प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: बांग्लादेश ने पहली बार आधिकारिक तौर पर अपने देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस ढाका भेजने की अपील की है, जो 5 अगस्त को आंदोलन के बाद सत्ता से बेदखल होकर देश छोड़कर भारत आ गई थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने बताया कि भारत सरकार से यह अनुरोध हमारी सरकार ने किया गया है. तौहीद हुसैन ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘शेख हसीना को वापस भेजने का अनुरोध करते हुए भारत को एक नोट वर्बल भेजा गया है.’ 5 अगस्त को, छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन के चरम पर पहुंचने के बाद शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. उस आंदोलन में 600 से अधिक लोग मारे गए. 76 वर्षीय हसीना को देश छोड़कर भारत भागना पड़ा।
आगे नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में एक अंतरिम सरकार बनी। हाल ही में हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पर छात्र विरोध प्रदर्शनों के पीछे ‘मास्टरमाइंड’ होने का आरोप लगाते हुए उन्हें मास्टरमाइंड किलर कहा था। हसीना ने कहा यूनुस ने कट्टरपंथियों को हिंदुओं और उनकी पार्टी के लोगों का नरसंहार करने की जो खुली छूट दी थी उस वजह से अब तक हालात सामान्य नहीं हो सके हैं. हसीना ने ये आरोप भी लगाया था कि कथित आंदोलन उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए सीक्रेट तरीके से डिज़ाइन किया गया था।
वहीं ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम ने सरकार के नोट की जानकारी देते हुए कहा- ‘बांग्लादेश का भारत के साथ कैदी विनिमय समझौता है. उसी समझौते के तहत यह किया जाएगा.’ ऐसे में मोहम्मद यूनुस के सिपहसालारों को लगता है कि उस संधि का हवाला देकर लिखे गए नोट को भारत सरकार स्वीकार करने पर बाध्य होगी. हालांकि अभी तक नई दिल्ली से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।