नई दिल्ली। भारत ने अफगानिस्तान के साथ अपने मानवीय सहयोग की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को अफगान कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी को 5 नई एंबुलेंस सौंप दीं। यह खेप 20 एंबुलेंस और अन्य चिकित्सा उपकरणों के बड़े पैकेज का हिस्सा है, जो भारत ने अफगान जनता के स्वास्थ्य और मानवीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए देने का वादा किया था।
काबुल स्थित भारतीय दूतावास के एक बयान में कहा गया कि ये एंबुलेंसें भारत की “ लॉन्ग-स्टैंडिंग सपोर्ट फॉर द पीपल ऑफ अफगानिस्तान ” नीति का हिस्सा हैं। भारत का उद्देश्य अफगान जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना और युद्ध एवं आर्थिक संकट से उबरने में सहायता देना है।
भारत पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान में स्वास्थ्य, शिक्षा, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक प्रमुख सहयोगी रहा है। 2001 के बाद से भारत ने अफगानिस्तान में अस्पताल, सड़कें, और शिक्षा संस्थान बनवाए हैं। यहां तक कि 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भी, भारत ने अपने मानवीय मिशन को जारी रखा है जिसमें गेहूं, टीके, और आवश्यक दवाएं शामिल हैं। काबुल में आयोजित इस समारोह में भारत की ओर से दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
विदेश मंत्री मुत्ताकी ने भारत के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि “ भारत ने हमेशा मुश्किल समय में अफगान जनता का साथ दिया है, और यह मानवीय भावना का एक शानदार उदाहरण है। ”विशेषज्ञों के अनुसार, भारत का यह कदम केवल मानवीय नहीं बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी अहम है। यह अफगानिस्तान के साथ भारत के सतत संवाद और जुड़ाव की प्रतिबद्धता को दर्शाता है भले ही काबुल की सत्ता पर तालिबान काबिज हो।
भारत ने अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी को 5 एंबुलेंसें सौंपीं। यह 20 एंबुलेंसों और अन्य चिकित्सा उपकरणों की बड़ी सहायता योजना का हिस्सा है। भारत ने एक बार फिर अफगान जनता के प्रति अपने “मानवीय समर्थन” की नीति को दोहराया, जो दोनों देशों के संबंधों में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।