वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार दिलाने के लिए व्हाइट हाउस ने जोर-शोर से कैंपेन शुरू कर दिया है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में मध्य पूर्व, एशिया और अफ्रीका में कई संघर्षों को सुलझाने का दावा करते हुए, व्हाइट हाउस ने उन्हें “पीस प्रेसिडेंट” (शांति राष्ट्रपति) तक करार दिया है। यह कैंपेन सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जहां ट्रंप के समर्थक और विश्व नेता उनके नाम की तारीफ कर रहे हैं। शुक्रवार यानि 10 अक्टूबर को नॉर्वे में शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा होने वाली है। इससे पहले ह्वाइट हाउस ने सोशल मीडिया पर ट्रंप के पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है।
शांति का नोबेल जीतने के लिए ट्रंप की संभावना पर बहस
ह्वाइट हाउस ने सोशल मीडिया पर माहौल बनाकर शांति का नोबेल पुरस्कार ट्रंप के जीतने की संभावना पर नई बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर ट्रंप के पक्ष और विपक्ष में कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ चुकी हैं। मगर ट्रंप को यह पुरस्कार मिल पाएगा या नहीं, यह अगले 24 घंटे में साफ हो जाएगा।
व्हाइट हाउस का कैंपेन: सोशल मीडिया पर ‘पीस प्रेसिडेंट’ का नारा
व्हाइट हाउस ने हाल ही में गाजा युद्ध को लेकर इजरायल और हमास के बीच पहले चरण के युद्धविराम समझौते की घोषणा की, जिसे ट्रंप की मध्यस्थता का श्रेय दिया गया। इसके तुरंत बाद व्हाइट हाउस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल (@WhiteHouse) पर पोस्ट किया गया: “मैं बहुत गर्व से घोषणा करता हूं कि इजरायल और हमास ने हमारे शांति प्लान के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए… शांति बनाने वाले धन्य हैं!” – राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप। इस पोस्ट को लाखों लाइक्स और रीपोस्ट मिले, और कई यूजर्स ने इसे नोबेल पुरस्कार से जोड़ दिया।
ट्रंप खुद भी हैं नोबेल के लिए बेताब
राष्ट्रपति ट्रंप खुद भी नोबेल पुरस्कार के लिए बेताब हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में कहा था, “सभी कहते हैं कि मुझे शांति का नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।” ट्रंप का दावा है कि उनके कार्यकाल में 7-8 युद्ध समाप्त हो चुके हैं। वह इसमें इजरायल-ईरान, भारत-पाकिस्तान (हालांकि भारत इसे पूरी तरह खारिज कर चुका है), थाईलैंड-कंबोडिया और रवांडा-कांगो, इजरायल-हमास और आर्मीनिया अजरबैजान के बीच शांति समझौते कराने का दावा करते हैं। व्हाइट हाउस ने X (पूर्व ट्विटर) पर #PeacePresident ट्रेंड चलाने की कोशिश की, जहां ट्रंप के समर्थक पोस्ट शेयर कर रहे हैं।
2025 में नहीं तो क्या 2026 में मिल सकता है ट्रंप को नोबेल?
ट्रंप के पक्ष में कई नामांकन 31 जनवरी 2025 की डेडलाइन के बाद के हैं। इसलिए 2025 में ट्रंप को शांति का नोबेल दिलाने में वह अधिक भूमिका शायद नहीं निभा पाएंगे। मगर यह उम्मीद की जा सकती है कि वे सभी नामांकन 2026 के लिए मान्य हो सकते हैं। ऐसे में ट्रंप 2026 में शांति के नोबेल के लिए दावेदार हो सकता हैं। ट्रंप ने व्यंगात्मक लहजे में कहा, “शायद कमिटी मुझे न देने का कोई बहाना ढूंढ लेगी ।”