नई दिल्ली. कई बार ऐसा होता है कि आप अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्जर प्लग में कनेक्ट करके भूल जाते हैं. कई लोग मोबाइल चार्ज करने के बाद चार्जर शॉकेट में ही लगे रहने देते हैं और उसे ऑन ही छोड़ देते हैं. क्या ऐसा करने से बिजली बर्बाद होती है? आइये आपको इस बारे में बताते हैं:
क्या चार्जर सॉकेट में लगे रहने से बिजली बर्बाद होती है?
विशेषज्ञों के अनुसार, जब चार्जर प्लग में लगा रहता है और फोन उससे कनेक्ट नहीं होता, तब भी थोड़ी बहुत बिजली का उपयोग होता है. हालांकि, ये बिजली की खपत बहुत कम होती है, लेकिन अगर हम इसे लंबे समय तक ऐसे ही छोड़ दें, तो यह बिजली की बर्बादी का कारण बन सकता है. इसलिए, बेहतर होगा कि जब आपका फोन चार्ज हो जाए, तो चार्जर को प्लग से निकाल दें. इससे न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि आपके चार्जर की उम्र भी बढ़ेगी.
चार्जर बिना चार्ज किए भी बिजली खर्च करते हैं:
चार्जर में एक ट्रांसफार्मर और अन्य सर्किट होते हैं, जिन्हें काम करने के लिए लगातार बिजली की जरूरत होती है, भले ही कोई डिवाइस कनेक्ट न हो. यह थोड़ी सी बिजली चार्जर के आंतरिक सर्किट को चालू रखने और डिवाइस को चार्ज करने के लिए तैयार रखने में खर्च होती है.
“वैंपायर पावर” का असर:
हालांकि एक चार्जर की ऊर्जा खपत बहुत कम होती है, लेकिन कई चार्जर और दूसरे डिवाइस (जैसे टीवी, कंप्यूटर और अन्य उपकरण) जो प्लग में लगे रहते हैं, उनका संयुक्त प्रभाव काफी ऊर्जा बर्बाद कर सकता है और बिजली के बिल को बढ़ा सकता है.
चार्जर को अनप्लग करने से ऊर्जा की बचत:
ऊर्जा की बर्बादी को कम करने के लिए, यह सलाह दी जाती है कि जब चार्जर का उपयोग न हो तो उसे अनप्लग कर दें. यह सरल कदम आपकी बिजली की खपत को कम करने और एक अधिक स्थायी जीवनशैली में योगदान करने में मदद कर सकता है.