प्रकाश मेहरा
स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर गंभीर चिंता जताई। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) जस्टिस सूर्य कांत की अगुवाई वाली बेंच ने मामले को “स्वास्थ्य आपातकाल” करार दिया और सुनवाई को नियमित आधार पर जारी रखने का फैसला किया। उपयोगकर्ता के उल्लेखित वाक्यांश “सॉल्यूशन क्या है, हम लगातार निगरानी करेंगे” सीजेआई के बयान से मेल खाते हैं, जहां उन्होंने प्रदूषण के समाधान पर सवाल उठाते हुए कहा कि “कोर्ट के पास कोई “जादुई छड़ी” (मैजिक वांड) नहीं है, लेकिन अब से लगातार निगरानी की जाएगी।
दिल्ली का वायु प्रदूषण संकट
27 नवंबर 2025 को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 335 के आसपास दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” (very poor) श्रेणी में आता है। यह 14वें लगातार दिन है जब AQI 300 से ऊपर रहा। कुछ इलाकों में यह “गंभीर” (severe) स्तर को छू गया।
पराली जलाना (पंजाब-हरियाणा से), वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन और मौसम की विपरीत परिस्थितियां मुख्य वजहें हैं। दीवाली के बाद प्रदूषण और बढ़ गया, हालांकि कोर्ट ने हरे पटाखों की अनुमति दी थी।सीजेआई जस्टिस सूर्य कांत ने खुद बताया कि प्रदूषण के कारण उनकी मॉर्निंग वॉक प्रभावित हुई—सुबह के मुकाबले शाम में प्रदूषण कम रहता है। वकीलों और निवासियों को स्वास्थ्य जोखिम का सामना करना पड़ रहा है, जिससे सांस की बीमारियां, कंजेशन और स्थायी क्षति का खतरा बढ़ गया।
27 नवंबर को अमीकस क्यूरी (कोर्ट-नियुक्त वकील) अपराजिता सिंह ने मामले का उल्लेख किया, जो दिल्ली-एनसीआर में “चेतावनीपूर्ण स्थिति” और “स्वास्थ्य आपातकाल” बताते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की।
सॉल्यूशन क्या है? (What is the solution?)
सीजेआई ने कहा कि “प्रदूषण का कोई एकल कारण या समाधान नहीं है। कोर्ट के पास “मैजिक वांड” नहीं है—यह डोमेन एक्सपर्ट्स (वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों) पर निर्भर करता है। लेकिन समस्या सभी निवासियों को प्रभावित कर रही है।
निगरानी का वादा “हम लगातार निगरानी करेंगे (Need for continuous monitoring)” अब से मामला सालाना “सांकेतिक” सुनवाई से आगे बढ़ेगा। 3 दिसंबर 2025 को अगली सुनवाई होगी, और उसके बाद नियमित अंतराल पर। कोर्ट उम्मीद जताई कि अधिकारियों ने “कुछ नया” सोचा होगा।
GRAP उपाय
स्टेज I & II लागू, स्टेज IV की समीक्षा..कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) को निर्देश दिया कि GRAP (Graded Response Action Plan) के तहत उपाय सख्ती से लागू हों। AQI 400 से नीचे गिरने पर भी प्रतिबंध जारी रहेंगे। स्कूलों के खुले खेल आयोजनों को नवंबर-दिसंबर में स्थगित करने पर विचार।
वाहन उत्सर्जन BS-III वाहनों पर छूट पर विचार 12 अगस्त 2025 के आदेश की समीक्षा, जहां 10-वर्षीय डीजल और 15-वर्षीय पेट्रोल वाहनों पर सख्ती रोकी गई थी। CAQM को सक्रिय उपाय सुझाने को कहा।
वर्चुअल सुनवाई पर विचार
प्रदूषण के कारण वकीलों को वर्चुअल मोड अपनाने की सलाह। सीजेआई शाम को बार प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे। 60+ उम्र के वकीलों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति का विकल्प। जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा, “मास्क भी पर्याप्त नहीं, स्थायी क्षति हो सकती है।”
आगे की कार्रवाई… CAQM की भूमिका
कोर्ट ने CAQM से विस्तृत एक्शन प्लान और डेटा मांगा। गैर-कार्यात्मक मॉनिटरिंग स्टेशनों पर सवाल उठे, जो GRAP लागू करने में बाधा। पंजाब-हरियाणा से पराली जलाने पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी। सभी एनसीआर राज्यों में GRAP IV उपाय 2 दिसंबर तक जारी। वकील कपिल सिब्बल ने कहा, “हमारी उम्र में यह विषैली हवा सांस लेना असहनीय है।” कोर्ट ने इसे “बहुत-बहुत गंभीर” (very very serious) बताया।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से साफ है कि “दिल्ली का प्रदूषण अब सिर्फ मौसमी समस्या नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट है। हालांकि कोर्ट ने समाधान का दायरा सीमित बताया, लेकिन लगातार निगरानी से उम्मीद है कि CAQM और राज्य सरकारें ठोस कदम उठाएंगी। 3 दिसंबर की सुनवाई महत्वपूर्ण होगी। यदि AQI में सुधार न हुआ, तो और सख्त उपाय संभव।







