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Home राष्ट्रीय

स्त्रियों का व्यवहारिक होना उचित है!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
July 18, 2024
in राष्ट्रीय, विशेष
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महिला
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पुष्पा सिंह


नई दिल्ली: औरत जिस दिन व्यवहारिक हो जायेगी, उस दिन उसकी हर समस्या खुद सुलझ जायेगी। दुनिया में स्त्री हो या पुरुष जिम्मेदारी और समस्या दोनों के जीवन का अहम हिस्सा है। समस्या है इसलिए ही जीवन में अनेक रंग भी हैं। अगर जीवन में सिर्फ सुख ही सुख हो तो जीवन बोझ और बोरिंग हो जायेगा। लेकिन दोनो के जीवन में एक बहुत बड़ा अंतर है और वो ये है कि पुरुष व्यवहारिक होता है जबकि स्त्री अपने जीवन को भावनाएं से आकर देती है। अक्सर देखा जाता है की भावनात्मक रूप से स्त्रियां अपनो के द्वारा ही छली जाती रही हैं जो आज भी जारी है। वही स्त्री जीवन में आगे बढ़ती है या बढ़ पाती है जो अपनी भावनाएं काबू में रखती है।

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ऐसा नहीं है कि भावनाओं पर नियंत्रण रखने वाली स्त्री को तकलीफ नहीं होती। कभी कभी उसकी तकलीफ इतनी बढ़ जाती है की उसे सहन करना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में वो एक रास्ता चुनती है व्यवहारिक होना। भावनाएं जब अपना दम तोड देती हैं तब इंसान को व्यवहारिक होना ही पड़ता है। भावनाओं के नाम पर एक पिता अपनी बेटी को किसी के भी साथ बयाह देता है, पति सारी ज़िंदगी उसे गुलाम बनाकर रखता है और बेटा तो और भी खराब दशा में लाकर खड़ा कर देता है। ऐसे में स्त्री का व्यवहारिक होना जाना उचित है। तभी वो अपनी शर्तों पर जिन्दगी जी सकती है वरना तो उसे कोई जीने कहां देता है।

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