प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली : 2025 की अमरनाथ यात्रा, जो 3 जुलाई को शुरू हुई थी, निर्धारित तिथि 9 अगस्त से एक सप्ताह पहले 2 अगस्त को समाप्त कर दी गई। इसका मुख्य कारण भारी बारिश और खराब मौसम था, जिसके चलते बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने मरम्मत और रखरखाव के लिए यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया।
श्रद्धालुओं की संख्या
इस वर्ष 4,14,311 श्रद्धालुओं ने पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। अंतिम दिन (2 अगस्त) को 6,497 भक्तों ने दर्शन किए। यह संख्या पिछले वर्ष (2024) के 5.10 लाख और 2023 के 4.50 लाख की तुलना में कम रही, जिसका कारण पहलगाम में अप्रैल 2025 में हुआ आतंकी हमला और खराब मौसम माना जा रहा है। आतंकी हमले के बाद रजिस्ट्रेशन में कमी आई, जहां 2.35 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन केवल 85,000 ने ही यात्रा की पुष्टि की।
यात्रा की अवधि और मार्ग
इस बार यात्रा 38 दिनों तक चली, जो सामान्य 52-62 दिनों की तुलना में कम थी। दो मुख्य मार्गों से यात्रा होती है पहलगाम मार्ग से 46 किमी लंबा, जिसमें चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी पड़ाव शामिल हैं। इस मार्ग पर यात्रा में 4 दिन लगते हैं। बालटाल मार्ग 14 किमी का छोटा लेकिन खड़ा रास्ता, जहां श्रद्धालु एक ही दिन में दर्शन कर वापस लौट सकते हैं। इस साल सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं।
क्या रही सुरक्षा व्यवस्था ?
पहलगाम में अप्रैल 2025 के आतंकी हमले के बाद यात्रा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए। 35,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए, और हर 50 मीटर पर जवान मौजूद थे। सभी वाहनों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग लगाए गए और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई। 581 सुरक्षा कंपनियों, जिसमें BSF, CRPF, SSB, ITBP और CISF शामिल थीं, ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
क्या-क्या रही प्रमुख चुनौतियां !
भारी बारिश के कारण 17 जुलाई और 1-3 अगस्त को यात्रा अस्थायी रूप से रोकी गई। बालटाल मार्ग पर मडस्लाइड की घटना में एक श्रद्धालु की मृत्यु और 8 लोग घायल हुए। पहलगाम आतंकी हमले के कारण श्रद्धालुओं में डर का माहौल था, जिसने रजिस्ट्रेशन और भागीदारी को प्रभावित किया।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) ने यात्रियों के लिए इंसुलेटेड हट्स, टेंट और मेडिकल कैंप की व्यवस्था की। हर 2 किमी पर मेडिकल कैंप और चार स्टैंड बनाए गए। प्रत्येक पंजीकृत यात्री को 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा प्रदान किया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और लंगर सेवाओं की सराहना की।
अमरनाथ गुफा का आध्यात्मिक महत्व
अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता की कथा सुनाई थी, जिसके कारण यह स्थल हिंदुओं के लिए अत्यंत पवित्र है। मान्यता है कि इस यात्रा से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2025 की अमरनाथ यात्रा भले ही समय से पहले समाप्त हुई, लेकिन कठिन परिस्थितियों और सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद 4.14 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। प्रशासन की सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्थाओं ने यात्रा को सुचारू रूप से संपन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।