कौशल किशोर और पल्लवी प्रकाश झा
नई दिल्ली : दिल्ली में डबल इंजन सरकार के आने के बाद यमुना की दशा सुधारने के लिए नए सिरे से योजनाएं बनाने का काम शुरु हुआ। विधान सभा चुनाव में यह एक अहम मुद्दा था. इसे ध्यान में रखकर दिल्ली सरकार द्वारा 45 सूत्रीय कार्य योजना लागू करने हेतु 2025-26 के बजट में 9000 करोड़ रुपए का प्रविधान किया गया है। इसमें से 1500 करोड़ रुपए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवर लाइन की समुचित व्यवस्था पर व्यय किया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यमुना नदी संरक्षण हेतु 2000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मांग केंद्र सरकार से किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पीडब्लूडी एवं जल मंत्री प्रवेश वर्मा पूरे प्रशासनिक अमले के साथ मिल कर सभी हितधारकों को साधने का प्रयास करने में लगे हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में सेवा के कारण चर्चा में आए 2006 बैच के आई.ए.एस. कौशल राज शर्मा को तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुलाया है। दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नागरिक परिषद की बैठक में प्रवेश वर्मा तीन सालों में यमुना की स्वच्छता सुनिश्चित करने की घोषणा करते हैं।
जलशक्ति मंत्रालय का उद्देश्य पूरा करने हेतु लोकशक्ति का आह्वान करने वाली सरकार ने रिवर सिटी एलायंस की नई योजना अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान के तहत पेश किया है। नगर की समस्याओं को दूर किए बिना यमुना नदी की स्थिति में कोई सुधार संभव नहीं है। चूंकि शहर समस्या का अहम कारक है, इसलिए इसे ही निवारण का हिस्सा होना होगा। इस दर्शन के साथ पिछले महीने प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में केन्द्र और राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों ने दिल्ली में यमुना प्रदूषण को रोकने का रोडमैप इनसेप्शन स्टेकहोल्डर वर्कशॉप में पेश किया था।
एनएमसीजी (नेशनल मिशन फॉर क्लिन गंगा) ने लक्ष्य साधने के लिए वाटर एज लिवरेज (उत्तोलक) की पैरवी करने वाले नीदरलैंड के साथ मिल कर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) व आईआईटी दिल्ली समेत 14 विभागों व एजेंसियों की भूमिका तय किया है। यह गठबंधन दीर्घकालिक स्वामित्व और संस्थागत क्षमता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। इस अवसर पर केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के सहयोग के लिए डच राजदूत मारिसा गेरार्डस और वर्ल्ड बैंक की प्रतिनिधि रेबेका एपवर्थ की उपस्थिति भी मायने रखती है। इसके लिए शीघ्र ही सेंटर फॉर एक्सील