स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली : लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर 16 घंटे की विशेष बहस हुई, जिसकी शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस बहस में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सैन्य ताकत, निर्णायक नेतृत्व और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक बताया। आइए उनके प्रमुख बयानों और चर्चा की मुख्य बातों को एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य
राजनाथ सिंह ने कहा कि “22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 निर्दोष नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की हत्या की गई। आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया, जो अमानवीय और कायराना कृत्य था। यह भारत की सहनशक्ति की सीमा थी।
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सीमा पार करना या क्षेत्र पर कब्जा करना नहीं था, बल्कि पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। यह भारत की संप्रभुता, अस्मिता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी का प्रदर्शन था।
ऑपरेशन की सफलता और सैन्य कार्रवाई
राजनाथ सिंह ने बताया कि 6-7 मई 2025 को भारतीय सेना ने 22 मिनट के भीतर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, जिसमें 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और हैंडलर मारे गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस ऑपरेशन में भारत के किसी भी महत्वपूर्ण सैन्य संसाधन को नुकसान नहीं हुआ। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, काउंटर-ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने पाकिस्तान के जवाबी हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया।
सेना ने अंधेरे में भी साक्ष्य जुटाए और इन्हें प्रेस ब्रीफिंग के माध्यम से जनता के सामने रखा गया। ऑपरेशन के बाद रात 1:35 बजे भारत के डीजीएमओ ने पाकिस्तान के डीजीएमओ को कार्रवाई की जानकारी दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि “आज का भारत आतंकवाद के खिलाफ अलग तरह से सोचता और काम करता है। जब विरोधी आतंकवाद को रणनीति बनाता है और बातचीत की भाषा नहीं समझता, तो दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई ही एकमात्र रास्ता है।
शांति और कार्रवाई का संतुलन
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ शांति के लिए कई प्रयास किए, लेकिन 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 के ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकियों और उनके समर्थकों को स्पष्ट संदेश दिया कि नया भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने उधमपुर में जवानों को संबोधित करते हुए कहा था कि यह ऑपरेशन अभी रुका है, खत्म नहीं हुआ।
विपक्ष के सवालों का जवाब
राजनाथ सिंह ने विपक्ष के सवालों, खासकर यह पूछने पर कि “हमारे कितने विमान गिरे?”, का जवाब देते हुए कहा कि ऐसे सवाल राष्ट्रीय जनभावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते। सही सवाल यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसका जवाब है- हां।
पहलगाम हमले पर विपक्ष के सवाल
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पूछा कि आतंकी पहलगाम कैसे पहुंचे और 26 लोगों को कैसे मार डाला। राजनाथ सिंह ने इस पर सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन ऑपरेशन की सफलता और त्वरित कार्रवाई पर जोर दिया।
संसद में चर्चा की रणनीति
बहस से पहले राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ कई बैठकें कीं। इनमें ऑपरेशन के हर पहलू पर जवाब देने की रणनीति तैयार की गई। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चर्चा में शामिल हो सकते हैं। पीएम मोदी ने ऑपरेशन को ‘विजय उत्सव’ करार दिया और इसे भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक की जीत बताया।
विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, ने ऑपरेशन की पारदर्शिता और पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में उपस्थित रहने को कहा।
ऑपरेशन सिंदूर का प्रतीकात्मक महत्व
राजनाथ सिंह ने कहा, “यह सिंदूर की लाली शौर्य की कहानी है, भारत के मस्तक पर वीरता की निशानी है।” सेना ने इस ऑपरेशन के जरिए माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया। उन्होंने ऑपरेशन को भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक दृढ़ता का प्रतीक बताया, जो देश की एकता और अखंडता के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों को समर्पित है।
पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
राजनाथ सिंह ने बताया कि पाकिस्तान ने 7-8 मई को जवाबी हमले किए, लेकिन भारत ने इन हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया। कार्रवाई पूरी तरह आत्मरक्षा में थी। विपक्ष ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर सवाल उठाए कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। इस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की स्वतंत्र कार्रवाई थी।
संसद में हंगामे की स्थिति विपक्ष का हंगामा
चर्चा शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई। दोपहर 2 बजे सदन फिर शुरू हुआ, और राजनाथ सिंह ने अपना बयान दिया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जब पाकिस्तान ने भारत की लाल रेखा पार की, तो आतंकी ठिकानों को आग का सामना करना पड़ा। उन्होंने विपक्ष से राष्ट्रीय हितों को नुकसान न पहुंचाने की अपील की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक क्षमता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ नीति का प्रतीक बताया। उन्होंने इसे केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करार दिया। विपक्ष ने सुरक्षा चूक और ऑपरेशन की पारदर्शिता पर सवाल उठाए, लेकिन सरकार ने अपनी जीरो टॉलरेंस नीति और सैन्य सफलता पर जोर दिया। यह बहस राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मुद्दों पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी टक्कर का मंच बनी।