Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

महिलाओं का संकट और उनकी रोजी-रोटी

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
January 12, 2023
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
महिला समूह
16
SHARES
521
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

अजय दीक्षित


जलवायु परिवर्तन का प्रभाव विभिन्न समूहों और समुदायों में महसूस किया जाता है। हालांकि, यह प्राकृतिक संसाधनों पर भारी निर्भरता, उच्च गरीबी स्तर, बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच की कमी आदि के कारण महिलाओं के लिए आनुपातिक रूप से अधिक है । बाढ़-सूखे जैसी चरम जलवायु घटनाओं का गरीब महिलाओं पर अधिक प्रभाव पड़ेगा, जो विनाशकारी प्रभाव भी पैदा कर सकता है। एशिया और अफ्रीका में जलवायु परिवर्तन के चलते पुरुषों को अपने खेतों को छोडक़र काम-धंधे की तलाश में पलायन करना पड़ रहा है, जिससे घर पर रहने वाली महिलाओं पर काम का दबाव बढ़ रहा है। महिलाओं को अकेले ही अपने बच्चों-खेतों का ध्यान रखना होता है। ये विषम परिस्थितियों में जीवन जीने को मजबूर हैं। उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। दरअसल, लैंगिक असमानता के चलते महिलाएं मछली पकडऩे, कृषि, बागवानी आदि जैसी आजीविका पर अधिक निर्भर हैं। जो जलवायु परिवर्तन से खतरे में हैं। जलवायु परिवर्तन की घटनाओं में वृद्धि से महिलाओं की उत्पादकता और आय में कमी आएगी, जिससे लैंगिक असमानता का स्तर बढ़ेगा।

इन्हें भी पढ़े

सांसद रेणुका चौधरी

मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं

July 31, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु

इस नेता ने लगाया था देश का पहला मोबाइल फोन कॉल, हेलो कहने के लग गए थे इतने हजार

July 31, 2025

‘एक पेड़ मां के नाम’: दिल्ली के सरस्वती कैंप में वृक्षारोपण कार्यक्रम, समाज को दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश!

July 31, 2025
nisar satellite launch

NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!

July 30, 2025
Load More

दरअसल, सूखा और बाढ़ जगह को रहने लायक नहीं छोड़ते हैं, जिससे कमजोर क्षेत्र में रहने वाले लोगों के समूह का विस्थापन हो सकता है। हालांकि, इससे महिलाओं के प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है। उदाहरण के लिए, संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के आधार पर, जलवायु परिवर्तन से विस्थापित होने वाले लोगों में 80 फीसदी महिलाएं हैं। महिलाएं सूखे और पानी की कमी से भी अधिक प्रभावित होती हैं, अक्सर दूर के जल संसाधनों तक यात्रा करने और अपने परिवारों के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए काफी समय खर्च करती हैं। पूर्वी अफ्रीका में, सूखे के कारण चरवाहे किसानों को पानी खोजने के लिए काफी आगे की यात्रा करनी पड़ी है। जलवायु परिवर्तन कृषि की उत्पादकता को कम करता है, जिससे वैश्विक खाद्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है। भोजन की कमी के समय लड़कियों को लडक़ों की तुलना में कम भोजन उपलब्ध कराए जाने की आशंका अधिक होती है, इस प्रकार वे कुपोषण और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं, विशेष रूप से वेक्टर जनित रोग जो जलवायु परिवर्तन द्वारा अधिक प्रचलित हैं । आपदाओं के बाद, महिलाओं के यौन उत्पीडऩ, हिंसा का शिकार होने और अन्य मानवाधिकारों के उल्लंघन का सामना करने की संभावना अधिक होती है । इस संकट के चलते महिलाओं ने ऐतिहासिक रूप से जल संचयन, खाद्य संरक्षण और राशनिंग और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से संबंधित ज्ञान और कौशल विकसित किया है।

इस पारंपरिक ज्ञान का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अफ्रीका में बूढ़ी महिलाएं अपने विरासत में मिले ज्ञान से आपदा की शुरुआती चेतावनियों और आपदाओं के प्रभावों को कम करने से संबंधित ज्ञान पूल का प्रतिनिधित्व करती हैं। शिक्षा और कौशल को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूहों का लाभ उठाया जा सकता है। जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अनुकूलन रणनीति विकसित करने में मदद कर सकते हैं। महिलाएं प्राकृतिक आपदाओं के लिए सामुदायिक प्रतिक्रियाओं के रूप में कार्य कर सकती हैं। जमीनी स्तर के महिला संगठनों के माध्यम से जलवायु निवेश को आगे बढ़ाया जा सकता है । अनुकूलन पहलों, विशेष रूप से जल, खाद्य सुरक्षा, कृषि, ऊर्जा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और संघर्ष से संबंधित क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के लिंग-विशिष्ट प्रभावों की पहचान और पता करना चाहिए। महिलाओं की प्राथमिकताओं और जरूरतों को विकास योजना और वित्त पोषण में प्रतिबिंबित होना चाहिए। जलवायु परिवर्तन की चुनौती के मुकाबले के लिये संसाधनों के आवंटन के संबंध में राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी हो। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण के कार्यक्रमों में लिंग- संवेदनशील निवेश सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है।

अनुदान देने वाले संगठनों और दाताओं को विकास करते समय महिला- विशिष्ट परिस्थितियों को भी ध्यान में रखना चाहिए। महिलाएं अभी भी एक बड़े पैमाने पर निर्णायक भूमिका में नहीं हैं। प्रतिबंधित भूमि अधिकार, वित्तीय संसाधनों तक पहुंच की कमी, प्रशिक्षण व प्रौद्योगिकी और राजनीतिक निर्णय लेने वाले क्षेत्रों तक सीमित पहुंच अक्सर उन्हें जलवायु परिवर्तन से निपटने में पूरी भूमिका निभाने से रोकती हैं। महिलाएं जलवायु परिवर्तन से असमान रूप से प्रभावित होने के बावजूद जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन के लिए महत्वपूर्ण हैं और उन्हें निर्णय लेने में शामिल होना चाहिए जलवायु परिवर्तन का पुरुष के मुकाबले महिला की सेहत पर ज्यादा बुरा असर हो रहा है। जलवायु परिवर्तन की वजह से मृत्यु और उनको लगने वाली चोट की दर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में दो- तिहाई ज्यादा है। महिलाओं को सशक्त बनाने की जरूरत है ।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
csir ihbt

डॉ प्रबोध त्रिवेदी ने संभाला CSIR-IHBT के निदेशक का अतिरिक्त प्रभार

March 3, 2023

Jharkhand ED Raid: नेता के घर नोटों के बंडल देखकर हैरान!

May 7, 2024
fascism

क्या है फासिज्म, जिसकी आहट कई देशों में!

May 3, 2023
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं
  • डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में किन उद्योगों के लिए बजाई खतरे की घंटी!
  • इस नेता ने लगाया था देश का पहला मोबाइल फोन कॉल, हेलो कहने के लग गए थे इतने हजार

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.