स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: नीदरलैंड के राष्ट्रीय संग्रहालय (रिज्क्स म्यूजियम, एम्स्टर्डम) में एक 200 साल पुराना कंडोम प्रदर्शित किया गया है, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता के कारण वैश्विक ध्यान का केंद्र बना हुआ है। यह कंडोम, जो 1830 के आसपास भेड़ के अपेंडिक्स से बनाया गया था, केवल एक गर्भनिरोधक उपकरण नहीं है, बल्कि 19वीं सदी की यौन संस्कृति, कला और सामाजिक मान्यताओं का एक अनूठा प्रतीक है।
इसकी प्रदर्शनी, जिसका नाम “सुरक्षित सेक्स?” (Safe Sex?) है, 3 जून, 2025 को शुरू हुई और नवंबर 2025 तक चलेगी। यह प्रदर्शनी 19वीं सदी के रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट और यौन स्वास्थ्य के इतिहास को समझाने का प्रयास करती है। आइए इसे विस्तार से एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
कंडोम की खासियत… क्यों है यह अनूठा ?
यह कंडोम लगभग 200 साल पुराना है, जो 1830 के दशक का है। उस समय कंडोम को भेड़, सूअर या बकरी की आंतों से बनाया जाता था, और यह केवल अमीर वर्ग के लिए उपलब्ध था क्योंकि इसकी कीमत बहुत अधिक थी। इसे एक रोगनिरोधी उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, जो यौन स्वास्थ्य के चंचल और गंभीर दोनों पहलुओं को दर्शाता है। यह उस समय की सीमित गर्भनिरोधक जानकारी और यौन रोगों से बचाव की जरूरत को उजागर करता है।
कला और संस्कृति का प्रतीक
कंडोम की सतह पर एक कामुक चित्र उकेरा गया है, जिसमें एक नन और तीन पुरुष पादरियों को उत्तेजक मुद्रा में दिखाया गया है। यह चित्र संभवत एम्स्टर्डम के रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट से एक स्मृति चिह्न के रूप में लिया गया था। इस पर फ्रेंच में लिखा वाक्यांश “यह मेरी पसंद है” (C’est mon choix) पियरे-ऑगस्टे रेनॉयर की प्रसिद्ध पेंटिंग “द जजमेंट ऑफ पेरिस” से प्रेरित है, जिसमें ट्रोजन राजकुमार पेरिस तीन देवियों के बीच सौंदर्य प्रतियोगिता का फैसला करते हैं। यह चित्र उस समय की यौन संस्कृति और वेश्यावृत्ति से जुड़े सामाजिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
यह कंडोम भेड़ के अपेंडिक्स से बना है, जो उस समय की प्राकृतिक सामग्री थी। यह आधुनिक कंडोम से बिल्कुल अलग था, जो लेटेक्स या पॉलीयूरीथेन से बनते हैं। इसकी बनावट और निर्माण प्रक्रिया 19वीं सदी की तकनीक और संसाधनों की झलक देती है।
क्या है प्रदर्शनी का उद्देश्य?
रिज्क्सम्यूजियम की “सुरक्षित सेक्स?” प्रदर्शनी का मकसद 19वीं सदी में वेश्यावृत्ति, यौन स्वास्थ्य और सामाजिक मान्यताओं को समझाना है। यह कंडोम कुछ कारणों से प्रदर्शित किया गया यह कंडोम उस समय के रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट की संस्कृति और कला का नमूना है। यह दर्शाता है कि कैसे यौन स्वास्थ्य और कामुकता को उस समय के समाज में देखा जाता था।
प्रदर्शनी लोगों को उस समय की यौन स्वास्थ्य प्रथाओं, जैसे रोगों से बचाव और गर्भनिरोध के बारे में शिक्षित करती है। यह उस समय की सीमित चिकित्सा जानकारी को भी उजागर करती है। इस कंडोम पर उकेरी गई छवि कला और यौन संस्कृति के बीच संबंध को दर्शाती है, जो इसे एक अनूठा ऐतिहासिक दस्तावेज बनाती है।
दुनिया के लिए क्यों खास ?
200 साल पुराना कंडोम अपने आप में एक दुर्लभ वस्तु है। उस समय कंडोम का उत्पादन और उपयोग सीमित था, और यह केवल उच्च वर्ग के लिए सुलभ था। इसका संरक्षण और प्रदर्शन इतिहास के एक अनछुए पहलू को सामने लाता है। इसकी नीलामी ऑक्शन प्लेटफॉर्म Catawiki पर हुई, जहां इसे एम्स्टर्डम के एक खरीददार ने ऊंची बोली लगाकर खरीदा, जो इसकी वैश्विक महत्ता को दर्शाता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि
यह कंडोम 19वीं सदी के यूरोपीय समाज, खासकर एम्स्टर्डम के रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट, की जटिलताओं को दर्शाता है। यह उस समय की यौन स्वतंत्रता, सामाजिक निषेध और कला के मिश्रण को दिखाता है। यह वस्तु यौन स्वास्थ्य के प्रति उस समय की जागरूकता और सीमाओं को समझने में मदद करती है, जो आधुनिक यौन शिक्षा और स्वास्थ्य नीतियों के विकास को देखने के लिए महत्वपूर्ण है।
इस प्रदर्शनी ने वैश्विक मीडिया का ध्यान खींचा है। CNN, The Guardian और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों ने इसे कवर किया, जिससे यह सांस्कृतिक और ऐतिहासिक चर्चा का विषय बन गया। यह कंडोम न केवल नीदरलैंड की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर यौन स्वास्थ्य और इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ाने में योगदान दे रहा है।
डिस्ट्रिक्ट की कला और संस्कृति
रिज्क्सम्यूजियम, एम्स्टर्डम, नीदरलैंड। इसकी अवधि 3 जून, 2025 से नवंबर 2025 तक। इसका थीम “सुरक्षित सेक्स?” प्रदर्शनी 19वीं सदी की वेश्यावृत्ति और यौन स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं को उजागर करती है। इस प्रदर्शनी में उस समय की अन्य वस्तुएं और चित्र भी शामिल हैं, जो रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट की कला और संस्कृति को दर्शाते हैं।
19वीं सदी में यौन स्वास्थ्य
उस समय यौन रोगों, जैसे सिफलिस, का खतरा बहुत अधिक था। कंडोम का उपयोग मुख्य रूप से रोगों से बचाव के लिए होता था, न कि केवल गर्भनिरोध के लिए। यह कंडोम उस समय की स्वास्थ्य प्रथाओं की झलक देता है। एम्स्टर्डम का रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट उस समय यौन संस्कृति का केंद्र था। इस कंडोम का कामुक चित्र उस समय की खुली और निषिद्ध दोनों तरह की मान्यताओं को दर्शाता है। इस कंडोम पर उकेरी गई छवि उस समय की कला और कामुकता के बीच संबंध को दिखाती है, जो इसे एक ऐतिहासिक कलाकृति बनाती है।
वैश्विक स्तर पर इतिहास और कला !
नीदरलैंड के रिज्क्स म्यूजियम में प्रदर्शित 200 साल पुराना कंडोम केवल एक गर्भनिरोधक उपकरण नहीं, बल्कि 19वीं सदी की यौन संस्कृति, कला और स्वास्थ्य प्रथाओं का एक जीवंत दस्तावेज है। इसकी कामुक छवि, भेड़ के अपेंडिक्स से निर्माण, और रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट से संबंध इसे ऐतिहासिक रूप से अनूठा बनाते हैं। “सुरक्षित सेक्स?” प्रदर्शनी के माध्यम से यह कंडोम दुनिया भर में यौन स्वास्थ्य और सामाजिक इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ा रहा है। यह न केवल नीदरलैंड की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर इतिहास और कला के प्रेमियों के लिए एक विचारोत्तेजक प्रदर्शन है।