नई दिल्ली: कश्मीर में हजरतबल दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न के अपमान को लेकर राष्ट्रीय सह-मीडिया प्रमुख व प्रवक्ता, मुख्य सचेतक (भाजपा) बिहार विधान परिषद डॉ संजय मयूख ने कहा कि केरल से कश्मीर तक जिस तरह गाली और अपमान का दौर चल रहा है, उसे बिहारवासी अब और बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं। सम्राट अशोक केवल बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के कण-कण में बसते हैं, और बिहार लोकतंत्र की जननी है, बिहार का अपमान अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डॉ संजय मयूख ने कहा कि आज गाली देने की मानो प्रतियोगिता चल रही है कि कैसे बिहार के लोगों को गाली दी जाए, कैसे बिहार को अपमानित किया जाए। पहले बिहार की धरती पर राहुल गांधी के मंच से प्रधानमंत्री जी की माता जी को अपशब्द कहे गए। उसके बाद स्टालिन, रेवंता रेड्डी जैसे लोगों को बुलाया गया जिनके संरक्षण में लगातार बिहारियों का अपमान हुआ।
अब केरल से “बीड़ी बम” चलाया गया और बिहार आकर राहुल गांधी कहते हैं “हाइड्रोजन बम”? जब इन सबके बाद भी मन नहीं भरा तो इन्होंने सीधा जम्मू-कश्मीर से वार किया। हजरत बल पर अशोक स्तंभ हमारे स्वाभिमान का प्रतीक है। सम्राट अशोक केवल बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के कण-कण में बसते हैं, और बिहार लोकतंत्र की जननी है। ऐसे में बिहार को अपमानित करने का ठेका जैसे कुछ लोगों ने ले लिया है।
डॉ मयूख ने कहा कि तेजस्वी यादव और राहुल गांधी को इस पर स्पष्ट रुख लेना चाहिए। कम से कम इतना तो कहें कि वे इस बयान का खंडन करते हैं। जब उमर अब्दुल्ला बोलते हैं, तो उनकी बात को इंडी गठबंधन की आधिकारिक बात माना जाता है। यदि उनका बयान गठबंधन की सहमति है, तो इसका अर्थ है कि तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और इंडी गठबंधन के दल चाहे वे वामपंथी हों, सब इस बात से सहमत हैं कि अशोक स्तंभ को उखाड़ना सही है। यदि यह सही नहीं है, तो सार्वजनिक रूप से खंडन करें। लेकिन केरल से कश्मीर तक जिस तरह गाली और अपमान का दौर चल रहा है, उसे बिहारवासी अब और बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं।