नई दिल्ली: किसे पता था कि अमेरिका के राष्ट्रपति इस कदर झूठे और धोखेबाज निकलेंगे. उन्होंने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के साथ रूस से कारोबार करने की वजह से जुर्माना भी लगा दिया. ट्रंप ने दावा किया कि हमारे प्रतिबंधों के बाद भी भारत ने रूस से तेल और हथियार खरीदे, जबकि रूस ने इन पैसों का इस्तेमाल यूक्रेन के साथ युद्ध में किया.
लेकिन, वह यह बताना भूल गए कि अमेरिका खुद रूस से कितना कारोबार करता है और हर साल कितना सामान खरीद रहा. अगर ट्रंप दुनिया को यही बताना चाहते हैं कि भारत से मिल रहे पैसों से ही रूस यू्क्रेन के साथ युद्ध कर रहा है तो उन्हें पहले खुद के कारोबार पर रोक लगाना चाहिए. क्या अमेरिका से मिले पैसों का इस्तेमाल रूस अपने युद्ध में नहीं कर सकता.
अमेरिकी ट्रेड रीप्रेजेंटेटिव ( USTR) के आंकड़े ट्रंप के इस झूठ का साफ खुलासा करते हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका और रूस का कारोबार तमाम प्रतिबंधों के बावजूद चल रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी, 2022 से ही युद्ध चल रहा है और उसके तत्काल बाद अमेरिका सहित यूरोपीय संघ ने भी रूस पर प्रतिबंध लगा दिया था. जाहिर है कि सबसे पहले अमेरिका को ही रूस के साथ किसी भी तरह का कारोबार बंद करना चाहिए था. लेकिन, अमेरिका ने ऐसा करने के बजाय सिर्फ दूसरों पर ही जुर्माना लगाना बेहतर समझा.
कितना है रूस-अमेरिका का कारोबार
USTR के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2024 में रूस और अमेरिका के बीच 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का करोबार हुआ. इस दौरान अमेरिका ने रूस को 4,600 करोड़ रुपये का सामान भेजा, जबकि 25 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत का सामान खरीदा. अगर इससे एक साल पहले यानी 2023 के आंकड़े देखें तो अमेरिका ने रूस को 60 करोड़ डॉलर से ज्यादा का निर्यात किया और 2023 में अमेरिका ने रूस से 4.5 अरब डॉलर का सामान मंगाया था.
2025 में कितना व्यापार किया
साल 2025 में भी अमेरिका और रूस के बीच कारोबार बदस्तूर जारी है. जनवरी में अमेरिका ने रूस को 3.49 करोड़ डॉलर का सामान भेजा तो रूस से 19.6 करोड़ डॉल का सामान खरीदा. फरवरी में भी अमेरिका से निर्यात का आंकड़ा 4.98 करोड़ डॉलर तो आयात का आंकड़ा 33.96 करोड़ डॉलर का रहा. मार्च में यह और बढ़कर निर्यात 5 करोड़ डॉलर तो आयात 523 करोड़ डॉलर हो गया. अप्रैल महीने में अमेरिका ने 4.55 करोड़ डॉलर के प्रोडक्ट रूस को भेजे तो 49.21 करोड़ डॉलर के प्रोडक्ट वहां से मंगाए. मई के महीने में सबसे ज्यादा कारोबार हुआ, जब अमेरिका ने 5.14 करोड़ डॉलर का सामान रूस को भेजा, जबकि उससे 53.96 करोड़ डॉलर का सामान मंगाया. इस तरह, 2025 के शुरुआती 5 महीने में अमेरिका ने रूस को 23.17 करोड़ डॉलर का निर्यात किया, जबकि 209.10 करोड़ डॉलर का आयात किया है.
सिर्फ भारत पर ही जुर्माना क्यों
ट्रंप का झूठ इस बात से भी बेनकाब हो जाता है कि अगर उन्होंने भारत पर पेनाल्टी सिर्फ इसी बात के लिए लगाई है कि हम रूस से सामान खरीदते हैं तो चीन इस मामले में हमसे भी आगे है. आखिर उस पर क्यों नहीं जुर्माना ठोका. साल 2024 में भारत और रूस के बीच कुल कारोबार जहां 65.42 अरब डॉलर का रहा है तो चीन के साथ रूस का कुल कारोबार इससे 4 गुना बढ़कर 244.8 अरब डॉलर के आसपास रहा. इस लिहाज से तो अमेरिका को पहले चीन पर ही पेनाल्टी लगानी चाहिए, लेकिन फिलहाल ट्रंप की मंशा सिर्फ भारत को नीचा दिखाने की है. उन्हें अपने झूठ या अमेरिका पर पड़ने वाले इस व्यापारिक असर से कोई लेनादेना नहीं है.