नई दिल्ली : कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के संबंध में गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट से असम पुलिस गिरफ्तार कर लिया. हालांकि पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बाद में मिल गई. अदालत ने असम पुलिस को पवन खेड़ा को छोड़ने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर मंगलवार तक रोक लगा दी.
पवन खेड़ा के खिलाफ असम पुलिस की कार्रवाई से कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमलावर हो गई. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, हेमंत बिस्वा सरमा ने असम में एक फर्जी FIR दर्जकर पवन खेड़ा को गिरफ्तार करवाया है. पवन खेड़ा का कसूर क्या है? हम इसके खिलाफ कानूनी तरीके और राजनीतिक तरीके से लड़ेंगे.
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा, पवन खेड़ा को प्लेन से जिस रूप से निकाला गया, इसकी जितनी निंदा करें वो कम है. ये घटना दुनियाभर में हमारे देश की बदनामी करवाएगी. देश में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बनती जा रही है. महंगाई, बेरोजगारी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और तनाव, हिंसा बढ़ती जा रही है.
इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, एक तरफ केंद्र सरकार राज्य में हमको परेशान कर रही है कि हम ठीक से आयोजन न कर पाएं, इसके लिए हमारे कार्यकर्ताओं के घर में छापेमारी की गई. 3 कार्यालय में कल फिर से छापेमारी की गई थी. दूसरी तरफ कांग्रेस के हमारे नेताओं को यहां आने से रोका जा रहा है. पवन खेड़ा को प्लेन से उतारा जाने का मतलब यह है कि बीजेपी कांग्रेस के महाधिवेशन से डर गई है.
ऐसे हुई पवन खेड़ा की गिरफ्तारी
असम पुलिस ने कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख खेड़ा को जब गिरफ्तार किया उस वक्त वह पार्टी के राष्ट्रीय महाधिवेशन में भाग लेने के लिए रायपुर जा रहे थे. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, उन्हें असम पुलिस के अनुरोध पर दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था. हम सिर्फ उनका (असम पुलिस) सहयोग कर रहे थे. उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली पुलिस ने एक आधिकारिक बयान में कहा, थाना दीमा हसाओ, जिला हाफलोंग, असम में दर्ज प्राथमिकी संख्या 19/2023 के आरोपी पवन खेड़ा की गिरफ्तारी में सहायता के लिए असम पुलिस से एक अनुरोध प्राप्त हुआ था.
बयान में कहा गया, उसी के आधार पर अपेक्षित स्थानीय सहायता प्रदान की गई और असम पुलिस के अनुरोध पर आरोपी खेड़ा को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 से हिरासत में लिया गया और बाद में असम पुलिस के संबंधित जांच अधिकारी द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.
बता दें कि पवन खेड़ा के खिलाफ प्रधानमंत्री के बारे में उनकी कथित टिप्पणी के लिए असम के हाफलोंग थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 153 बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले भाषण देना, लांछन लगाना), 500 (मानहानि) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) शामिल हैं.
इससे पूर्व खेड़ा को दिल्ली पुलिस ने विमान से उतारने के लिए कहा था. कांग्रेस नेता विरोध में धरने पर बैठ गए और बिना गिरफ्तारी वारंट के उन्हें ले जाने पर एतराज जताया.दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बाद में असम पुलिस से लेकर एक दस्तावेज उन्हें सौंपा जिसमें उन्होंने खेड़ा को हिरासत में लेने में मदद मांगी थी. खेड़ा के विमान से उतरने के बाद पार्टी के कई नेता विमान से उतर गए और वहीं धरने पर बैठ गए.
इससे पूर्व, घरेलू हवाई अड्डे के टर्मिनल-एक पर हंगामा बढ़ने पर फ्लाइट स्टाफ ने बताया कि खेड़ा के बैग को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति थी.उन्होंने कहा कि पुलिस आने वाली है और वह खेड़ा को स्थिति से अवगत कराएगी. फ्लाइट में मौजूद कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्विटर पर कहा, हम सभी इंडिगो 6ई 204 फ्लाइट से रायपुर जा रहे हैं और अचानक मेरे साथी पवन खेड़ा को विमान से नीचे उतरने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा,यह किस तरह की मनमानी है? कोई कानून का शासन है या नहीं? यह किस आधार पर और किसके आदेश पर किया जा रहा है?