नई दिल्ली: कतर मध्य-पूर्व में अमेरिका का सबसे अहम सहयोगी है और जब इजरायल ने बीते हफ्ते कतर पर हमला कर दिया तो अमेरिका को भारी आलोचना झेलनी पड़ी. इसे लेकर ट्रंप ने सफाई दी कि उन्हें कतर पर इजरायल के हमले की जानकारी नहीं थी और वो दोबारा इस तरह के हमले नहीं होने देंगे. लेकिन मामला बढ़ता गया और सभी मुस्लिम देश कतर की राजधानी दोहा में जमा हुए जहां उन्होंने इजरायल के खिलाफ एकजुटता दिखाई. इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो मामला संभालने के लिए मंगलवार को कतर पहुंचे.
रुबियो ने अपने कतर दौरे में देश के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की. रुबियो पहले इजरायल गए थे जिसके बाद वो कतर पहुंचे और उन्होंने कतर से गाजा में युद्ध विराम के लिए इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थ बने रहने का आह्वान किया.
कतर पहुंचे रुबियो ने कहा कि कतर और अमेरिका एक आधुनिक डिफेंस सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने के कगार पर हैं. रुबियो का यह बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि बीते मंगलवार को ही इजरायल ने हमास नेताओं को निशाना बनाकर दोहा पर हमला किया था.
ट्रंप ने रक्षा का किया था वादा, फिर इजरायल ने कर दिया हमला
मई में कतर पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वादा दिया था कि अगर उस पर कभी हमला हुआ तो अमेरिका उसकी रक्षा करेगा. लेकिन अब ट्रंप कह रहे हैं कि उन्हें हमले की जानकारी नहीं थी. हालांकि, इजरायली अधिकारियों ने Axios से बात करते हुए दावा किया था कि ट्रंप को हमले से पहले ही इसकी जानकारी दे दी गई थी.
वहीं, रुबियो ने कतर के साथ समझौते को लेकर कहा, ‘कतर के साथ हमारी घनिष्ठ साझेदारी है. वास्तव में, हमारे बीच एक आधुनिक डिफेंस सहयोग समझौता है, जिस पर हम काम कर रहे हैं, हम इसे अंतिम रूप देने के कगार पर हैं.’
डिफेंस डील को लेकर क्या बोला कतर?
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल अंसारी ने बताया कि रुबियो ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की और रक्षा सहयोग पर चर्चा की.
रुबियो की यात्रा के बाद एक ब्रीफिंग में अल अंसारी ने कहा, ‘इजरायली हमला निश्चित रूप से, हमारे और अमेरिका के बीच एक नए रणनीतिक रक्षा समझौते की जरूरत को बढ़ाता है. यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से इसे जल्दी किया जाना चाहिए.’
कतर में इजरायल का हमला बेहद संवेदनशील था क्योंकि कतर अमेरिका का एक करीबी सहयोगी है और मध्य पूर्व में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा यहीं स्थित है. लगभग दो साल पहले गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से कतर मिस्र के साथ मिलकर युद्धविराम वार्ता की मेजबानी और मध्यस्थता कर रहा है.