प्रकाश मेहरा
स्पोर्ट्स डेस्क
नई दिल्ली। आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में अब सबकी नजरें भारतीय टीम पर टिकी हैं। कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम इंडिया शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी। न्यूजीलैंड पर शानदार जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम ने नॉकआउट चरण में जगह बनाई, लेकिन अब मुकाबला उससे कहीं ज्यादा कठिन होने वाला है। मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराना आसान नहीं होगा, और ऐसे में भारत को अपने मुख्य खिलाड़ियों से बड़ी उम्मीदें होंगी।
हरमनप्रीत कौर से नेतृत्व और लय की उम्मीद
कप्तान हरमनप्रीत कौर टीम की सबसे अनुभवी और भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक हैं। उनका नेतृत्व न सिर्फ रणनीति के स्तर पर बल्कि बल्लेबाजी में भी टीम के आत्मविश्वास को मजबूत करता है। न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका आक्रामक अर्धशतक टीम के मनोबल को ऊंचा उठाने वाला रहा। सेमीफाइनल में हरमनप्रीत से फिर एक बड़ी पारी की उम्मीद की जा रही है।
स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा पर शुरुआती जिम्मेदारी
भारत के लिए सबसे अहम भूमिका ओपनिंग जोड़ी स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा निभा सकती हैं। टूर्नामेंट में मंधाना का बल्ला लगातार रन उगल रहा है। वहीं, शैफाली की विस्फोटक बल्लेबाजी शुरुआती ओवरों में ही विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बना सकती है। अगर दोनों के बीच मजबूत साझेदारी बनती है, तो भारत की जीत की राह आसान हो सकती है।
बल्लेबाजी की रीढ़: जेमिमा और ऋचा घोष
मिडिल ऑर्डर में जेमिमा रोड्रिग्स और ऋचा घोष ने हालिया मैचों में प्रभावी प्रदर्शन किया है। ऋचा की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी डेथ ओवर्स में टीम को मजबूत फिनिश देती है, जबकि जेमिमा का संयमित खेल पारी को संभालने में मददगार है।
गेंदबाजी में झूलन गोस्वामी और दीप्ति शर्मा का अनुभव
गेंदबाजी विभाग में अनुभवी झूलन गोस्वामी का अनुभव भारत की बड़ी ताकत होगा। नई गेंद से उनका शुरुआती स्पेल मैच का रुख बदल सकता है। वहीं, स्पिनर दीप्ति शर्मा और पूनम यादव विपक्षी बल्लेबाजों को उलझाने में सक्षम हैं। ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ इन दोनों की भूमिका निर्णायक रहेगी।
टीम संयोजन और मनोबल दोनों मजबूत
न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत ने टीम इंडिया के मनोबल को बढ़ाया है। फील्डिंग और फिटनेस के मोर्चे पर भी टीम में सुधार देखा गया है। हरमनप्रीत की कप्तानी में भारत पहले भी कई बार कठिन हालात से जीत निकाल चुका है। इस बार भी टीम वही जज्बा दिखाने के लिए तैयार है।
सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टक्कर सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि जज्बे और धैर्य की भी परीक्षा होगी। करोड़ों भारतीय प्रशंसकों की नजरें अब इस बात पर होंगी कि क्या हरमनप्रीत ब्रिगेड इतिहास दोहराकर फाइनल में पहुंच सकेगी।







