स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: मोदी सरकार 3.0 के पहले वर्ष में कई महत्वपूर्ण और निर्णायक फैसले लिए गए, जिन्होंने भारत की कूटनीति, राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुधार और सामाजिक विकास को नई दिशा दी। नीचे सात प्रमुख फैसले लिए गए हैं आइए इसे विस्तार में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर
यह सैन्य अभियान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वदेशी रक्षा तकनीक को मजबूत करने का प्रतीक रहा। ऑपरेशन सिंदूर के तहत चार दिनों तक पाकिस्तान की सैन्य और आतंकी संरचनाओं को निशाना बनाया गया, जिसने भारत की पूर्व-सक्रिय और स्वायत्त सुरक्षा नीति को प्रदर्शित किया। इसने वैश्विक मंच पर भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत किया और ‘विकसित भारत’ के विजन को दर्शाता है।
आयकर में छूट (टैक्स कट)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त, वेतनभोगी वर्ग को 75,000 रुपये का अतिरिक्त कर लाभ प्रदान किया गया। इस फैसले से मध्यम वर्ग को आर्थिक राहत मिली और लगभग एक करोड़ लोग कर-मुक्त आय के दायरे में आए। यह कदम मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए महत्वपूर्ण रहा।
एक देश, एक चुनाव
मोदी सरकार ने 18 दिसंबर 2024 को लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ से संबंधित बिल और संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। यह बिल देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का प्रस्ताव करता है, जिससे समय, संसाधन और प्रशासनिक लागत की बचत होगी। विपक्ष के विरोध के बावजूद, यह कदम भारत की चुनावी प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है।
वक्फ संशोधन बिल
सरकार ने वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और दुरुपयोग को रोकने के लिए वक्फ एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखा। हालांकि, विपक्ष और कुछ सहयोगी दलों के विरोध के कारण यह बिल संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया। यह फैसला सामाजिक और धार्मिक समुदायों के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक प्रयास है।
नक्सलवाद के खिलाफ अभियान
सरकार ने 2026 तक नक्सल आतंक को समाप्त करने का लक्ष्य रखा। हाल ही में टॉप माओवादी नेता नंबाला केशव राव को ढेर करने से इस अभियान को गति मिली। यह राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आंतरिक शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आर्थिक सुधार और रोजगार सृजन
सरकार ने माइक्रोफाइनेंस नियमों को सरल किया, एंजल टैक्स हटाया, और BioE3 नीति के माध्यम से बायोमैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, ELI स्कीम के तहत अगले दो वर्षों में 2 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य रखा गया। PM इंटर्नशिप योजना और रूफटॉप सोलर प्रोग्राम ने युवाओं और ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा दी। ये कदम आत्मनिर्भर भारत और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सार्थक हैं।
PM ई-ड्राइव योजना
यह 10,900 करोड़ रुपये की योजना इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई। इसमें EV खरीद को प्रोत्साहन, इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस की शुरुआत और पुराने ट्रकों को स्क्रैप करने की नीति शामिल है। यह भारत के हरित परिवर्तन और स्वच्छ गतिशीलता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कदम है।
भारत की कूटनीतिक और सैन्य ताकत !
मोदी सरकार 3.0 ने अपने पहले वर्ष में राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुधार, सामाजिक समावेशन, और पर्यावरणीय स्थिरता पर केंद्रित फैसले लिए। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की कूटनीतिक और सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया, जबकि टैक्स कट और रोजगार योजनाओं ने मध्यम वर्ग और युवाओं को सशक्त बनाया। ‘एक देश, एक चुनाव’ और वक्फ संशोधन जैसे कदमों ने दीर्घकालिक सुधारों की नींव रखी, हालांकि कुछ फैसलों पर राजनीतिक दबाव के कारण पुनर्विचार करना पड़ा। ये सभी कदम भारत को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और वैश्विक मंच पर मजबूत बनाने की दिशा में प्रभावशाली हैं।