नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से पारंपरिक युद्ध के दायरे से आगे बढ़ने की अपील की है. 16 सितंबर 2025 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आयोजित संयुक्त कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपरंपरागत खतरों जैसे सूचना, वैचारिक, पारिस्थितिक और जैविक युद्ध से निपटने की तैयारी करने का आह्वान किया. यह कॉन्फ्रेंस ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार हुई, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को उद्घाटन किया था.
कॉन्फ्रेंस का पृष्ठभूमि और उद्घाटन
16वीं संयुक्त कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (CCC) 15 से 17 सितंबर 2025 तक कोलकाता के ईस्टर्न कमांड मुख्यालय विजय दुर्ग (पूर्व फोर्ट विलियम) में हुई. इसका थीम ‘सुधार का वर्ष – भविष्य के लिए परिवर्तन’ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को उद्घाटन किया और 4 घंटे रुके.
कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, डिफेंस सेक्रेटरी राजेश कुमार सिंह, डिफेंस प्रोडक्शन सेक्रेटरी संजीव कुमार, एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर सेक्रेटरी डॉ. नितेन चंद्रा, DRDO चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
यह कॉन्फ्रेंस हर दो साल में होती है, जहां सेना, नौसेना और वायुसेना के कमांडर्स राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति पर चर्चा करते हैं. 2025 में यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली थी, जो पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत की सटीक कार्रवाई थी.
रक्षा मंत्री का भाषण: मुख्य बिंदु
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था अस्थिर है. क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ रही है. इसलिए, सेना को वैश्विक बदलावों का लगातार मूल्यांकन करना चाहिए. देश की सुरक्षा प्रणाली पर उनके प्रभाव को समझना चाहिए. उन्होंने पारंपरिक युद्ध से आगे बढ़कर अदृश्य चुनौतियों जैसे सूचना युद्ध (फेक न्यूज), वैचारिक युद्ध (प्रोपेगैंडा), पारिस्थिक युद्ध (पर्यावरण हमले) और जैविक युद्ध (बायो-टेरर) से निपटने पर जोर दिया.