हेल्थ डेस्क/नई दिल्ली। एशिया के कई देशों में कोविड-19 के मामलों में फिर से उछाल देखा जा रहा है, जिसने हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड और चीन जैसे देशों में चिंता बढ़ा दी है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार में समझते हैं
क्या हैं हांगकांग में स्थिति ?
हांगकांग में कोविड-19 के मामले और इससे होने वाली मौतें पिछले एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। 3 मई, 2025 को समाप्त हुए सप्ताह में 31 मौतें दर्ज की गईं और 10 मई तक के सप्ताह में 1,042 नए मामले सामने आए। सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन के प्रमुख अल्बर्ट औ के अनुसार, वायरस की गतिविधि “काफी उच्च” स्तर पर है। टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 13.66% तक पहुंच गया, जो चार हफ्ते पहले 6.21% था। अस्पताल में भर्ती मरीजों और कोविड से संबंधित परामर्श की संख्या में 30% तक की वृद्धि हुई है। सीवेज पानी में वायरल लोड भी बढ़ा है, जो सामुदायिक प्रसार का संकेत देता है। मशहूर पॉप स्टार ईसन चान ने कोविड पॉजिटिव होने के कारण अपने कॉन्सर्ट रद्द कर दिए।
सिंगापुर में क्या है हालात ?
केस में उछाल सिंगापुर में 3 मई, 2025 तक के सप्ताह में कोविड मामलों में 28% की वृद्धि हुई, कुल 14,200 मामले दर्ज किए गए। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में भी करीब 30% की बढ़ोतरी हुई। वर्तमान में LF.7 और NB.1.8 वेरिएंट, जो JN.1 स्ट्रेन से संबंधित हैं, दो-तिहाई से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। मंत्रालय का कहना है कि “ये वेरिएंट पहले की तुलना में अधिक संक्रामक या गंभीर नहीं हैं। ज्यादातर मरीज सामान्य फ्लू की तरह जल्दी ठीक हो रहे हैं।”
थाईलैंड में स्थिति
सोंगक्रान फेस्टिवल के बाद बढ़ोतरी अप्रैल 2025 में आयोजित सोंगक्रान त्योहार के बाद भीड़भाड़ के कारण कोविड मामलों में दो बड़े क्लस्टर प्रकोप देखे गए। थाईलैंड का रोग नियंत्रण विभाग सतर्क है और मामलों की निगरानी कर रहा है।
चीन में भी हालत चिंताजनक
पॉजिटिविटी रेट में वृद्धि चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, 4 मई, 2025 तक पिछले पांच हफ्तों में अस्पतालों में कोविड टेस्ट पॉजिटिविटी रेट दोगुना से अधिक हो गया है। पिछले साल की गर्मियों के पीक स्तर के करीब पहुंचने की आशंका है।
क्यों हो रही है यह वृद्धि ?
विशेषज्ञों का मानना है कि “वैक्सीन या पिछले संक्रमण से मिली इम्यूनिटी समय के साथ कमजोर हो रही है।” आमतौर पर सर्दियों में श्वसन वायरस अधिक सक्रिय होते हैं, लेकिन इस बार गर्मियों में मामले बढ़ना चिंताजनक है, जो मौसमी सीमाओं से परे वायरस के प्रसार को दर्शाता है। सिंगापुर में LF.7 और NB.1.8 जैसे JN.1 से जुड़े वेरिएंट प्रमुख हैं, लेकिन ये पहले की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं माने जा रहे।
प्रशासन का रुख
हांगकांग में हाई-रिस्क लोगों (बुजुर्ग, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त) को कम से कम 6 महीने बाद बूस्टर डोज लेने की सलाह। व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वच्छता पर जोर। सिंगापुर में हाई अलर्ट जारी, बूस्टर डोज पर जोर। मास्क पहनने और हाथ धोने जैसे बचाव उपायों की सलाह। थाईलैंड में त्योहारों के बाद बढ़े मामलों को देखते हुए निगरानी बढ़ाई गई।
क्या यह नई महामारी का संकेत है ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि “मौजूदा वेरिएंट पहले की तरह गंभीर नहीं हैं, और ज्यादातर मामले सामान्य फ्लू जैसे हैं। हालांकि, कमजोर इम्यूनिटी और बूस्टर डोज की कमी के कारण हाई-रिस्क समूहों में खतरा बना हुआ है। भारत के संदर्भ में, विशेषज्ञ सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन अभी कोई बड़ा खतरा नहीं बताया गया है।
क्या हैं बचाव के उपाय ?
- मास्क: भीड़ में मास्क पहनें, खासकर अगर खांसी या सर्दी के लक्षण हों।
- हाथ धोना: बार-बार साबुन या हैंडवॉश से हाथ साफ करें।
- बूस्टर डोज: हाई-रिस्क लोग बूस्टर डोज लें।
अस्पताल जाएं: बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कमजोर इम्यूनिटी और मौसमी बदलाव
हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड और चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामले निश्चित रूप से चिंता का विषय हैं, लेकिन यह 2020-21 जैसी महामारी की स्थिति नहीं है। कमजोर इम्यूनिटी और मौसमी बदलाव इस उछाल के मुख्य कारण माने जा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सतर्कता बढ़ा दी है, और लोगों से बुनियादी सावधानियां बरतने को कहा जा रहा है। भारत में भी सतर्क रहना जरूरी है, खासकर हाई-रिस्क समूहों के लिए, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
सुझाव: कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, विशेषकर बुजुर्गों और स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों को बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जा रही है।