प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की जंग तेज हो चुकी है, जहां अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के वोटबैंक पर सभी की नजर टिकी है। आज (24 अक्टूबर) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर जिले के कर्पूरीग्राम (जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्मस्थान) से एनडीए के चुनावी अभियान का आगाज किया। यहां उन्होंने कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी और अपनी रैली में महागठबंधन पर तीखा प्रहार किया। यह घटना बिहार की राजनीति में एक नई ‘सियासी लकीर’ खींचने जैसी है, जहां महागठबंधन EBC को साधने की बिसात बिछा रहा था, लेकिन मोदी ने ठाकुर की विरासत को केंद्र में रखकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा कर दिया।
कर्पूरी ठाकुर कौन थे और क्यों हैं सियासी केंद्र
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री (1970-71 और 1977-79) जननायक कर्पूरी ठाकुर को ‘जननायक’ कहा जाता है। वे नायक (निषाद) समुदाय से थे और OBC/EBC आरक्षण के प्रणेता माने जाते हैं। 1978 में उन्होंने बिहार में 26% पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू किया, जो मंडल आयोग (1990) का आधार बना। 2024 में उन्हें भारत रत्न मिला, जो मोदी सरकार का EBC सशक्तिकरण का संदेश था।
बिहार में EBC (लगभग 36% आबादी) वोट निर्णायक हैं। पारंपरिक रूप से JDU (नीतीश कुमार) का आधार, लेकिन महागठबंधन इसे MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण से जोड़कर सेंध लगाना चाहता है। ठाकुर की विरासत पर दावा करने से EBC का समर्थन पक्का हो सकता है।
महागठबंधन ने कैसे बिछाई ‘बिसात’ ?
महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वाम दल, VIP आदि) EBC को अपने पाले में लाने के लिए बहुआयामी रणनीति पर काम कर रहा है VIP का दांव मुकेश सहनी (VIP प्रमुख, निषाद समुदाय से) को उपमुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर EBC (खासकर निषाद-मल्लाह) को लुभाना। सहनी ने कहा, “महागठबंधन की सरकार बनी तो डिप्टी CM बनेंगे। कर्पूरी ठाकुर के बाद EBC में कोई बड़ा लीडर नहीं उभरा।”
आरक्षण और जातिगत जनगणना
तेजस्वी यादव (RJD) ने जातिगत सर्वे पर जोर दिया और कहा कि महागठबंधन EBC आरक्षण बढ़ाएगा। उन्होंने NDA से CM चेहरा घोषित करने की चुनौती दी। महागठबंधन ठाकुर को ‘समाजवादी’ आइकन बताकर OBC/EBC को जोड़ रहा है, लेकिन NDA पर ‘वोटबैंक राजनीति’ का आरोप लगाता है।
महागठबंधन की EBC रणनीति
उदाहरण: VIP के जरिए निषाद-मल्लाह साधना। मुकेश सहनी को डिप्टी CM का वादा। जातिगत जनगणना और आरक्षण वृद्धि। तेजस्वी का फोकस MY+EBC समीकरण पर। ठाकुर विरासत का उपयोग ‘जंगलराज’ के खिलाफ EBC एकजुटता।
मोदी ने कैसे खींची ‘सियासी लकीर’ ?
24 अक्टूबर को समस्तीपुर रैली में मोदी ने ठाकुर को श्रद्धांजलि देकर NDA की EBC रणनीति सेट की। मोदी ने कहा, “कर्पूरी ठाकुर की विरासत को महागठबंधन चुराना चाहता है। NDA ही EBC का सच्चा हितैषी है।” उन्होंने RJD-कांग्रेस पर ‘जंगलराज’ लौटाने का आरोप लगाया और NDA की जीत का दावा किया। नीतीश कुमार के साथ जोड़ी EBC को साधने का मास्टरस्ट्रोक है।
ठाकुर के गांव से शुरूआत कर ‘मंडल’ (OBC) राजनीति को ‘कमंडल’ (हिंदुत्व) से जोड़ा। 2024 भारत रत्न के बाद यह कदम नीतीश को मजबूत करता है। सोशल मीडिया X पर चर्चा “मोदी ने EBC को सुपरचार्ज दिया।” विपक्ष पर ‘स्वार्थ सर्वोपरि’ का तंज। कांग्रेस ने पुराना कांड याद दिलाया (1979 में जनसंघ ने ठाकुर सरकार गिराई), लेकिन मोदी ने इसे नजरअंदाज कर विकास पर फोकस किया।
NDA की EBC रणनीति
उदाहरण: ठाकुर विरासत का उपयोग। गांव से रैली, भारत रत्न का जिक्र। नीतीश-मोदी जोड़ी। JDU का EBC बेस मजबूत करना। विकास एजेंडा। ‘जंगलराज’ vs ‘विकास’ नैरेटिव
क्यों सबके केंद्र में कर्पूरी ठाकुर ?
EBC (निषाद, केवट, रविदास आदि) बिना NDA हार सकता है महागठबंधन बिना जीत नहीं। ठाकुर का नाम EBC को भावनात्मक रूप से बांधता है। तेजस्वी ने कहा, “BJP ने ठाकुर को गालियां दी थीं।” लेकिन मोदी ने इसे पलट दिया “हमने भारत रत्न दिया।”
चुनावी नतीजे का अनुमान
चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर, गिनती 14 नवंबर। NDA (BJP+JDU) EBC+उच्च वर्ग पर दांव, महागठबंधन MY+EBC पर। मोदी की रैलियां (वैशाली, मुजफ्फरपुर आदि) ताबड़तोड़ जारी रहेंगी। यह ‘लकीर’ EBC को निर्णायक बनाएगी – कौन साध पाएगा?







