नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट से कांग्रेस पार्टी को राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने 105 करोड़ की टैक्स की वसूली के लिए जारी इनकम टैक्स के नोटिस पर रोक लगाने की पार्टी की मांग को खारिज कर दिया है. शुक्रवार को इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल( आईटीएटी) ने आयकर विभाग की कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. इसके खिलाफ कांग्रेस दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची थी.
दरअसल, आयकर विभाग ने साल 2018-19 के लिए 105 करोड़ की टैक्स वसूली के लिए कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि अगर ब्याज को भी जोड़ दिया जाए तो ये रकम 135 करोड़ हो जाती है. हालांकि, इनमे से 65.9 करोड़ रुपये वसूले जा चुके है. आज दिल्ली हाई कोर्ट ने आईटीएटी के आदेश में दखल देने से से इंकार किया.
कोर्ट ने कहा, हमे इस आदेश में दखल देने का कोई औचित्य नहीं लगता लेकिन 65.9 करोड़ की रकम वसूली हो चुकी है. ऐसे में बदली परिस्थितियों के मद्देनजर अगर कांग्रेस पार्टी चाहे तो नए सिरे से ट्रिब्यूनल का रुख कर सकती है.
कोर्ट की टिप्पणी
इससे पहले 12 मार्च को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा था कि कांग्रेस ने इस मामले को बिल्कुल गम्भीरता से नहीं लिया. पार्टी के खिलाफ इंकम टैक्स विभाग की कार्रवाई 2021 में शुरु हो गई थी लेकिन इस पर कोई कदम उठाने के बजाए पार्टी सोती रही.
कांग्रेस और IT की दलील
सुनवाई के दौरान कांग्रेस पार्टी की ओर से वकील विवेक तन्खा पेश हुए, उन्होनें दलील दी कि पार्टी के खातों को फ्रीज कर दिया गया है. 2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है. अगर पार्टी के पास पैसा नहीं होगा तो वोआखिर चुनाव कैसे लड़ पाएगी. अब 7-8 साल पुराने इंकम टैक्स आकलन को फिर से खोला किया जा रहा है.
आयकर विभाग की ओर से वकील जोएब हुसैन ने कहा कि ये कहना गलत होगा कि चुनाव से ठीक पहले ये कार्रवाई की गई है. हकीकत तो ये है, कि आयकर विभाग ने ये कार्रवाई 2021 में शुरू कर दी थी. अगर कोई पार्टी चार साल तक भुगतान नही करती है तो जाहिर है, अगले 5 साल में चुनाव होने ही है. हुसैन ने ये भी दलील दी कि ये कहना गलत होगा कि पार्टी आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहीं है. पार्टी के 120 से खातों में 1400 करोड़ से भी ज्यादा रकम है.