सतीश मुखिया/मथुरा: अक्षय तृतीया का पर्व एवं भगवान श्री विष्णु जी के छटवें अवतार भगवान श्री परशुराम जी का जन्मोत्सव भव्यता से मनाया जायेगा। कार्यक्रम की जानकारी देते पं. मोहन श्याम मिश्रा ने बताया कि अक्षय तृतीया पर मथुरा वृंदावन में विविध कार्यक्रम होंगे। इस दिन सभी भक्त अपने घर पर सायं सात बजे पांच दीप भगवान श्री परशुराम जी को समर्पित करेगे।
कमेटी के अध्यक्ष सतीश शर्मा ने बताया कि भगवान श्री परशुराम जी किसी समाज विशेष के आदर्श नहीं है। वे संपूर्ण हिन्दू समाज के हैं,और वह चिरंजीवी हैं। उन्हें भगवान श्री राम जी के काल में भी देखा गया और भगवान श्री कृष्ण जी के काल में भी। उन्होंने ही भगवान श्री कृष्ण जी को सुदर्शन चक्र उपलब्ध कराया था। कहते हैं कि वे कल्कि काल के अंत में उपस्थित होंगे।ऐसा माना जाता है कि वे कल्प के अंत तक धरती पर ही तपस्यारत रहेंगे।
पौराणिक कथा में वर्णित है कि महेंद्रगिरि पर्वत भगवान श्री परशुराम जी की तप की जगह थी और अंततः वह उसी पर्वत पर कल्पांत तक के लिए तपस्यारत होने के लिए चले गए थे। मान्यता है कि पराक्रम के प्रतीक भगवान श्री परशुराम जी का जन्म छः उच्च ग्रहों के योग में हुआ इसलिए वह तेजस्वी, ओजस्वी और वर्चस्वी महापुरुष बने। इस बार के कार्यक्रम में देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए देश और राष्ट्र निर्माण पूरी तरह मजबूत किया जा सके को लेकर देश के चोटी के संत और प्रमुख वेदाचार्य, ज्ञाताओं की उपस्थिति श्री परशुराम जन्मोत्सव पर अपने में एक नया संदेश जन-जन की सुख समृद्धि से लेकर देश और राष्ट्र के निर्माण के लिए कार्यशाला में प्रमुख बिंदु होंगे जो एक दुनिया में नजीर बनेगा।