उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार पर अब नया संकट आ गया है. वह संकट ऐसा है जिससे दिल्ली का विकास प्रभावित हो सकता है. ऐसा क्यों? चलिए बताते हैं… सिसोदिया के पास अभी 18 विभाग हैं, जिनमें शिक्षा, वित्त और गृह जैसे महत्वपूण विभाग शामिल हैं. सिसोदिया अगर जेल जाते हैं तो यह विभाग पूरी तरह खाली हो जाएंगे. ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए इन विभागों को संभालने के लिए सिसोदिया के कद वाले किसी नए नेता को खोजना काफी चुनौती साबित होने वाला है.
सिसोदिया के पास ये प्रमुख विभाग
शिक्षा
वित्त
गृह
पर्यटन
योजना
भूमि और भवन
सतर्कता
सेवा
श्रम
रोजगार
लोक निर्माण विभाग
कला और संस्कृति और भाषाएं
(सिसोदिया कई दूसरे विभागों के के प्रभारी भी हैं)
केजरीवाल के सामने सबसे बड़ी समस्या
राजनीति के जानकार बताते हैं कि सिसोदिया की अनुपस्थिति के बाद केजरीवाल के पास दिल्ली में अपने शासन के एजेंडे को लागू करने के लिए कोई बड़ा चेहरा नहीं है. दिल्ली के सीएम के लिए तत्काल चुनौती दिल्ली सरकार का बजट निर्धारित तरीके से पेश करने और सिसोदिया के बदले किसी नए नेता को खोजने की है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत अगले वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार का बजट पेश कर सकते हैं.
क्या अब शिक्षक विदेश जा पाएंगे ट्रेनिंग के लिए?
हाल के दिनों में दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए हैं. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा गया था. सिसोदिया ने कहा था कि आने वाले समय में और भी शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा जाएगा. दिल्ली सरकार के इस कदम के पीछे सिसोदिया का ही हाथ था. ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि क्या टीचरों को विदेश भेजने की योजना ठंडे बस्ते में चली जाएगी.
क्या दिल्ली के सीएम खुद संभालेंगे 18 विभाग?
जानकारों के मुताबिक, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के 50 फीसदी से अधिक मंत्रालय हैं, क्योंकि जब स्वास्थ्यमंत्री सत्येंद्र जैन जेल गए तब ही सभी विभाग इन्ही को ट्रांसफर कर दिया गया था. वरिष्ट पत्रकार रामेश्वर दयाल के बताते हैं कि यह मुख्यमंत्री को ही तय करना है कि इस मंत्रालय को मनीष सिसोदिया के पास रहने दिया जाए या फिर किसी और को दिया जाए. बहरहाल कई मंत्रालयों की फाइलें अभी सत्येंद्र जैन जेल में रहते हुए देख रहे हैं. इसलिए डिप्टी सीएम के विभागों को लेकर अरविंद जल्दी में फैसला नहीं लेंगे.