Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राजनीति

संसद भवन मस्जिद विवाद… अखिलेश-डिंपल की मौजूदगी पर सियासी घमासान, सपा की सफाई, भाजपा का हमला !

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
July 23, 2025
in राजनीति, राज्य
A A
Akhilesh and Dimple
17
SHARES
577
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर


लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की दिल्ली में संसद भवन के पास एक मस्जिद में सपा सांसदों के साथ उपस्थिति को लेकर सियासी विवाद खड़ा हो गया है। यह घटना 22 जुलाई को हुई, जब सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने X पर तस्वीरें साझा कीं, जिसमें अखिलेश यादव, डिंपल यादव, रामपुर सांसद और मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी, संभल सांसद शफीकुर रहमान बर्क और अन्य सपा सांसद मस्जिद में बैठे दिखे। इस घटना ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सपा के बीच तीखी सियासी जंग छेड़ दी है।

इन्हें भी पढ़े

prayer charch

प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की कोशिश, 5 लोग गिरफ्तार

August 1, 2025
Supreme court

पूरा हिमाचल गायब हो जाएगा… सुप्रीम कोर्ट ने क्यों चेताया?

August 1, 2025
WCL

निदेशक ए. के. सिंह की सेवानिवृत्ति पर वेकोलि ने दी भावभीनी विदाई

August 1, 2025
सांसद रेणुका चौधरी

मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं

July 31, 2025
Load More

विवाद का कारण मस्जिद में कथित बैठक

भाजपा ने आरोप लगाया कि “अखिलेश यादव ने मस्जिद में सपा सांसदों के साथ राजनीतिक बैठक की, जो धार्मिक स्थल का दुरुपयोग है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा कि अखिलेश ने मस्जिद को “सपा का दफ्तर” बना दिया।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद परिसर के पास स्थित मस्जिद में राजनीतिक बैठक की।
ये वही हैं जिन्होंने राम मंदिर के भव्य उद्घाटन (22 जनवरी 2024) को “राजनीतिक प्रोजेक्ट” बताकर दूरी बना ली थी…

यह “धर्मनिरपेक्षता” नहीं, बल्कि वोट बैंक के लिए किया गया पाखंड है। pic.twitter.com/rjE879fn60

— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) July 23, 2025

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अखिलेश को “नमाजवादी” कहकर तंज कसा और दावा किया कि सपा हमेशा संविधान का उल्लंघन करती है, क्योंकि धार्मिक स्थलों का राजनीतिक उपयोग संविधान के खिलाफ है।

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने कहा कि “मस्जिद इबादत की जगह है, न कि राजनीतिक रणनीति बनाने की और अखिलेश ने मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने माफी की मांग की।”

Political musalman – सही पकड़े हैं 😜

पार्लियामेंट मस्जिद के मिम्बर के सामने समाजवादी पार्टी के नेता व सांसद क़ौम की फिक्र मे…. ये मौलाना साहब का नया समाजवाद है, मस्जिद अब पार्टी की बैठक करने के लिए भी इस्तेमाल की जाएंगी ?

क्या अखिलेश जी मस्जिद के मिम्बर से चलाएँगे… pic.twitter.com/Q2R32oabrx

— Shadab Shams شاداب شمس (@ShamsShadabbjp) July 22, 2025

डिंपल यादव के परिधान पर विवाद

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने डिंपल यादव के मस्जिद में पहनावे पर आपत्ति जताई। उन्होंने दावा किया कि डिंपल ने ब्लाउज पहना था, जिसमें उनका पेट दिख रहा था, और सिर ढका नहीं था, जो इस्लामी परंपराओं के खिलाफ है। सिद्दीकी ने इसे “अर्धनग्न अवस्था” करार देते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

यह भी कहा गया कि मस्जिद में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्थान होते हैं, लेकिन डिंपल और अखिलेश एक साथ बैठे थे, जिसे मर्यादाओं का उल्लंघन बताया गया।

सोशल मीडिया पर तस्वीरों का वायरल होना

सपा सांसद धर्मेंद्र यादव द्वारा X पर साझा की गई तस्वीरों ने विवाद को और हवा दी। भाजपा ने इन तस्वीरों को आधार बनाकर सपा पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी जी के दिल्ली आवास पर…. pic.twitter.com/7UlvPQx8Gt

— Dharmendra Yadav (@MPDharmendraYdv) July 22, 2025

सपा और अखिलेश की सफाई !

सपा और अखिलेश यादव ने इस विवाद पर डिफेंसिव रुख अपनाया और निम्नलिखित तर्क दिए कोई औपचारिक बैठक नहीं थी सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि “यह कोई राजनीतिक बैठक नहीं थी, बल्कि एक सामाजिक कार्यक्रम के लिए मस्जिद का दौरा था।”

डिंपल यादव ने भी स्पष्ट किया कि “यह कोई बैठक नहीं थी, बल्कि वे लोग मोहिबुल्लाह नदवी के निमंत्रण पर मस्जिद गए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने की कोशिश करती है।

सपा सांसद जिया उर्र रहमान ने कहा कि “मस्जिद में औपचारिक या अनौपचारिक बैठक का कोई अंतर इस्लामी कानून में नहीं है, और सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है।

आस्था लोगों को जोड़ती है: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने जवाब में कहा कि “आस्था लोगों को जोड़ती है, और उनकी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है। उन्होंने भाजपा पर समाज को बांटने और धर्म को हथियार बनाने का आरोप लगाया।

अखिलेश ने कहा, “अगर भाजपा को मीठा खाने से तकलीफ है, तो क्या हम मीठा छोड़ देंगे?” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या मंदिर-मस्जिद जाने के लिए अब भाजपा से लाइसेंस लेना होगा।

तस्वीरों को गलत प्रस्तुत किया गया

सपा ने दावा किया कि तस्वीरों को गलत संदर्भ में पेश किया गया। धर्मेंद्र यादव ने X पर स्पष्ट किया कि यह कोई औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि मोहिबुल्लाह नदवी के निमंत्रण पर एक सामान्य दौरा था। हालांकि, सपा की यह सफाई उल्टा पड़ गई, क्योंकि कुछ ने इसे कमजोर तर्क माना, जिससे सपा डिफेंसिव मोड में आ गई।

सियासी रणनीति और प्रतिक्रियाएं !

भाजपा ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की, खासकर 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने घोषणा की कि वे 25 जुलाई 2025 को उसी मस्जिद में नमाज के बाद बैठक करेंगे, और मोहिबुल्लाह नदवी को इमाम के पद से हटाने की मांग की।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि “वे राम मंदिर उद्घाटन से दूरी बनाए रखते हैं, लेकिन मस्जिद में बैठक करते हैं, जो उनकी “वोट बैंक की राजनीति” को दर्शाता है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद परिसर के पास स्थित मस्जिद में राजनीतिक बैठक की।
ये वही हैं जिन्होंने राम मंदिर के भव्य उद्घाटन (22 जनवरी 2024) को “राजनीतिक प्रोजेक्ट” बताकर दूरी बना ली थी…

यह “धर्मनिरपेक्षता” नहीं, बल्कि वोट बैंक के लिए किया गया पाखंड है। pic.twitter.com/bP1gIL45bd

— Amit Malviya (@amitmalviya) July 23, 2025

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के शादाब शम्स ने धर्मेंद्र यादव पर तस्वीरों के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया, क्योंकि तस्वीरें स्पष्ट रूप से संसद मार्ग की मस्जिद की थीं, न कि नदवी के आवास की।

सपा का डिफेंसिव रुख

सपा की सफाई और डिफेंसिव रुख ने उसे कमजोर स्थिति में डाल दिया। विश्लेषकों का मानना है कि “अगर सपा अपने स्टैंड पर डटी रहती, तो शायद भाजपा इस मुद्दे पर इतना माइलेज न ले पाती।”

सपा सांसद राजीव राय ने कहा, “हमारी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है, और हमें मस्जिद या मंदिर जाने के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं।”

क्या है अखिलेश की भूल !

अखिलेश और सपा की सबसे बड़ी भूल यह रही कि उन्होंने मस्जिद में अपनी उपस्थिति को लेकर तुरंत सफाई देना शुरू कर दिया, जिससे यह धारणा बनी कि वे गलत थे।

मस्जिद में सांसदों के साथ उनकी मौजूदगी और तस्वीरों का वायरल होना सपा के लिए सियासी तौर पर नुकसानदायक साबित हुआ, क्योंकि यह भाजपा को धार्मिक और संवैधानिक आधार पर हमला करने का मौका दे गया। डिंपल यादव के परिधान और मस्जिद में बैठने के तरीके पर उठे सवालों ने विवाद को और गहरा किया, जिसे सपा ने प्रभावी ढंग से काउंटर नहीं किया।

क्या पड़ेगा सियासी प्रभाव ?

यह विवाद उत्तर प्रदेश की गंगा-जमुनी तहजीब और 2027 के विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। सपा हमेशा से यादव और मुस्लिम वोट बैंक पर निर्भर रही है, और अखिलेश की यह कोशिश अपने इस आधार को मजबूत करने की हो सकती थी। दूसरी ओर, भाजपा ने इस मौके का इस्तेमाल सपा को “मुस्लिम तुष्टिकरण” करने वाली पार्टी के रूप में चित्रित करने के लिए किया, जो उनकी हिंदुत्व की रणनीति का हिस्सा है।

अखिलेश यादव और डिंपल यादव की मस्जिद में उपस्थिति, जो संभवतः एक सामाजिक दौरा था, को भाजपा ने राजनीतिक बैठक के रूप में पेश कर विवाद खड़ा किया। सपा की त्वरित सफाई और डिफेंसिव रुख ने इस मुद्दे को और उलझा दिया, जिससे सपा बैकफुट पर आ गई। यह घटना उत्तर प्रदेश की सियासत में धार्मिक ध्रुवीकरण को और तेज कर सकती है, खासकर 2027 के चुनावों के मद्देनजर।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
India-Canada

ट्रूडो का जाना, कार्नी का आना, भारत-कनाडा रिश्तों में नया अध्याय?

April 30, 2025
Lord Parashurama

शस्त्र और शास्त्र के अद्वितीय अधिपति भगवान परशुराम की जयंती पर विधिपूर्वक पूजन, आरती का हुआ आयोजन

April 29, 2025
Tawang Galvan

चीन की बेचैनी और तवांग

December 21, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • टैरिफ वार : भारत पर लगा दिया जुर्माना, इन आंकड़ों से बेनकाब हो गया ट्रंप का हर झूठ
  • प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की कोशिश, 5 लोग गिरफ्तार
  • पहलगाम के हमलावरों की पाकिस्तानी ID सामने आई, और कितने सबूत चाहिए?

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.