मुरार सिंह कंडारी
नई दिल्ली : डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में, बिहार की शूटिंग जोड़ी ने शुक्रवार को 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम यूथ कैटेगरी में इतिहास रच दिया। दिव्या श्री और रुद्र प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश की अनन्या और अंश डबास को रोमांचक मुकाबले में 16-14 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह जीत न केवल बिहार के खेल इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है, बल्कि राज्य के युवा एथलीटों का आत्मविश्वास भी बढ़ाती है।
रोमांचक मुकाबला
दोनों टीमें पूरे जोश के साथ मैदान में उतरीं। मैच शुरू से ही बेहद करीबी रहा। बिहार ने पहले चार राउंड में बढ़त हासिल कर ली। यूपी की टीम की अनन्या ने जहां मजबूत तकनीकी प्रदर्शन किया, वहीं उनके साथी अंश शुरुआती राउंड में दबाव में दिखे। दिव्या का प्रदर्शन शुरू से ही शानदार रहा- उन्होंने पहले तीन राउंड में लगातार 20.8, 20.3 और 20.5 अंक हासिल किए। उनके स्थिर हाथ ने बिहार को शुरुआती बढ़त दिलाने में मदद की। रुद्र प्रताप ने चौथे राउंड तक अपनी लय हासिल कर ली और 5वें से 15वें राउंड तक टीम की लय बनाए रखी।
फाइनल राउंड में ऐतिहासिक मोड़
एक समय स्कोर 13-13 से बराबर था। 14वें राउंड में बिहार ने फिर बढ़त बना ली। यूपी ने 20.9 अंक बनाए, लेकिन बिहार ने 21.0 अंक हासिल कर स्कोर 15-13 कर दिया। फाइनल राउंड में जाने से पहले यूपी को मैच बराबर करने के लिए दो अंक चाहिए थे। दोनों टीमों ने बराबर 20.6 अंक बनाए, जिससे प्रत्येक को एक-एक अंक मिला। इससे मैच बिहार के पक्ष में 16-14 से बराबर हो गया। जैसे ही स्क्रीन पर अंतिम स्कोर दिखा, बिहार कैंप में खुशी की लहर दौड़ गई।
कोच ने दबाव में दोनों के धैर्य की प्रशंसा की
बिहार के कोच ने कहा, “यह जीत कड़ी मेहनत, अनुशासन और मानसिक दृढ़ता का नतीजा है। दिव्या और रुद्र ने दबाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया। यह बिहार में शूटिंग खेलों के लिए एक नई शुरुआत है।”
दिव्या श्री (निशानेबाज, बिहार)
“यह पदक हमारे राज्य के हर उस एथलीट को समर्पित है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है।”
रुद्र प्रताप सिंह (निशानेबाज, बिहार)
“यूपी जैसी मजबूत टीम का सामना करना आसान नहीं था। शुरुआती राउंड में मुझे थोड़ा दबाव महसूस हुआ, लेकिन दिव्या की निरंतरता ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, हम एक टीम की तरह सोचने लगे। अंतिम पांच राउंड में, मैं खुद से कहता रहा- ऐसा मौका बार-बार नहीं आता।”