प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
अयोध्या : अयोध्या में 5 जून 2025 को श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस बार भगवान राम को उनके राजा राम के रूप में उनके परिवार-माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी के साथ स्थापित किया गया। यह समारोह 3 जून से शुरू होकर 5 जून तक चला, जिसमें गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर अभिजीत मुहूर्त (11:25 से 11:40 बजे) में प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई।
राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला (बालक राम) की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, जिसका आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुआ। अब 2025 में, मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की गई, जिसमें भगवान राम राजा के रूप में विराजमान हैं। इस दरबार में माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल हैं।
इसके साथ ही, मंदिर परिसर के परकोटे में सात अन्य मंदिरों में भी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई, जिनमें शिवलिंग, श्री गणेश, सूर्य देव, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा, हनुमान जी और शेषावतार शामिल हैं।
प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन
समारोह 3 जून से शुरू हुआ और 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के दिन अभिजीत मुहूर्त में (11:25-11:40 बजे) प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। अयोध्या और काशी के 101 वैदिक आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ इस अनुष्ठान को संपन्न किया। 1,975 मंत्रों के साथ अग्नि देवता को आहुति दी गई, और रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा जैसे भक्ति भजनों का पाठ हुआ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जो उनके 53वें जन्मदिन के अवसर पर और भी विशेष रहा। 2 जून को सरयू तट से मातृ शक्तियों द्वारा भव्य जल कलश यात्रा निकाली गई, जिसने इस आयोजन की शुरुआत को और भव्य बनाया।
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath offered prayers before the Ram Darbar and attended the Pran Pratishtha rituals at the Shri Ram Janmabhoomi Temple in Ayodhya. The ceremony marks a significant spiritual milestone for devotees. #Ayodhya #RamJanmabhoomi #PranPratishtha… pic.twitter.com/vHzd51HDNU
— DD News (@DDNewslive) June 5, 2025
राम दरबार की मूर्तियां
राम दरबार की मूर्तियां जयपुर के पांडे मूर्ति परिवार द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले मकराना संगमरमर से तैयार की गईं। इनमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल हैं।इसके अलावा, परकोटे के मंदिरों में 19 अन्य मूर्तियां स्थापित की गईं, जिनमें प्रवेश द्वार के हाथी-शेर, गणेश जी, सप्तऋषि मंडल, शबरी, निषादराज और अहिल्या की प्रतिमाएं शामिल हैं। हैदराबाद के एक राम भक्त ने 14 किलो चांदी और 250 ग्राम सोने से निर्मित धनुष-बाण भेंट किया, जो राम दरबार को समर्पित किया गया।
क्या है इसका महत्त्व
यह आयोजन गंगा दशहरा के दिन हुआ, जिसे द्वापर युग की शुरुआत और रामेश्वरम की स्थापना से जोड़ा जाता है। राम दरबार की स्थापना भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, जो अयोध्या को विश्व की सांस्कृतिक नगरी के रूप में और मजबूत करती है। इस प्राण प्रतिष्ठा के साथ राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण माना गया, जो 5 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ था।
सुरक्षा और व्यवस्था
अयोध्या में इस आयोजन के लिए फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था की गई। ड्रोन कैमरों और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। सामान्य भक्तों की प्रत्यक्ष भागीदारी सीमित थी, लेकिन वे इस आयोजन को लाइव प्रसारण के माध्यम से देख सकते थे।
राम दरबार की पहली झलक
5 जून 2025 को राम दरबार की तस्वीरें पहली बार दुनिया के सामने आईं। सोशल मीडिया, समाचार चैनलों और अन्य माध्यमों से इन विहंगम दृश्यों का लाइव प्रसारण हुआ, जिसने राम भक्तों के मन को मोह लिया। मंदिर का प्रथम तल और मुख्य शिखर, जो स्वर्ण मंडित है, इस आयोजन में विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath offered prayers before the Ram Darbar and attended the Pran Pratishtha rituals at the Shri Ram Janmabhoomi Temple in Ayodhya. The ceremony marks a significant spiritual milestone for devotees. #Ayodhya #RamJanmabhoomi #PranPratishtha… pic.twitter.com/vHzd51HDNU
— DD News (@DDNewslive) June 5, 2025
तस्वीरों का महत्व
राम दरबार की तस्वीरें, जो 5 जून को सामने आईं, भक्तों के लिए भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। इनमें भगवान राम के राजसी स्वरूप के साथ उनके परिवार का भव्य चित्रण है। मंदिर परिसर को फूलों और रोशनी से सजाया गया, जिसने इस ऐतिहासिक क्षण को और भी मनमोहक बना दिया। सोशल मीडिया पर #रामदरबार और #प्राणप्रतिष्ठा जैसे हैशटैग के साथ ये तस्वीरें व्यापक रूप से साझा की गईं।
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या के राम मंदिर के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय है। यह आयोजन न केवल भगवान राम के राजसी स्वरूप को स्थापित करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था और एकता को भी दर्शाता है।