नई दिल्ली : एक्सपर्ट्स ने पहले ही चेतावनी दे रखी है कि अमेरिका-चीन के बीच संबंध बिगड़ने की एक बड़ी वजह ताइवान है. बीजिंग ने ताइवान को एक बार फिर से अपने में मिलाने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया है. वहीं वांशिगटन यथास्थिति में किसी भी बदलाव का विरोध करता है.
चीन और ताइवान के बीच टेंशन लगातार बढ़ रही है. एक डिफेंस एक्सपर्ट ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है. उसने दावा किया है कि अगली जंग दुनिया के दो सबसे ताकतवर देशों के बीच छिड़ सकती है. ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच महायुद्ध हो सकता है.
उन्होंने कहा कि दोनों विकसित देशों के बीच होने वाले युद्द के नतीजे काफी खराब हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना ने पूरे विश्व में जो तबाही मचाई वो इस युद्ध के आगे कुछ भी नहीं है. दोनों देशों के बीच जंग से इससे भी ज्यादा तबाही आएगी. ये दावा विदेशी नीति विश्लेषर डॉ एलेन मेंडोजा ने किया है.
पश्चिमी सरकारों की आलोचना की
डॉ एलेन मेंडोजा ने पश्चिमी सरकारों की इस मुद्दे पर पर्याप्त ध्यान ना देने की वजह से आलोचना की है. उन्होंने कहा दुनिया में एक और महामारी और बड़े युद्द की संभावना से निपटने के लिए पश्चिमी देशों की सरकारें पर्याप्त तैयारियां नहीं कर रही हैं. डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक द सन से बातचीत में उन्होंने ये आलोचना की. ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच संभावित युद्ध से आर्थिक संकट पैदा हो सकता है. इस वजह से महत्वपूर्ण सप्लाई चैन बाधित हो जाएंगी. इस युद्ध की वजह से महंगाई काफी बढ़ सकती है और आवश्यक वस्तुओं की कमी भी हो सकती है.
ताइवान सेमीकंडक्टर का पावर हाउस है
एक्सपर्ट्स ने पहले ही चेतावनी दे रखी है कि अमेरिका-चीन के बीच संबंध बिगड़ने की एक बड़ी वजह ताइवान है. बीजिंग ने ताइवान को एक बार फिर से अपने में मिलाने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया है. वहीं वांशिगटन यथास्थिति में किसी भी बदलाव का विरोध करता है. गौर करने वाली बात है कि ताइवान सेमीकंडक्टर उत्पादन करने में ग्लोबल महाशक्ति है और अपने सिलिकॉन शील्ड के लिए जाना जाता है. सेमीकंडक्टर का उपयोग स्मार्टफोन और कारों में किया जाता है. इसके अलावा मॉर्डन लाइफ के लगभग हर हिस्से में इसका उपयोग होता है.
सप्लाई चैन पर पड़ेगा बुरा असर
हेनरी जैक्सन सोसाइटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ मेंडोजा का मानना है कि दोनों देशों के बीच संभावित युद्ध सप्लाई चैन की आपूर्ति को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है और जरूरी कम्पोनन्ट की भारी कमी का कारण बन सकता है. उन्होंने कहा कि वास्तविकता ये है कि सप्लाई चैन पर हालात बेहद खराब हैं. थोड़ी से देरी से दुनिया में बड़ा संकट आ सकता है.
दरअसल कोविड काल के दौरान सभी देशों ने इसे पूरा करने की कोशिश की लेकिन कभी भी वो सफल नहीं रही. ऐसे में अगर ताइवान पर हमला होता है तो आप आपूर्ति नहीं कर सकते. अगर सरकारें अगले संकट के लिए योजना बनाना शुरू करती हैं तो सप्लाई चैन में आ रहे व्यवधान को कम किया जा सकता है.