नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने पुराने चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों को बदलने का फैसला लिया है। इसके लिए लगभग 200 आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर खरीदने की तैयारी है, जिन्हें रिकॉनिसन्स एंड सर्विलांस हेलीकॉप्टर (RSH) कहा जाता है। ये हेलीकॉप्टर भारतीय सेना और वायुसेना दोनों के लिए होंगे, जिसमें सेना को 120 और वायुसेना को 80 हेलीकॉप्टर सौंपे जाएंगे।
मंत्रालय ने इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया है, ताकि तकनीकी जरूरतों को अंतिम रूप दिया जाए, खरीद का तरीका तय हो और भारतीय कंपनियों सहित संभावित आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की जाए, जो विदेशी निर्माताओं के साथ मिलकर ये हेलीकॉप्टर बना सकें।
रिपोर्ट के मुताबिक, ये हेलीकॉप्टर दिन-रात कई तरह के काम करेंगे। जैसे कि टोही और निगरानी, छोटी सैन्य टुकड़ियों या विशेष मिशन के लिए क्विक रिएक्शन टीमें ले जाना, जमीन पर मिलिट्री ऑपरेशन में मदद करना, सामान ढोना, हमलावर हेलीकॉप्टरों के साथ स्काउटिंग, घायलों को निकालना, खोज व बचाव कार्य और जरूरत पड़ने पर नागरिक प्रशासन की सहायता करना।
मार्च में भारतीय वायुसेना ने पहले ही यूटिलिटी हेलीकॉप्टरों सहित अन्य रक्षा उपकरण खरीदने की योजना बनाई थी। रक्षा समिति की ओर से इसे लेकर संसद में रिपोर्ट पेश की गई थी। इसके अनुसार, 2025-26 के लिए तय खरीद में लो-लेवल रडार, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA), लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH), मल्टीरोल हेलीकॉप्टर और किराए पर मिड-एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट शामिल हैं।
156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर खरीदने की मंजूरी
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर खरीदने की मंजूरी दी है, जिनकी कीमत 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। ये हेलीकॉप्टर भारतीय सेना और वायुसेना के बीच बांटे जाएंगे और चीन व पाकिस्तान की सीमाओं पर ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल होंगे।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, इससे देश में नौकरियां बढ़ेंगी और एयरोस्पेस क्षेत्र का विकास होगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय वायुसेना आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर ध्यान दे रही है। वायुसेना स्वदेशी फाइटर जेट, ट्रांसपोर्ट विमान, हेलीकॉप्टर, ट्रेनर विमान, हवा से हवा व हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियार, सतह से हवा में मार करने वाले हथियार, ड्रोन और रडार के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।