चंडीगढ़. हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन कुमार की मौत से काफी हड़कंप मचा हुआ है. एडीजीपी ने क्यों अपनी जान ली, अब तक साफ नहीं हुआ है. हालांकि, वह काफी सुर्खियों और विवाद में रहे थे. उन्होंने अपने ही डीजीपी के खिलाफ भी मोर्चा खोला था. साथ ही सरकार पर जाति के आधार पर ट्रांसफर करने के भी आरोप जड़े थे. फिलहाल, पूरे मामले की जांच पुलिस कर रही है. ऐसे में अब हम आपको एडीजीपी पूरन कुमार के बारे में बताने जा रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, बीते एक डेढ़ साल में वाई पूरण कुमार काफी चर्चा में भी रहे थे. पूरन कुमार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर, पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद और पूर्व डीजीपी मनोज यादव के खिलाफ कई बार मोर्चा खोला था. अहम बात है कि लोकसभा चुनाव के वक्त उन्होंने तत्कालीन मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल को भी घेरा था और उनकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी. वाई पूरन कुमार ने आरोप लगाए थे कि अनुराग अग्रवाल जाति के आधार पर केवल अनुसूचित जाति के अफसरों को ट्रांसफर कर रहे थे और स्वर्ण जाति के अफसरों की ट्रांसफर नहीं की जाती है. 29 सिंतबर को उनका ट्रांसफर किया गया था.
आईपीएस अफसरों के खिलाफ आरोप
साल 2022 में वाई पूर्ण कुमार ने नौ आईपीएस अधिकारियों के दो-दो सरकारी मकानों पर कब्जे करने की शिकायत दी थी. और इसके बाद संबंधित अधिकारियों से एक सरकारी मकान खाली कराते हुए जुर्माना राशि भी सरकार ने वसूली थी. वहीं, तत्कालीन गृह सचिव राजीव अरोड़ा पर भी गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि पूर्व डीजीपी मनोज यादव की पक्ष में रिपोर्ट दी गई है. मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट भी पहुंचा था. हाल ही में 29 सितंबर को उनकी ट्रांसफर रोहतक की गई थी. हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि उन्होंने ज्वाइन किया था या नहीं. 2024 में उन्होंने चार अफसरों की प्रमोशन को अवैध बताते हुए सीएम नायब सैनी को चिट्टी लिखी थी.
सेक्टर 11 में अपने घर में थे
वाई पूरन सिंह ने सोमवार को जिस वक्त घर में गोली मारी. उस दौरान घर पर बेटी मौजूद थी. हालांकि, गोली घर के बेसमेंट पर मारी गई है और ऐसे में परिवार को लोगों को बाद में जानकारी मिली. बेसमेंट साउंड प्रूफ होने के चलते घटना के बारे में बाद में पता चला. एसएसपी चंडीगढ़ कंवरदीप कौर ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. परिवार से भी पूछताछ की जा रही है.