नई दिल्ली. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली पर हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. गुप्ता ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के सामने लिखित रूप में अपना पक्ष रखेगी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रमाणित हरित पटाखों के उपयोग, जनभागीदारी सुनिश्चित करने और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देश मांगेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवाली सबसे बड़े त्योहारों में से एक है और उनकी सरकार ने शहर में करोड़ों लोगों द्वारा इस त्योहार को मनाने के मद्देनजर अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है तथा इस संबंध में जारी किसी भी निर्देश को लागू करने में सुप्रीम कोर्ट को पूर्ण सहयोग का आश्वासन देती है.” अदालत के आदेशानुसार, दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध है.
दिवाली से पहले दिल्ली का AQI
पिछले साल दिवाली से 10 दिन पहले दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 335–360 के बीच, यानी बहुत खराब (Very Poor) श्रेणी में था. लेकिन इस साल दिवाली से 10 दिन पहले इसमें काफी सुधार नजर आ रहा है. दिल्ली का एक्यूआई 168 दिखा रहा है, जो काफी बेहतर स्थिति कही जा सकती है. हालांकि, इसकी एक वजह दिल्ली में हुई बारिश भी है.
दिवाली को लेकर खत्म हुई कंफ्यूजन
महापर्व दीपावली का त्योहार आने वाला है, लेकिन इससे पहले ही तिथि को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है कि 20 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाए या 21 अक्टूबर को. इसी कंफ्यूजन को दूर करते हुए काशी विद्वत परिषद के महामंत्री रामनारायण द्विवेदी ने साफ कर दिया है कि किस दिन दीपावली का सही मुहूर्त है.
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री रामनारायण द्विवेदी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “हमारे सनातन धर्म में दिवाली का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है और मां लक्ष्मी की पूजा होती है, लेकिन कुछ कथाकथित पंचांगकारों ने दीवाली का पर्व 21 अक्टूबर का लिख दिया, जिसकी वजह से काशी विद्वत् परिषद की राष्ट्रीय बैठक बुलाई गई और हमने बड़े धर्म शास्त्रियों और आचार्यों के साथ मिलकर सूर्य सिद्धांती पंचांगों के अनुसार 20 अक्टूबर को दिवाली मनाने का फैसला लिया है.”
उन्होंने आगे कहा कि “दिवाली मनाने और लक्ष्मी पूजन करने के लिए प्रदोष व्यापिनी अमावस्या जरूरी होती है, जो 20 अक्टूबर से शुरू होगी. ऐसे में दीपावली 20 अक्टूबर को मनाना शुभ रहेगा.” प्रदोष व्यापिनी अमावस्या का मुहूर्त 20 अक्टूबर की दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. दिवाली का पूजन रात को अमावस्या के साथ होता है तो इसी वजह से दीपावली का त्योहार 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा.