प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह फैसला केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ा तोहफा है, क्योंकि इससे वेतन, पेंशन और भत्तों में संशोधन होगा। जनवरी 2025 में आयोग के गठन की घोषणा हो चुकी थी, और अब इसकी रूपरेखा स्पष्ट हो गई है।
आयोग का गठन और संरचना
16 जनवरी 2025 को केंद्र सरकार ने आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। आज (28 अक्टूबर) ToR को अंतिम रूप दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह एक अस्थायी निकाय होगा, जिसमें:1 चेयरपर्सन (पूर्णकालिक),1 सदस्य (अंशकालिक, जैसे IIM बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष), 1 सदस्य-सचिव शामिल होगा।
केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे, पेंशन, भत्तों (जैसे HRA, DA) और सेवा शर्तों की समीक्षा करना। यह आर्थिक बदलावों, महंगाई और प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखेगा।
कब होगा लागू ? रिपोर्ट जमा करने की समयसीमा
आयोग को अपनी सिफारिशें 18 महीनों के अंदर (अर्थात अप्रैल 2027 तक) प्रस्तुत करनी होंगी। सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी, जैसा कि पिछले वेतन आयोगों (जैसे 7वें CPC, जो 2016 से लागू) का पैटर्न है। हालांकि, पूर्ण कार्यान्वयन 2028 तक हो सकता है, क्योंकि सरकारी मंजूरी और बजट प्रक्रिया में समय लगेगा। लागू होने पर महंगाई भत्ता (DA) शून्य से रीसेट हो जाएगा, और नई वृद्धि 2026 से शुरू होगी।
लाभार्थी और अपेक्षित लाभ
यह आयोग लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65-69 लाख पेंशनभोगियों को सीधा फायदा पहुंचाएगा। कुल मिलाकर 1 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होंगे। कर्मचारियों का औसत वेतन 30-34% बढ़ सकता है। उदाहरण के लिए अगर वर्तमान बेसिक पे ₹50,000 है, तो नया ₹65,000-68,000 हो सकता है। पेंशन योजनाओं का एकीकरण (OPS और NPS), रिटायरमेंट बेनिफिट्स में सुधार, और महंगाई से राहत।
क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण ?
7वें वेतन आयोग को 2016 से लागू हुए 10 साल हो चुके हैं, और महंगाई ने कर्मचारियों की क्रय शक्ति को प्रभावित किया है। यह फैसला बिहार चुनावों से पहले आया है, जो कर्मचारी यूनियनों की मांगों को पूरा करता है। सरकार को अतिरिक्त ₹1-1.5 लाख करोड़ का खर्च उठाना पड़ सकता है, लेकिन यह कर्मचारी कल्याण और अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।







