दिलाने की कोशिश है कि बीजेपी के लोग जय सियाराम क्यों नहीं बोलते. कुछ दिन पहले ही श्रीराम के साथ सीता का नाम लेकर राहुल गांधी मातृ शक्ति को साथ लेकर चलने की बीजेपी नेतृत्व को नसीहत दी थी.

ये भी नहीं कह सकते कि राहुल गांधी ऐसा काम पहली बार कर रहे हों. संसद में पिछली बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दिन राहुल गांधी ने अपने भाषण में बीजेपी की नफरत को लेकर खूब खरी खोटी सुनायी थी – और फिर उसी नफरत के खिलाफ प्यार का पैगाम लेकर प्रधानमंत्री मोदी की सीट तक पहुंच कर गले भी मिले थे.

मोदी के गले मिलने तक तो ठीक था, लेकिन उसके ठीक बाद साथियों को देख कर आंख मारने की जो गलती की वो बहुत भारी पड़ी थी. अगर राहुल गांधी फिर से ऐसी कोई हरकत कर दें, तो सारे किये धरे पर पानी फिर सकता है.

अब अगर राहुल गांधी के वाजपेयी की समाधि पर जाने की तुलना करें तो ये भी कुछ कुछ अरविंद केजरीवाल के जय श्रीराम बोलने जैसा ही है. और थोड़ा आगे बढ़ कर देखें तो अरविंद केजरीवाल की नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर लगाने की मांग से मिलता जुलता भी समझ सकते हैं.

राहुल गांधी पहले भी सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर तमाम प्रयोग कर चुके हैं, लेकिन वाजपेयी की समाधि पर जाकर बीजेपी के वोटर को अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के दौरान शशि थरूर भी तो यही कह रहे थे, जो वोटर कांग्रेस को छोड़ कर बीजेपी के पाले में चला गया है उसे वापस क्यों नहीं लाया जा सकता?

अब तक किसे क्या मिल पाया है
दिल्ली में लाल किला पहुंच कर राहुल गांधी ने यात्रा के अपने अनुभव भी शेयर किये और कई उपलब्धियां भी बतायीं. बाकी मोदी सरकार को लेकर अपने सदाबहार जुमले भी दोहराये. बोले ये मोदी सरकार नहीं, अदाणी-अंबानी की सरकार है. जीएसटी की भी बात की और मीडिया के अपने प्रति बदलते व्यवहार की भी. भट्टा पारसौल से लेकर भारत जोड़ो यात्रा तक. ये भी फिर से बताया कि किस तरह बीजेपी ने उनकी छवि खराब करने की कोशिशें की, ‘प्रधानमंत्री और बीजेपी ने हजारों करोड़ रुपये लगा दिये मेरी छवि को बिगाड़ने में… मैंने शांत रहा… मैंने कहा मैं देखता हूं कितना दम है… फिर एक महीने में मैंने सच्चाई दिखा दी.’

जैसे अरविंद केजरीवाल मेक इंडिया नंबर 1 कैंपेन के तहत देश को दुनिया में सबसे ऊपरी पायदान पर पहुंचाना चाहते हैं, दिल्ली में राहुल गांधी ने भी बताया कि देश को लेकर उनकी क्या चाहत है. देखा जाये तो कांग्रेस और केजरीवाल की मुहिम शुरू होने से लेकर अब तक दोनों के खाते में कुछ चुनावी उपलब्धियां भी दर्ज हुई हैं. जैसे कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में सरकार बना ली, अरविंद केजरीवाल अब एमसीडी में मेयर का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने मेयर का उम्मीदवार उसी पार्षद को बनाया है जिसने दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष रहे आदेश कुमार गुप्ता के इलाके से चुनाव जीता है. शेली ओबरॉय काफी दिनों से आप से जुड़ी हुई हैं.

राहुल गांधी ने कहा, हमें शर्ट… सेलफोन… जूतों के नीचे मेड इन इंडिया लिखना है… हमें वो दिन देखना है जब कोई चीन में जाकर देखे कि मेड इन नई दिल्ली, इंडिया लिखा है… ये हम करके दिखा देंगे… ये देश इसे पूरा सकता है. फ्लाइंग किस देते हुए राहुल गांधी ने समर्थकों की वाहवाही के बीच वादा किया, हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलेंगे.

तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा अब तक नौ राज्यों से गुजर चुकी है. आगे ये यात्रा फिर से हरियाणा में दाखिल होकर पंजाब के रास्ते जम्मू कश्मीर जाकर जनवरी के आखिर में खत्म हो जाएगी.

राहुल गांधी का दावा है कि भारत जोड़ो यात्रा में कहीं कोई नफरत नहीं दिखी… न कोई हिंसा थी… कभी कोई गिर जाता, तो एक सेकेंड उठा लेता था. राहुल गांधी ने हरियाणा के एक नेता का उदाहरण देते हुए कहा, जैसे हरियाणा के पीसीसी चीफ गिरे तो एक सेकेंड में उठा लिया गया.

वैसे तो राहुल गांधी ने कड़ाके की ठंड में भी टीशर्ट पहन कर यात्रा करने को लेकर भी अपनी बात बतायी, लेकिन ये नहीं बताया कि एक दिन गुस्से में वो फोटो ले रहे एक कांग्रेस कार्यकर्ता का हाथ पकड़ कर नीचे क्यों कर दिया था – राहुल गांधी के इस ऐक्ट का वीडियो वायरल हुआ और बीजेपी नेताओं को कांग्रेस नेता को घेरने का एक और बहाना मिल गया था.

भारी ठंड और टीशर्ट में घूमने की वजह: अव्वल तो कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने भी राहुल गांधी के टीशर्ट में घूमने की असल वजह बतायी थी, राहुल गांधी ने भी खुद ही जिक्र किया और मजदूरों से जोड़ दिया.

कन्हैया कुमार ने अपनी तरफ से ये समझाने की कोशिश की कि बीजेपी के हमलों से राहुल गांधी की बर्दाश्त करने की क्षमता इतनी बढ़ गयी है कि अब उन पर कड़ाके की ठंड का भी कोई असर नहीं होता – ये तो बिलकुल वैसा ही जवाब हुआ जिस अंदाज में राहुल गांधी के डंडा मार बयान पर प्रधानमंत्री मोदी ने रिएक्ट किया था.

बहरहाल, राहुल गांधी का भी अपना पक्ष है, शीतलहर में सिर्फ टीशर्ट में घूमने को लेकर. किस्सा भी वो खुद ही सुनाते हैं, प्रेस वालों ने मुझसे पूछा… आपको ठंड नहीं लगती है… मैंने कहा कि ये हिंदुस्तान के किसान, मजदूर और गरीबों से क्यों नहीं पूछते? मैंने 2800 किलोमीटर चल लिया… ये कोई बड़ी बात नहीं है… ये कोई बड़ा काम नहीं किया है. पूरा हिंदुस्तान चलता है… किसान, मजदूर पूरी जिंदगी में 10 हजार किमी तक चल लेता है.

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
Indian Navy officer Qatar

क़तर में गिरफ्तार भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सज़ा, एक्शन में भारत सरकार

October 27, 2023

कविताओं से आती गांव-माटी-अपनत्व की महक

July 19, 2025
उत्तराखंड में पलायन

उत्तराखंड : पहाड़ों की अनकही कहानी – धरातल की स्थिति, जनता की पीड़ा और सरकार के दावों का सच !

July 2, 2025
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • उत्तराखंड: चमोली के थराली में बादल फटने से तबाही, सीएम धामी के दौरे पर पीड़ितों ने किया विरोध
  • भारत का ‘सुदर्शन चक्र’ IADWS क्या है?
  • उत्तराखंड में बार-बार क्यों आ रही दैवीय आपदा?

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.