नई दिल्ली। पंजाब पुलिस के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) हरचरण सिंह भुल्लर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह मामला आकाश भट्टा नाम के एक स्क्रैप डीलर की शिकायत के बाद सामने आया जिसमें भुल्लर पर नियमित रिश्वत वसूलने का आरोप लगाया गया। डीआईजी साहब रिश्वत को ‘सेवा-पानी’ के नाम पर गटक जाते थे। सीबीआई ने भुल्लर के कार्यालय और घर पर छापेमारी के दौरान 5 करोड़ रुपये नकद, 1.5 किलोग्राम सोना, 22 लग्जरी घड़ियां, मर्सिडीज और ऑडी की चाबियां, 40 लीटर आयातित शराब, और कई हथियार बरामद किए।
वॉट्सऐप कॉल ने खोली पोल
2007 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हरचरण सिंह भुल्लर ने पिछले साल नवंबर में रोपड़ रेंज के डीआईजी का पद संभाला था। सीबीआई को 11 अक्टूबर को स्क्रैप डीलर आकाश भट्टा ने शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि भुल्लर ने उन्हें झूठे आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी दी और 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
सीबीआई की जांच में एक वॉट्सऐप कॉल ने भुल्लर के काले कारनामों का पर्दाफाश किया। इस कॉल में भुल्लर अपने बिचौलिए ‘किरशानु’ से पंजाबी में कहते सुने गए, “8 फड़ने ने 8 (उससे 8 लाख रुपये वसूलो)।” उन्होंने आगे कहा, “जिन्ना देन्दा नाल नाल फड़ी चल, ओहनु कहदे 8 कर दे पूरा (जो देता है, लेते रहो और उसे कहो कि 8 लाख पूरे करे)।” इस बातचीत ने साफ कर दिया कि भुल्लर रिश्वत की मांग कर रहे थे।
बिचौलिया किरशानु ने भी भट्टा के साथ बातचीत में भुल्लर की मांग को उजागर किया। उसने कहा, “एद्दा कहना पता कि है… कहंदा है अगस्त दा नी आया, सितंबर दा नी आया (तुम्हें पता है क्या कह रहे हैं… उसे कहो कि अगस्त और सितंबर की रिश्वत नहीं दी)।” इस बातचीत ने भुल्लर पर मासिक रिश्वत मांगने के आरोपों को और पुख्ता किया। सीबीआई ने वॉट्सऐप कॉल में इस्तेमाल हुए मोबाइल नंबर की जांच की और पुष्टि की कि यह नंबर रोपड़ डीआईजी के नाम पर रजिस्टर्ड था।
सीबीआई की छापेमारी और बरामदगी
गुरुवार को सीबीआई ने भुल्लर को उनके मोहाली स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया। साथ ही, उनके चंडीगढ़ के सेक्टर 40 स्थित निजी आवास और कार्यालय पर एक साथ छापेमारी की गई। छापेमारी में 5 करोड़ रुपये नकद, 1.5 किलोग्राम सोना, मर्सिडीज और ऑडी की चाबियां, अचल संपत्तियों के दस्तावेज, लॉकर की चाबियां, 22 लग्जरी घड़ियां, 40 लीटर आयातित शराब, और कई हथियार बरामद हुए। इनमें एक पिस्तौल, एक रिवॉल्वर, एक डबल-बैरल बंदूक, और एक एयरगन के साथ गोला-बारूद शामिल थे।
बरामद सोना-चांदीये भी पढ़ें:कुबेर का खजाना रखने वाले DIG हरचरण सिंह भुल्लर को सीबीआई ने कैसे जाल में फंसायाये भी पढ़ें:कौन हैं IPS हरचरण भुल्लर? CBI को उनके घर से मिले 5 करोड़ कैश और मर्सिडीज-ऑडी भी
कैसे पकड़ा गया भुल्लर?
सीबीआई ने एक जाल बिछाया और बिचौलिए को चंडीगढ़ के सेक्टर 21 में स्क्रैप डीलर से 8 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। ट्रैप के दौरान सीबीआई ने एक “कंट्रोल्ड कॉल” भी करवाई जिसमें भुल्लर ने भुगतान स्वीकार करने की बात कही और दोनों को अपने दफ्तर बुलाया। इसके बाद सीबीआई टीम ने मोहाली स्थित कार्यालय से डीआईजी भुल्लर को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, बिचौलिया को चंडीगढ़ के सेक्टर 9D मार्केट से गिरफ्तार किया गया।
इस मामले में भुल्लर और किरशानु के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 7A, और भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच अभी जारी है, और सीबीआई भुल्लर की गतिविधियों की गहन जांच कर रही है।
भुल्लर का विवादास्पद इतिहास
हरचरण सिंह भुल्लर, पूर्व पंजाब पुलिस महानिदेशक मेहल सिंह भुल्लर के बेटे हैं। उन्होंने पहले पटियाला रेंज के डीआईजी, सतर्कता ब्यूरो के संयुक्त निदेशक, और जगरांव, मोहाली, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, होशियारपुर, और गुरदासपुर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में काम किया।
भुल्लर पहले भी अपने विवादास्पद नेतृत्व के लिए सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग तस्करी के आरोपों की जांच के लिए पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) का नेतृत्व किया था। इस दौरान उन पर कुप्रबंधन और सख्त रवैये के आरोप लगे, जिसके बाद उन्हें हटा दिया गया था।