Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

भाईजी बोले तो सलेम नांजुंदैया सुब्बाराव

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
February 7, 2023
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
Nanjundaiah Subba Rao
26
SHARES
852
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

The petty politics of Gandhi vs Savarkarकौशल किशोर


भाईजी का नाम रूप धारण वालों में एस. एन. सुब्बाराव अग्रणी हैं। पहली ही भेंट में सगे बड़े भाई जैसा अपनापन महसूस कर धन्य हुए लोग आज कम नहीं हैं। इसकी गर्माहट जीवन भर बनाए रखते थे। इसके कारण उन्हें चंबल के छह सौ से भी ज्यादा खूंखार डकैतों की समाज में वापसी जैसे काम में सफलता मिली। यह लंबी प्रक्रिया 1960 में शुरू हुई थी। अगले सोलह वर्षों तक चलती है। इसमें उनकी मदद के लिए बिनोवा और जे.पी. वहां पहुंचे थे। हिंसा, आतंकवाद व नक्सलवाद आंदोलन जैसे गंभीर संकट दूर करने के लिए भारत को भाईजी जैसे नेता की आज जरूरत है।

इन्हें भी पढ़े

सांसद रेणुका चौधरी

मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं

July 31, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु

इस नेता ने लगाया था देश का पहला मोबाइल फोन कॉल, हेलो कहने के लग गए थे इतने हजार

July 31, 2025

‘एक पेड़ मां के नाम’: दिल्ली के सरस्वती कैंप में वृक्षारोपण कार्यक्रम, समाज को दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश!

July 31, 2025
nisar satellite launch

NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!

July 30, 2025
Load More

महात्मा गांधी का सुब्बाराव पर प्रभाव है। यह आधुनिक इतिहास के अन्य नायकों से उन्नत है। शांति मंत्रालय उनका सपना था।विभिन्न कोने में चल रहे हिंसक संघर्षों को संबोधित करने के लिए ऐसा करना जरूरी मानते थे। यह गांधीवादी दृष्टिकोण हिंसा और हथियारों की होड़ से मुक्ति के लिए आवश्यक है। उनका मानना था कि सैन्य औद्योगिक परिसर का उदय पूरी मानवता का खात्म कर सकती है। उन्हें भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने व नए राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने वाली पीढ़ी के अंतिम स्तंभों में एक माना जाएगा। सुंदर लाल बहुगुणा के बाद उनके निधन से उस युग का अंत हो गया।

बेंगलुरु में एक वकील के परिवार में सलेम नंजुंदैया सुब्बाराव का जन्म 7 फरवरी 1929 को हुआ था। उनका सार्वजनिक जीवन स्कूल में किशोरावस्था में ही शुरू हो गया। महात्मा गांधी के आह्वान पर 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन हेतु स्कूल का बहिष्कार करते हैं। भारत छोड़ो का नारा बुलंद करने के लिए एक दिन पुलिस हिरासत में रहे। वकील साहब के बेटे को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। उस दिन से शुरू हुई यात्रा 27 अक्टूबर 2021 को जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में समाप्त हुई। उनकी लंबी और साहसिक यात्रा में असंख्य उपलब्धियों के साथ कुछ प्रतिष्ठित पुरस्कार भी शामिल हैं।

छात्र कांग्रेस और राष्ट्र युवा दल में शामिल हो गए थे। कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष डॉ. एन.एस. हार्दिकर युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता देखकर मुग्ध हुए थे। इसलिए उनसे एक साल के लिए शामिल होने का अनुरोध करते हैं। भाईजी 1951 में इसमें शामिल हुए। अगले उन्नीस वर्षों तक रहे। सेवादल के सबसे चहेते नेताओं में उनका नाम रहेगा। कांग्रेस पार्टी ऐसे सिपाहियों की मदद के बगैर खड़ी नहीं हो सकेगी।

इस बीच 1965 में चार साल लम्बा गांधी शताब्दी समारोह शुरू हुआ। भाईजी को गांधी दर्शन ट्रेन का निदेशक नियुक्त किया गया। अंतिम साल में भारत भर में घुमाया गया था। सुब्बाराव ट्रेन निदेशक के रूप में मिले वेतन के योग से चंबल के बीहड़ में महात्मा गांधी सेवा आश्रम स्थापित किया। इसी आश्रम में उनके निधन के एक दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया।

भाईजी को बचपन से गाने का शौक था। उन्होंने 10 साल की उम्र में ही भक्ति गीत गाना शुरू कर दिया। दुनिया भर में लाखों लोगों ने जय जगत की उनकी धुन पर नृत्य किया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनमें से एक हैं। उन्होंने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के क्रम में उनकी सलाह से कला व संस्कृति मंत्रालय में शांति विभाग शुरू किया है। जुमलेबाजी के इस युग में ऐसे काम भी किये जा रहे।

स्थानीय बोलियों के प्रति उनका आग्रह और संगीत में रुचि उनके व्यक्तित्व की बनावट के बहुत महत्वपूर्ण घटक थे। सही मायनों में वोकल फॉर लोकल वाले। उनके लंबे जीवन में अनेक उपलब्धियों से जाहिर होता है। सुब्बाराव रेलगाड़ियों से सुदूर क्षेत्र की यात्रा करते रहे। कभी खाने पीने को कोई चीज साथ नहीं रखते। न ही रेलवे के खानपान सेवा से स्वीकार किया। लेकिन कभी भूखे भी नहीं रहे। वास्तव में उनके प्रशंसक उनकी पसंद का भोजन देने के लिए सही समय पर स्टेशन पहुंच जाते थे। सूचना प्रौद्योगिकी और मोबाइल फोन की सेवा के इस युग से पहले यह आसान नहीं रहा होगा।

भाईजी ने सत्तर के दशक में सार्वजनिक सेवाओं के दायरे को व्यापक बनाने के लिए दलगत राजनीति की सीमाओं को पार किया। वे सार्वजनिक हित के लिए व्यक्तिगत हितों की बलि देने की वकालत करते थे। सीमित आवश्यकताएँ ही उन्हें उच्च कोटि का सन्यासी बनाती हैं। उनके सभी कार्यों में सावधानीपूर्वक योजना बना कर उत्कृष्ट निष्पादन की विशेषता दिखती रही। डकैतों के शुरुआती जत्थे के सरेंडर से कई साल पहले इसकी तैयारियां उन्होंने शुरू कर दिया था। वास्तव में यह प्रक्रिया पचास के दशक की शुरुआत में चम्बल की उनकी पहली यात्रा के साथ शुरू हुई थी। सुब्बाराव पहली रात से ही उनसे मुलाकात की कहानी का सिलसिला साझा करते थे।

महामारी के बीच 92 वर्ष की परिपक्व उम्र में उन्होंने देह त्याग किया है। इससे पहले पूरी तरह से सक्रिय थे। वह ग्रीक दार्शनिक एपिकुरस के ज्ञान की याद दिलाते, जिसने नीत्शे और कार्ल मार्क्स जैसे विचारकों को भी प्रभावित किया। तरुणाई और बुढ़ापा का यह अध्ययन दिलचस्प है। भाईजी के जीवन और कार्यों में यह समझ युवावस्था से ही दिखती है। में देखा और उसी के अनुसार बनाए रखा। वृद्धावस्था में किसी नवयुवक की ऊर्जा व सक्रियता का सपना देखने वाले लोगों को सुब्बाराव प्रेरित करते रहेंगे।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
Israeli attack

इजरायली हमले में ईरान के दो शीर्ष जनरल मारे गए, फोर्डो परमाणु साइट को हुआ नुकसान !

June 14, 2025
BJP president JP Nadda

UCC पर अड़े आदिवासी तो समझिए कैसे मुश्किलों में फंस सकती है बीजेपी?

June 30, 2023
एरोल मस्क

रामलला के दर्शन से हरित भारत तक… एरोल मस्क की अयोध्या यात्रा और व्यापारिक मिशन !

May 29, 2025
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं
  • डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में किन उद्योगों के लिए बजाई खतरे की घंटी!
  • इस नेता ने लगाया था देश का पहला मोबाइल फोन कॉल, हेलो कहने के लग गए थे इतने हजार

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.