Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home विशेष

‘शांति पहल’ के नाम पर ‘कूटनीतिक झांसा’ दे रहा है चीन?

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
February 26, 2023
in विशेष, विश्व
A A
india-china
16
SHARES
548
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

पश्चिमी देशों के नेता बीते एक साल से चीन की ख़ुशामद कर रहे थे कि वो रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ख़त्म करने में उनकी मदद करे. अब चीन ने इन्हें ऐसा ठोस जवाब दिया है जो उन्हें कतई भाएगा नहीं. हाल के दिनों में चीन ने जिस तरह अपना कूटनीतिक प्रभाव जमाने की कोशिश की है, वो काबिल-ए-गौर है. चीन ने कुछ दिन पहले अपने जाने माने राजनयिक वांग यी को यूरोप दौरे पर भेजा. इस दौरे का समापन मॉस्को में हुआ, जहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वांग यी का गर्मजोशी से स्वागत किया.

इसके बाद चीन ने अपनी तरफ़ से दो दस्तावेज़ जारी किए. पहले दस्तावेज़ में युद्ध ख़त्म करने के उसके अपने फ़ार्मूले का ज़िक्र है, वहीं दूसरे में ‘विश्व शांति’ की योजना है. इनमें मुख्य तौर पर वही बातें शामिल की गई हैं, जिनकी चर्चा चीन बीते सालों में करता रहा है. जैसे- किसी भी देश (यूक्रेन) की संप्रभुता का सम्मान करना और दूसरा हर देश (रूस) की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले की रक्षा करना.

इन्हें भी पढ़े

भारत का व्यापार

ट्रंप का 20-25% टैरिफ: भारत के कपड़ा, जूता, ज्वेलरी उद्योग पर असर, निर्यात घटने का खतरा!

July 30, 2025
UNSC

पहलगाम हमला : UNSC ने खोली पाकिस्तान की पोल, लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता उजागर, भारत की कूटनीतिक जीत !

July 30, 2025
Mount Mahadev operation

ऑपरेशन महादेव : 96 दिन की रणनीति, पहलगाम के आतंकियों का माउंट महादेव पर सफाया !

July 28, 2025
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

UP ऊर्जा मंत्री की सख्ती : बस्ती में बिजली अधिकारी का ऑडियो वायरल, निलंबन के साथ चेतावनी!

July 27, 2025
Load More

पश्चिमी देशों के नेता बीते एक साल से चीन की ख़ुशामद कर रहे थे कि वो रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ख़त्म करने में उनकी मदद करे. अब चीन ने इन्हें ऐसा ठोस जवाब दिया है जो उन्हें कतई भाएगा नहीं. हाल के दिनों में चीन ने जिस तरह अपना कूटनीतिक प्रभाव जमाने की कोशिश की है, वो काबिल-ए-गौर है. चीन ने कुछ दिन पहले अपने जाने माने राजनयिक वांग यी को यूरोप दौरे पर भेजा. इस दौरे का समापन मॉस्को में हुआ, जहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वांग यी का गर्मजोशी से स्वागत किया.

इसके बाद चीन ने अपनी तरफ़ से दो दस्तावेज़ जारी किए. पहले दस्तावेज़ में युद्ध ख़त्म करने के उसके अपने फ़ार्मूले का ज़िक्र है, वहीं दूसरे में ‘विश्व शांति’ की योजना है. इनमें मुख्य तौर पर वही बातें शामिल की गई हैं, जिनकी चर्चा चीन बीते सालों में करता रहा है. जैसे- किसी भी देश (यूक्रेन) की संप्रभुता का सम्मान करना और दूसरा हर देश (रूस) की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले की रक्षा करना.
इसमें एकतरफ़ा प्रतिबंधों का विरोध भी किया गया है. इन फ़ार्मूलों से पश्चिमी देश भले ही सहमत न हों लेकिन उन्हें इसके लिए तैयार करना कभी चीन का मकसद रहा भी नहीं.

चीन का लक्ष्य- अमेरिका को सीधा संदेश
पहली बात तो यह कि इसमें चीन की मंशा ख़ुद को दुनिया में शांति कायम कराने वाले देश के रूप में स्थापित कराने की है. चीन की इस चतुराई के संकेत ख़ुद उसके ही जारी एक दस्तावेज़ से मिलते हैं, जिसमें वो वार्ता में ‘ग्लोबल साउथ’ यानी दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका को शामिल करने की बात करता है.

इस तरह चीन का पूरा प्रचार अमेरिका के नेतृत्व में मौजूदा विश्व व्यवस्था के सामने नई वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की है. इसमें वो बाक़ी की दुनिया को लुभा रहा है. ये देश देखना चाहते हैं कि पश्चिमी देश यूक्रेन संकट को किस तरह संभालते हैं. हालांकि चीन का दूसरा मकसद अमेरिका को साफ़ संदेश देना भी है.

न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी में चीन-रूस संबंधों के विशेषज्ञ डॉ. एलेक्जेंडर कोरोलेव कहते हैं, “इसमें (चीन) एक तरह का अक्खड़पन है. वो यह कि अगर हमारे रिश्ते बेहद ख़राब भी हुए तो हमारे लिए कोई ऐसा है, जो बेहद ख़ास है. रूस अकेला नहीं. मतलब हमारे बीच टकराव हुए, तो हम अकेले नहीं हैं. इसलिए हमें आसानी से धमका नहीं सकते.”

जानकार कहते हैं कि सबसे बड़ा संकेत इसकी टाइमिंग है.

चीन और अमेरिका के आपसी रिश्ते अभी सबसे ख़राब दौर में है. इसमें बैलून प्रकरण के बाद और भी खटास आई है. ऐसे में कई लोग यह भी सवाल उठाते हैं कि अगर चीन की नीयत यूक्रेन युद्ध ख़त्म कराने की रही है, तो उसने राजनयिक पहल अभी क्यों शुरू की?

इसे लेकर डॉ. कोरोलेव कहते हैं, “अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने के लिए चीन के पास पहले भी कई मौके थे. युद्ध ख़त्म कराने में अपना योगदान देने के लिए इसे आमंत्रित भी किया गया. अगर ग्लोबल लीडर होने की छवि प्रदर्शित करना ही मकसद था तो आप एक साल तक चुप नहीं बैठते और अब आगे आकर तमाशा करते.”

चीन का तीसरा मकसद भी था. इसे वांग यी के दौरे में ही देखा जा सकता है.

क्या है चीन की असली मंशा?
वांग यी ने अपने यूरोप दौरे में फ्रांस, जर्मनी, इटली और हंगरी जैसे देशों की यात्रा की, जिनके नेता रूस के ख़िलाफ़ उतना कड़ा रुख़ नहीं अपनाते. इन देशों के दौरे के साथ वांग यी संभवतः ये देखना चाहते थे कि इन्हें और इन जैसे कुछ दूसरे यूरोपीय देशों को चीन के पाले में खींचा जा सकता है या नहीं.

शंघाई की ईस्ट चाइना नॉर्मल यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ डॉ. झांग ज़िन कहते हैं, “चीन इन देशों के साथ अपने हितों का मेल देखता है. उसे लगता है कि अमेरिका के पास सर्वोच्च ताकत है. इस तरह अगर यूरोपीय देशों को उसके तंत्र से अलग किया जाए, तो इसमें फायदा होगा.”

लेकिन क्या चीन अपने इस मकसद में कामयाब होगा, ये कहना मुश्किल है.

म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में वांग यी ने अमेरिका की आलोचना करते हुए जो स्पीच दी, उसका संदेश अमेरिका के कट्टर समर्थक के बीच अच्छा नहीं गया.

कई राजनयिकों के मुताबिक़, ‘इसके बजाय चीन के कुछ सच्चे इरादे भी शक़ के दायरे में घिर गए.’

‘जर्मन मार्शनल फंड थिंक टैंक’ में यूरोप चीन संबंध पर शोध कर रहे एंड्रयू स्मॉल कहते हैं, “उनके (वांग के) दौरे का सीधा मतलब ये निकला कि ‘हमें यूरोप से नहीं, बल्कि अमेरिका से परेशानी है. आप यूरोप के लोगों के साथ मिल बैठकर हम समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं, लेकिन आपको ये समझना चाहिए कि अमेरिका आप सबों को ग़लत रास्ते पर ले जा रहा है.’ लेकिन मेरे ख्याल से चीन का ये संदेश यूरोप की ज्यादातर जगहों पर प्रभावी नहीं रहा.”

युद्ध या शांति?
अब सवाल ये है कि चीन जिस तरह रूस से गलबहियां सख़्त कर रहा है, वो शांति कायम करने के अपने वादे पर खरा उतरेगा या नहीं? अमेरिका ने इसी हफ़्ते इस बात को लेकर चेताया था कि चीन रूस को घातक हथियार देने पर विचार कर रहा है. अमेरिका ने ये भी कहा था कि चीनी कंपनियां पहले से ही ड्रोन्स और सेमीकंडक्टर्स जैसे असैनिक साज़ो सामान रूस को सप्लाई कर रही हैं. इनका इस्तेमाल सैनिक ऑपरेशंस के लिए भी किया जा सकता है.

अमेरिका की इस चेतावनी पर चीन ने सार्वजनिक तौर पर तो अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की, लेकिन बंद दरवाज़े के पीछे वांग यी ने यूरोपीय संघ के अधिकारी जोसेफ़ बोरेल को ये सफ़ाई दी की कि वो रूस को कोई हथियार मुहैया नहीं कराएंगे. जोसेफ़ बोरेल के मुताबिक़ वांग यी ने उनसे ये भी कहा, “अमेरिका को इस बात की चिंता क्यों हो रही है कि हम रूस को हथियार दे रहे हैं, जबकि वो ख़ुद यूक्रेन को हथियार मुहैया करा रहे हैं.”

जानकारों के मुताबिक वांग की इस बात से ये ज़ाहिर होता है कि चीन युद्ध भड़काने के लिए पश्चिमी देशों को ज़िम्मेदार मानता है.

डॉ. झांग ज़िन कहते हैं, “अब तक चीन का सीधा पक्ष ये है कि किसी भी पक्ष को हथियार मुहैया कराने का मतलब है युद्ध भड़काना.”

‘ख़ास दोस्त’ के लिए क्या करेगा चीन?
इस बात को लेकर संदेह है कि चीन कभी रूस को हथियार सप्लाई करेगा, ख़ास तौर पर जैसे वो अपने हित देखता है. अगर चीन हथियार मुहैया कराता है तो उस पर युद्ध भड़काने के आरोप लगेंगे. इसकी वजह से उसे पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, जो व्यापार के लिहाज़ से नुक़सानदेह होगा.

आज भी चीन के सबसे बड़े व्यापार सहयोगी यूरोपीय संघ और अमेरिका ही हैं.

फिर भी चीन ऐसा क़दम उठाता है, तो इससे एक तरफ़ तो वैश्विक तनाव बढ़ेगा. तो दूसरी तरफ़ वो यूरोपीय देश अमेरिका के पाले में और मज़बूती से खड़े होंगे, जिन्हें चीन अपनी तरफ़ खींचना चाहता है.

ऐसे में जानकारों का मानना है कि चीन अपनी तरफ़ से रूस को अप्रत्यक्ष समर्थन जारी रखेगा या फिर उसे और तेज़ करेगा. जैसे रूस पर लगे प्रतिबंधों से ख़ुद को अलग रखना और उसके साथ आर्थिक व्यापार बढ़ाना. रूस के लिए चीन का यह सहयोग बहुत बड़ा वित्तीय सहारा साबित हो रहा है.

इसके अलावा, चीन किसी तीसरे देश, ईरान या उत्तर कोरिया के ज़रिए दोहरे इस्तेमाल वाली तकनीक की सप्लाई बढ़ा सकता है. डॉ. एंड्र्यू स्मॉल के मुताबिक़ ‘ये ऐसा सपोर्ट होगा, जिसे चीन इनकार कर सकता है.’

हालांकि डॉ एंड्र्यू स्मॉल इस बात से भी आगाह करते हैं कि जिस तरह ये जंग आगे खिंच रही है, उससे घातक हथियारों की आपूर्ति का मामला फिर से उठेगा.

वो कहते हैं, “अभी तक इस बात को लेकर कोई सवाल नहीं उठा कि चीन को किस तरह की अहम चीज़ें करने के लिए कहा जा सकता है. क्योंकि रूस को पहले दोबारा सप्लाई की ज़रूरत नहीं पड़ती थी. लेकिन अब वो उस मोड़ पर पहुंच रहे हैं. चीन कब तक रूस को कहेगा कि वो अब ऐसा नहीं करेगा?”

यूक्रेन में जंग छिड़ने से कुछ दिन पहले चीन के राष्ट्रपति शी ज़िनपिंग और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने एलान किया था कि उनकी ‘दोस्ती की कोई सीमा नहीं.’

अब एक साल बात चीन को ये बात साफ करनी पड़ेगी कि वो अपने ‘ख़ास दोस्त’ के लिए किस हद तक जा सकता है.

 

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
HSL

एचएसएल में बिजनेस पार्टनर्स से मिलें और करें उनका स्वागत

January 10, 2024

चुनावी राजनीति : स्मृति ईरानी के राहुल नाम रटने के क्या हैं मायने?

April 29, 2024

वेकोलि के दो दिवसीय दौरे पर सह सचिव कोयला मंत्रालय श्री लखपत सिंह चौधरी

May 20, 2025
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • कलियुग में कब और कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि? जानिए पूरा रहस्य
  • NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!
  • देश पहले खेल बाद में, EaseMyTrip ने WCL भारत-पाकिस्तान मैच से प्रायोजन हटाया, आतंक के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया।

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.