Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राज्य

मणिपुर पर चर्चा छिड़ी तो कांग्रेस भी होगी कठघरे में!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
July 30, 2023
in राज्य, विशेष
A A
25
SHARES
821
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

नई दिल्ली। मणिपुर की घटनाओं को लेकर सरकार पर आक्रामक कांग्रेस के लिए इस मुद्दे पर चर्चा भारी पड़ सकती है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह होने वाले अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के वक्त कांग्रेस काल में मणिपुर के हालात और तत्कालीन केंद्र सरकार की प्रतिक्रियाओं के इतिहास का पन्ना खोला जा सकता है, जो कांग्रेस को असहज कर सकता है।

भाजपा ने ढूंढ निकाली कांग्रेस की काट

इन्हें भी पढ़े

माखनलालजी का समाचारपत्र ‘कर्मवीर’ बना अनूठा शिलालेख

August 23, 2025
Dharali

उत्तराखंड: धराली के बाद अब थराली में कुदरत का ‘तांडव’! लोगों के घरों में पहुंचा ‘सैलाबी’ पानी

August 23, 2025

सीएम धामी ने केंद्रीय विद्युत मंत्री से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई अहम चर्चा

August 23, 2025

थराली में आसमान से बरसी आफत ने मचाई भारी तबाही, सीएम धामी ने दुःख जताया

August 23, 2025
Load More

भाजपा ने यह ढूंढ निकाला है कि अक्सर नस्लीय हिंसा के प्रकोप में रहने वाले मणिपुर को लेकर कांग्रेस काल में सिर्फ एक बार 1993 में चर्चा हुई और जवाब तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने दिया था, जबकि इस बार कांग्रेस प्रधानमंत्री से जवाब मांगने की जिद पर अड़ी है। इतना ही नहीं यह भी याद दिलाया जा सकता है कि उस वक्त भी गृह राज्यमंत्री राजेश पायलट मणिपुर गए जरूर थे, लेकिन सिर्फ साढ़े तीन घंटे के लिए। उस वक्त के नगा-कुकी संघर्ष में 750 लोगों की जान गई थी।

जबकि इस बार खुद गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन मणिपुर में रहे और हर वर्ग के लोगों से उन्होंने संवाद किया। जबकि अपने जूनियर मंत्री नित्यानंद राय को 22 दिन के लिए मणिपुर में रोके रखा।

गृह मंत्री शाह ने दो दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को पत्र लिखकर मणिपुर पर विस्तृत चर्चा के लिए सहयोग मांगा था, लेकिन विपक्ष ने इसे ठुकरा दिया। अब जब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी तो कई ऐसे पहलू खुल सकते हैं जिसमें कांग्रेस काल और राजग काल में राज्य की स्थिति पर तीखी बहस होगी।

मणिपुर की रोजाना दो-तीन बार जानकारी लेते हैं PM मोदी

गुरुवार को शाह ने कुछ पत्रकारों से मणिपुर के बारे में कुछ चर्चा की, जो तथ्य सामने हैं वे कांग्रेस को परेशान कर सकते हैं। नस्लीय हिंसा में अक्सर फंसे रहने वाले मणिपुर में इस बार शाह पहले दिन से सक्रिय थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रोजाना दो तीन बार इसकी जानकारी लेते रहे और सुझाव भी देते रहे।

शाह को एहसास है कि नस्लीय आधार पर मणिपुर का समाज बंट चुका है। इसीलिए तत्काल बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बल भेजे गए। उच्च प्रशासनिक स्तर पर कुलदीप सिंह और विनीत जोशी जैसे अधिकारी भी नियुक्त किए।

शाह ने यह सुनिश्चित किया कि कुकी और मैतेई आबादी के बीच बफर जोन तैयार किया जाए। इसके साथ लगभग 50 हजार लोगों को सुरिक्षत उनकी आबादी के बीच पहुंचाया गया। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए शाह खुद तीन दिन मणिपुर में रुके। अलग-अलग समुदायों से चर्चा की और उन्हें भरोसा दिया।

दोनों समुदाय के साथ वार्ता कर रहे शाह

इससे पहले केंद्र की ओर से यह कोशिश भी हुई कि हाईकोर्ट के उस आदेश को दुरुस्त करवाया जाए जिसके कारण मणिपुर में हिंसा भड़की थी। यही कारण है कि 17 जुलाई से राज्य में हिंसा से एक भी मौत नहीं हुई। शाह खुद भी दोनों समुदाय के नेताओं से संवाद मे हैं और पिछले दिनों दिल्ली में उन्होंने कुकी समुदाय के नेताओं को भी बुलाकर चर्चा की।

माना जा रहा है कि जो तथ्य चर्चा के वक्त भाजपा द्वारा रखे जाएंगे वे कांग्रेस काल पर सवाल खड़े करेंगे। वर्तमान राजग काल में मणिपुर में इससे पहले नस्लीय हिंसा नहीं हुई, जबकि कांग्रेस काल में कई घटनाएं हो चुकी थीं। राजग काल में कभी भी मणिपुर बंद नहीं रहा, जबकि कांग्रेस काल में औसतन 50 दिन बंद हुआ करता था।

पूर्ववर्ती सरकार में क्या बंद था मणिपुर?

साल 2011 में सबसे लंबी 139 दिन तक बंदी रही थी। उस वक्त भी संसद में चर्चा की मांग उठी थी, लेकिन सरकार नहीं मानी। इसके पीछे विकास के साथ-साथ लगभग पूरे उत्तर पूर्व से अफस्पा हटाने, अलग-अलग राज्यों में उग्र संगठनों के साथ समझौते जैसे कई मुद्दों को कारण माना जा रहा है।

शाह ने बताया कि सरकार ने भविष्य का रास्ता तैयार कर लिया है। सीमा पर पूरी तरह बाड़ लगाई जाएगी। सीमा के जरिये म्यांमार से आने वाले लोगों के फिंगर प्रिंट लेकर उन्हें नेगेटिव लिस्ट में भी डाला जाएगा ताकि वह स्थायी रूप से यहां न रह सकें।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
pm modi

PM मोदी ने उड़ाई पाकिस्तान के झूठ की धज्जियां, बोले-S-400 और मिग-29 पूरी तरह सुरक्षित!

May 13, 2025
UNSC

पाकिस्तान की UNSC अध्यक्षता… भारत के खिलाफ चाल नाकाम, आतंकवाद पर फिर बेनकाब!

July 2, 2025
Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद ने सिद्ध किया की भारत ही विश्वगुरु था और रहेगा!

January 11, 2024
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • माखनलालजी का समाचारपत्र ‘कर्मवीर’ बना अनूठा शिलालेख
  • अनिल अंबानी के घर और रिलायंस कम्युनिकेशंस के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी
  • ED की बड़ी कार्रवाई… कांग्रेस विधायक के घर 12 करोड़ कैश, 6 करोड़ की ज्वेलरी जब्त!

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.