प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
पटना: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “उन्हें दुख है कि वह ऐसी सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जहां अपराध बेकाबू हो चुका है और बिहार के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह बयान 26 जुलाई को बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं, विशेष रूप से हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार की घटनाओं के बारे में आया है।
बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाएं
चिराग पासवान ने बिहार में हाल के दिनों में हुई कई गंभीर आपराधिक घटनाओं का जिक्र किया। उदहारण के लिए:-
गोपाल खेमका हत्याकांड: पटना में एक प्रसिद्ध व्यापारी गोपाल खेमका की उनके अपार्टमेंट के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई।
चंदन मिश्रा की हत्या: एक गैंगस्टर चंदन मिश्रा को अस्पताल में पांच बदमाशों ने घुसकर गोली मार दी, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया।
नालंदा में हत्याएं: नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में दो युवकों, हिमांशु पासवान और अनु कुमार की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई।
गया में दुष्कर्म: गया में एक महिला अभ्यर्थी के साथ दुष्कर्म की घटना ने भी कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए।
चिराग ने कहा कि “पिछले एक महीने में 50 से ज्यादा हत्याओं की खबरें सामने आई हैं, जो प्रशासन की नाकामी को दर्शाती हैं।”
चिराग का सरकार पर हमला
चिराग ने बिहार प्रशासन को “अपराधियों के सामने नतमस्तक” और “निकम्मा” करार दिया। उन्होंने कहा कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और प्रशासन या तो उनकी सांठगांठ में शामिल है या पूरी तरह विफल हो चुका है। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं बिहार की छवि को धूमिल कर रही हैं और आम नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल उठा रही हैं। उन्होंने सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की, अन्यथा स्थिति और भयावह हो सकती है।
#WATCH | Patna, Bihar: On the law and order situation in the state, Union Minister Chirag Paswan says, "I feel sad that I am supporting such a government here…The way murders, kidnappings, looting, robbery, rapes have taken place one after the other in Bihar and now it seems as… pic.twitter.com/TWSB11A2qt
— ANI (@ANI) July 26, 2025
राजनीतिक रणनीति या वास्तविक चिंता ?
चिराग का यह बयान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आया है, जिसे कई राजनीतिक विश्लेषक उनकी “दबाव की रणनीति” मान रहे हैं। चिराग ने पहले घोषणा की थी कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जिससे NDA गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तनाव की स्थिति बन रही है।
कुछ जानकारों का मानना है कि “चिराग नीतीश कुमार और जदयू पर दबाव बनाकर अधिक सीटें हासिल करना चाहते हैं। उनकी आलोचना न केवल नीतीश सरकार को असहज कर रही है, बल्कि NDA के अन्य सहयोगी दलों, जैसे BJP और HAM के साथ भी तनाव पैदा कर रही है।
NDA के भीतर तनाव
चिराग की आलोचना से NDA में हलचल मच गई है। जदयू ने उनके बयानों को “अति” करार देते हुए गठबंधन धर्म का पालन करने की नसीहत दी। वहीं, HAM के नेता जीतन राम मांझी ने भी चिराग को गठबंधन के नियमों का पालन करने की सलाह दी और कहा कि बिहार में अपराधियों को अब “ठोका” जाता है, न कि उनकी खातिरदारी की जाती है।
चिराग ने BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद उनकी आलोचना और तीखी हुई, जो गठबंधन के भीतर उनकी रणनीति को और रहस्यमयी बनाता है।
चिराग की दोहरी रणनीति
चिराग ने एक ओर नीतीश सरकार की आलोचना की, तो दूसरी ओर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को भी निशाने पर लिया। उन्होंने तेजस्वी के “विशेष गहन संशोधन (SIR)” के बहिष्कार की बात को चुनौती दी और कहा कि उनमें अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है। साथ ही, उन्होंने प्रशांत किशोर की “जन सुराज” पहल की तारीफ की, जिससे उनकी राजनीतिक मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
चिराग का बिहार फर्स्ट मिशन
चिराग ने अपने “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” के नारे को दोहराते हुए कहा कि “उनका लक्ष्य बिहार के लोगों की सुरक्षा और समृद्धि है। उन्होंने यह भी जताया कि वह बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं और विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत का स्ट्राइक रेट बढ़ाना चाहते हैं।
Live: नव-संकल्प महासभा, गांधी मैदान, गया को संबोधित कर रहा हूं।https://t.co/sAn5mziHaW
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 26, 2025
चिराग पासवान का नीतीश सरकार पर हमला बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के प्रति उनकी चिंता को दर्शाता है, लेकिन यह उनकी राजनीतिक रणनीति का भी हिस्सा माना जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनकी यह आलोचना NDA में सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर दबाव बनाने की कोशिश हो सकती है। हालांकि, उनकी आलोचना ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर बहस को और तेज कर दिया है, जिसका असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है।