Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home विशेष

इजरायल का अकेले पड़ना किसी सजा से कम नहीं

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
November 2, 2023
in विशेष, विश्व
A A
Israel
26
SHARES
865
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रकाश मेहरा


गाजा में चले ही मलबे का लग जाता हो, पर रहने वाले लोग किसी न किसी तरह से अपने मरहूम परिजनों के लिए हमेशा सफेद कफन खोज ही लेते हैं। यहां पर छोटे-छोटे बच्चे जान गंवा रहे हैं, उनके माता-पिता और बुजुगों की भी जान जा रही है। फलस्तीनियों का दर्द गहराई से महसूस करने के लिए हमें बस एक दिमाग और दिल की जरूरत है, पर इजरायल के अकेलेपन को महसूस करने के लिए थोड़ी हिम्मत की जरूरत है।

इन्हें भी पढ़े

माखनलालजी का समाचारपत्र ‘कर्मवीर’ बना अनूठा शिलालेख

August 23, 2025
sergio gor

भारत में अमेरिका के नए राजदूत सर्जियो गोर, ट्रम्प के करीबी सहयोगी को मिली दोहरी जिम्मेदारी

August 23, 2025
israel-iran war

यमन से इजरायल में दागे गए मिसाइल, तेल अवीव में सायरन बजने से दहशत

August 23, 2025
Lok Sabha

केंद्र के इन तीनों बिलों के खिलाफ़ लोकसभा में विपक्ष ने किया ज़बरदस्त हंगामा, समझिए !

August 20, 2025
Load More

एक अंग्रेजी फिल्म है अवतार, जिसमें पश्चिम एशियाई समस्या का भी अंश है। मनुष्य किसी अन्य ग्रह पर किसी स्थानीय जनजातीय प्रजाति को गुलाम बनाने के लिए अपनी बेहतर तकनीक का उपयोग करता है। ये खुद को श्रेष्ठ मानने वाले ऐसे मनुष्य हैं, जिन्हें जीवित रहने के लिए किसी अन्य दुनिया में उपनिवेश बनाने की जरूरत है, क्योंकि पृथ्वी समाप्त हो चुकी है। ऐसे मनुष्यों को उत्पीड़क होने या विलुप्त हो जाने के बीच ही चुनना पड़ेगा। हालांकि, यह मूल निवासियों को नुकसान पहुंचाने का नैतिक आधार नहीं है। किसी भी मामले में कौन सा समझदार व्यक्ति स्थानीय जनजातीय लोगों के खिलाफ हमले के प्रति सहानुभूति रखेगा? ठीक यही बात इजरायल के साथ है, वह अकेला नजर आ रहा है।

इसराइल का यह अकेलापन ताकतवर लोगों या उन लोगों का अकेलापन है, जो फिलहाल लड़ाई जीत गए हैं। यह एक आधुनिक अकेलापन भी है। सदियों से ताकतवर ने कमजोरों को खत्म ही किया है। ताकतवर का मकसद बदकिस्मत या कमजोर लोगों की देखभाल करना होना चाहिए, उन्हें खत्म करना नहीं। फिर भी इजरायल का मानना है कि उसके पास केवल दो ही विकल्प हैं, उत्पीड़क बनी या दुनिया के नक्शे से मिट जाओ।

19वीं सदी के आखिर में इजरायल के बारे में ब्रिटिश यहूदी अभिजात्य वर्ग ने सोचा था। यहूदी हर जगह सताए गए थे। उनकी अपनी पवित्र भूमि पर अरबों ने कब्जा कर लिया था, उस भूमि को फिर से पाने का प्रस्ताव आज हास्यास्पद लगता है, लेकिन जिस युग में इजरायल के बारे में सोचा गया, वह अभिजात वर्ग व श्वेत इंसानों का स्वर्ण युग था। तब यूरोपीय लोग खुद को अन्य लोगों से अलग और श्रेष्ठ मानते थे।

एक यहूदी लेखक अरी शाक्ति ने अपनी पुस्तक माई प्रॉमिस्ड लैंड में अपने पूर्वजों की दृष्टि पर आश्चर्य व्यक्त किया है। शावित के परदादा हवेंट बेंटायच इजरायल के संस्थापकों में से एक थे। साल 1897 में फलस्तीन में पांच लाख से अधिक अरबों से उनकी भूमि ले ली गई। तब अरब इतने गरीब थे कि किसी विक्टोरियन श्रेष्ठ इंसान का उन पर ध्यान ही नहीं गया।

यहूदियों ने स्थानीय लोगों या फलस्तीनियों को अपने तं समेटने और चले जाने को प्रेरित किया या फिर उन्हें अधिक वयंर तरीकों से गायब कर दिया। शुरुआत में हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बावजूद अरब और यहूदी साथ-साथ रहते थे। समय के साथ हिंसा बढ़ती गई। वहूदी अभिजात वर्ग को यह एहसास हुआ कि उन्हें अपने ऐसे देश की जरूरत है, जहां कोई अरब न हो। वैसे, अरब देशों ने इजरायल के अस्तित्व को मान्यता नहीं दी थी। 14 मई, 1948 को इजरायल के गठन के एक दिन बाद ही मिस्र, जॉर्डन, इराक, सीरिया और लेबनान की सेनाओं ने आक्रमण कर दिया, पर इजराइल की जीत हुई।

आज बात सिर्फ इजरायल की नहीं है, हर ताकतवर की है। दुनिया ताकतवर को बर्दाश्त नहीं कर सकती। दुनिया चाहती है कि आप घुटने टेके, रेंगें और रोए, पर इजरायल इसमें बुरा है। शुरुआती वर्षों में ही उसने यहूदियों से नरसंहार पर चुप रहने और रोना बंद करने के लिए कह दिया था। इजरायल ताकत और उम्मीद पर बना है। दरअसल, इजरायल को डर है कि उसे किसी भी दिन ‘खत्म किया जा सकता है। एक मजबूत और समृद्ध फलस्तीन उसके लिए बहुत खतरनाक है। इजरायल को एक बफर जोन की जरूरत है, हां, हम बफर जोन में रहने वाले लोगों के बारे में एक सुंदर दुख भरी कविता लिख सकते हैं, यह एक आसान कविता होगी। कविता तो वह कठिन है, जिसके बारे में इजरायल की नेता गोल्डा मेयर ने एक बार कहा था, ‘हर सभ्यता अपने मूल्यों के साथ समझौता करना आवश्यक समझती है।’


(ये लेखक के अपने विचार हैं)

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
Amit Shah

दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह 1 मई को बोडोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्मा मूर्ति का करेंगें अनावरण

April 30, 2025
Sunita Williams

Sunita Williams Return: स्पेस से रवानगी से समंदर में लैंडिंग तक… देखिए पूरी रिपोर्ट

March 19, 2025
russia

युद्ध के मैदान में ‘शिकारी’ को उतार सकते हैं रूस, गिरा सकते हैं ‘फादर ऑफ ऑल बॉम्ब’

February 26, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • भारत का ‘सुदर्शन चक्र’ IADWS क्या है?
  • उत्तराखंड में बार-बार क्यों आ रही दैवीय आपदा?
  • इस बैंक का हो रहा प्राइवेटाइजेशन! अब सेबी ने दी बड़ी मंजूरी

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.