Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home दिल्ली

केजरीवाल के INDIA में शामिल होते ही कितनी बदलेगी दिल्‍ली की राजनीति!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
July 19, 2023
in दिल्ली, विशेष
A A
CM Kejriwal
26
SHARES
874
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को सियासी मात देने मकसद से ​26 विपक्षी दलों की बैठक (Opposition Meeting) 18 जुलाई को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हुई. इस बैठक में आम आमदी पार्टी का शामिल होना अहम रहा. पटना के बाद बेंगलुरु में आप के विपक्षी एकता मुहिम में शामिल होने और इंडिया (INDIA) नाम के गठबंधन पर सहमति जताने का तत्काल असर यह हुआ कि दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. नया मोड़ इसलिए कि आप बैठक में इस शर्त पर शामिल हुई थी कि कांग्रेस अध्यादेश (Delhi Ordinance) के मसले पर उसका साथ राज्यसभा में दे. ताकि अध्यादेश कानून को पास होने से रोका जा सके. कांग्रेस ने आप के इस शर्त को मानने की बात कही है. इसके जवाब में आप ने भी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनाने पर सहमति जताई है.

अब सवाल यह उठता है कि सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के इंडिया गुट में शामिल होने से दिल्ली राजनीति कितनी बदलेगी? दिल्ली में बीजेपी को सियासी मात देने के लिए दोनों पार्टी के नेता किस रणनीति पर करेंगे काम. क्या कांग्रेस और आप ​नेता मिलकर अध्यादेश कानूना को राज्यसभा में पास होने से रोक पाएंगे. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के विजय रथ को रोक पाएंगे. इसके बारे में तत्काल कुछ भी कहना जल्दबाजी माना जाएगा. ऐसा इसलिए कि 26 विपक्षी दलों के गठबंधन को नया नाम इंडिया जरूर मिल गया है, लेकिन इसका एजेंडा तय होना अभी बाकी है. इंडिया में अलग-अलग दलों की भूमिका और सीट शेयरिंग सहित कई अहम मसलों पर फैसला होना बाकी है. इसके अलावा, विपक्षी गठबंधन इंडिया को कौन लीड करेगा, यह भी विपक्षी दलों के लिए एक यक्ष प्रश्न है. इन्हीं मसलों पर विपक्षी दलों की एकता कितनी मजबूत होगी, यह तय होगा. फिलहाल, आम आदमी पार्टी को अपनी राजनीति को इसके जरिए आगे बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर जरूर मिल गया है. इसका असर यह होगा कि आप के नेता पहले ज्यादा दमदार तरीके से अपनी बात रख पाएंगे और अपने पक्ष में सियासी माहौल बनाने में भी इससे मदद मिल सकती, लेकिन कैश कितना कर पाएंगे, यह आने वाले माह के दौरान सियासी उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेगा.

इन्हें भी पढ़े

दिल्ली में 10 मिनट की बारिश, सड़कें बनीं तालाब! केजरीवाल का बीजेपी सरकार पर तंज?’

July 29, 2025

दिल्ली-NCR में 29 जुलाई से 1 अगस्त तक ‘सुरक्षा चक्र’, 18 जिलों में भूकंप व रासायनिक आपदा की होगी मेगा मॉक ड्रिल

July 28, 2025
Mount Mahadev operation

ऑपरेशन महादेव : 96 दिन की रणनीति, पहलगाम के आतंकियों का माउंट महादेव पर सफाया !

July 28, 2025
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

UP ऊर्जा मंत्री की सख्ती : बस्ती में बिजली अधिकारी का ऑडियो वायरल, निलंबन के साथ चेतावनी!

July 27, 2025
Load More

INDIA के अस्तित्व में आने से कितनी बदलेगी दिल्ली राजनीति

जहां तक विपक्षी एकता मंच इंडिया (INDIA) में कांग्रेस और आप के होने से दिल्ली की राजनीतिक समीकरण में बदलाव की बात है तो इससे ज्यादा फर्क पड़ने की उम्मीद कम है. ऐसा इसलिए कि लोकसभा के चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों और नेताओं की पब्लिक के बीच में लोकप्रियता से पब्लिक नैरेटिव्स तय होता है. इस मामले में दिल्ली में अरविंद केजरीवाल विधानसभा चुनाव में तो मोदी को टक्कर देते तो नजर आते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के पबिल्क का सपोर्ट उनको उतना नहीं मिल पाता, जितना वो विगत तीन विधानसभा चुनाव में ले पाए हैं. आप के एक दशक के राजनीतिक इतिहास में दो बार दिल्ली सात सीटों पर चुनाव हुए, दोनों बार बीजेपी सभी सातों सीटों पर ​जीत हासिल करने में सफल हुई. साल 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 46 फीसदी मतदाताओं का समर्थन मिला था. आम आदमी पार्टी को 32 और कांग्रेस को 15 फीसदी मदाताओं का वोट मिला था. साल 2019 में लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी को अकेले 56.9 प्रतिशत मतदाताओं को समर्थन मिला. यानी 2014 की तुलना में करीब 14 फीसदी वोट ज्यादा. 2019 में कांग्रेस को 22.5 फीसदी तो आप को 18 फीसदी से ज्यादा मत मिले थे. इस हिसाब देखें तो लोकसभा चुनाव में अगर कांग्रेस और आप के मत प्रतिशत को जोड़ भी दें तो करीब 41 फीसदी बैठता है. यानी दोनों के समर्थक एक हो भी जाएं तो उन्हें बीजेपी को हराने के लिए करीब 18 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं का और समर्थन और हासिल करना होगा. हां, इतना कहा जा सकता कि कांग्रेस और आप नेता मिलकर चुनाव लड़ें, तो यह हो सकता है कि बीजेपी को पिछले दो बार की तरह इस बार दिल्ली की सभी सीटों पर जीत हासिल न हो.

क्या अध्यादेश कानून को पास होने से रोक पाएंगे केजरीवाल?

दरअसल, आम आदमी पार्टी के प्रमुख और देश की राजधानी के सीएम अरविंद केजरीवाल को अध्यादेश के मसले पर कांग्रेस का साथ मिल गया है. इससे सियासी माहौल के स्तर पर आप को अपने पक्ष में बात रखने में मदद तो मिलेगी, लेकिन राज्यसभा में इस कानून को पास होने से कांग्रेस-आप सहित 26 विपक्षी दल रोक देंगे, ऐसा संभव नहीं है. अभी अध्यादेश के मसले पर जनता दल (सेक्युलर), तेलुगु देशम पार्टी, अकाली दल, बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, एनसीपी अजित पवार गुट व अन्य निर्दलीय सांसदों का समर्थन सीएम केजरीवाल की पार्टी को नहीं मिला है. ये सभी पार्टियां अमूमन राज्यसभा में मुद्दों पर आधारित मतदान करती आई हैं. अधिकांश मामलों में देखा गया है कि जरूरत पड़ने पर बीजेपी को इन दलों का साथ मिला है.

राज्य सभा में क्या है ताजा समीकरण

राज्य सभा की कुल 245 सीटों में 24 जुलाई के बाद 7 सीटें खाली रहेंगी. जम्मू-कश्मीर की चार, मनोनीत की दो और उत्तर प्रदेश से एक सीट खाली हो जाएगी. इस हिसाब से 24 जुलाई के बाद सदन की संख्या 238 और बहुमत का आंकड़ा 123 रहेगा. अगर दिल्ली अध्यादेश पर समर्थन की बात करें तो बीजेपी को पांच मनोनीत और दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन मिलना लगभग तय है. इन्हें जोड़ लिया जाए तो सहयोगी सदस्यों का आंकड़ा सरकार के पक्ष में 112 तक पहुंच जाता है. इसके अलावा, केंद्र सरकार को बीएसपी, जेडीएस और टीडीपी के एक-एक सांसदों से भी समर्थन की उम्मीद है. बीजेडी और वायएसआर कांग्रेस के 9-9 सदस्य हैं. दोनों ने अभी अपनी स्थिति सपष्ट नहीं की है.

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल

चुनावी मौसम में नागरिकता कानून का महत्व

March 26, 2024
PM Modi-joe biden

पीएम मोदी का अमेरिका दौरा क्यों है जरूरी!

June 8, 2023
भू-माफिया

हरिद्वार नगर निगम जमीन घोटाला प्रकरण में डीएम, पूर्व नगर आयुक्त, एसडीएम पर गिरी गाज

June 4, 2025
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • कलियुग में कब और कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि? जानिए पूरा रहस्य
  • NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!
  • देश पहले खेल बाद में, EaseMyTrip ने WCL भारत-पाकिस्तान मैच से प्रायोजन हटाया, आतंक के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया।

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.