नई दिल्ली। अगर आप गार्डनिंग के शौकीन हैं और पौधों को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो रासायनिक खाद की बजाय ये 6 घरेलू उपाय अपनाएं. घर में आसानी से उपलब्ध सामग्रियों से बने ये उपाय पौधों की बढ़वार और हरी-भरी सुंदरता के लिए बेहद प्रभावी हैं.
क्या आप अपने पौधों को बिना केमिकल वाली खाद देना चाहते हैं? घर पर ही प्राकृतिक खाद बनाना इसका सबसे अच्छा तरीका है। ये खाद आपके पौधों को भी पोषण देगी और मिट्टी को भी स्वस्थ रखेगी।
वर्मीकम्पोस्ट – केंचुओं वाली खाद यह कम्पोस्ट से भी ज्यादा ताकतवर खाद है, जिसे बनाने में केंचुओं की मदद ली जाती है। एक पुराने डब्बे में कुछ छेद कर दें। उसमें गीले अखबार के टुकड़े बिछाएँ। फिर उसमें केंचुए और रसोई का कचरा (निम्बू, संतरा, प्याज-लहसुन का कचरा न डालें) डाल दें। डब्बे को ढक कर रख दें। केंचुए इस कचरे को खाकर बेहतरीन खाद बना देंगे। यह खाद पौधों को बीमारियों से लड़ने की ताकत देती है।
तरल खाद – पौधों का जूस यह एक प्रकार का तरल खाद है जो पौधों को जल्दी पोषण देता है। केले के छिलके सुखाकर उनका पाउडर बना लें और मिट्टी में मिलाएँ। या फिर इन छिलकों को कुछ दिन पानी में भिगोकर रख दें, फिर उस पानी से पौधों में पानी दें। इससे फल और फूल अच्छे आते हैं। अंडे के छिलकों को धोकर सुखा लें और पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को मिट्टी में मिलाने से पौधों को कैल्शियम मिलता है और बीमारी कम लगती है।
छाछ (लस्सी) का इस्तेमाल छाछ या लस्सी भी पौधों के लिए एक हल्की खाद का काम करती है। एक लीटर पानी में दो चम्मच छाछ मिलाएँ। इस मिश्रण को सीधे पौधे की जड़ में डालें। इससे मिट्टी में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जिससे पौधे ज्यादा अच्छे से खाद सोख पाते हैं।
नीम की खली – खाद भी, दवा भी यह नीम के बीजों से तेल निकालने के बाद बचा हुआ भाग है। यह खाद का काम भी करती है और कीटनाशक का भी। इसे बाजार से खरीदकर लाएँ। पौधा लगाते समय इसके पाउडर को मिट्टी में मिलाएँ। यह मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़ाती है और दीमक जैसे कीड़ों को दूर भगाती है।
हरी खाद – दाल के पौधे वाली खाद अगर आपके पास खाली जगह है, तो यह तरीका बहुत अच्छा है एक गमले या जमीन में मूँग या उड़द के बीज बो दें। 25-30 दिन बाद, जब पौधे बड़े हो जाएँ पर फल न लगे हों, तो उन्हें जड़ से उखाड़ लें। इन पौधों के छोटे-छोटे टुकड़े करके मिट्टी में दबा दें। ये पौधे मिट्टी में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ा देते हैं।
हरी खाद-दाल के पौधे वाली खाद: अगर आपके पास खाली जगह है, तो यह तरीका बहुत अच्छा है. एक गमले या जमीन में मूँग या उड़द के बीज बो दें. 25-30 दिन बाद, जब पौधे बड़े हो जाएं पर फल न लगे हों, तो उन्हें जड़ से उखाड़ लें. इन पौधों के छोटे-छोटे टुकड़े करके मिट्टी में दबा दें. ये पौधे मिट्टी में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ा देते हैं.
कम्पोस्ट खाद – कचरे से बने सोना: यह सबसे आम और आसान तरीका है. आप रसोई के कचरे को जमा करके उसकी खाद बना सकते हैं. एक बड़ा बर्तन या डब्बा लें. उसमें सब्ज़ी-फल के छिलके, अंडे के छिलके, सूखे पत्ते, बची हुई चायपत्ती डालते रहें. इस डब्बे को हिलाते-पलटते रहें और थोड़ा गीला रखें. 2-3 महीने में यह कचरा सड़कर बढ़िया काले रंग की खाद बन जाएगा. यह खाद मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और पानी सोखने की उसकी ताकत बढ़ाती है.