स्पेशल डेस्क/पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच, जहां महागठबंधन (कांग्रेस-आरजेडी) और एनडीए (बीजेपी-जेडीयू) के बीच कांटे की टक्कर चल रही है, एक हल्की-फुल्की लगने वाली घटना ने सोशल मीडिया और राजनीतिक बहस को हाईजैक कर लिया है। मामला है कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘जलेबी छानने’ वाली तस्वीर और वीडियो का। दिवाली के ठीक पहले शेयर किया गया यह वीडियो, जो राहुल को दिल्ली की एक मिठाई दुकान पर जलेबी और लड्डू बनाते दिखाता है, अब बिहार चुनावी मौसम में विपक्षी दलों के लिए तंज कसने का हथियार बन गया है। आइए घटना को विस्तार में एक्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा समझते हैं—क्या हुआ, क्यों मचा बवाल, और इसका सियासी मतलब क्या है।
राहुल की ‘मिठाई बनाने’ वाली तस्वीर क्या हुआ ?
21 अक्टूबर को राहुल गांधी ने सोशल मीडिया (एक्स) पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वे दिल्ली की एक पारंपरिक मिठाई दुकान पर जलेबी तलते और छानते नजर आ रहे हैं। वीडियो में राहुल हंसते-मुस्कुराते लोगों से बात कर रहे हैं, और कैप्शन में दिवाली की शुभकामनाएं दी गई हैं। यह वीडियो तुरंत वायरल हो गया, लाखों व्यूज बटोर लिया।
कांग्रेस का एंगल
पार्टी ने इसे ‘आम आदमी से जुड़ाव’ दिखाने का प्रतीक बताया। राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तर्ज पर यह ‘जन-संपर्क’ का हिस्सा माना जा रहा है, जहां वे बिहार चुनाव से पहले ‘सॉफ्ट इमेज’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि यह बिहार की सांस्कृतिक विरासत (जैसे जलेबी-इमरती) से जुड़ाव दिखाता है।
बीजेपी-एनडीए का हमला-तीखा कटाक्ष
बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने सबसे पहले तंज कसा। 21 अक्टूबर को पटना में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “हरियाणा चुनाव में राहुल जी जलेबी खरीद रहे थे, और अब बिहार चुनाव से पहले छान रहे हैं। भगवान करे, वे इसी तरह जलेबी छानते रहें—चुनाव तो हम जीत लेंगे।” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और बीजेपी समर्थकों ने इसे ‘राहुल की फेल रणनीति’ का सबूत बताया।
चौधरी का इशारा 2024 के हरियाणा चुनाव की ओर था, जहां राहुल ने जलेबी खाते हुए एक तस्वीर शेयर की थी। वहां कांग्रेस हार गई थी, तो अब बीजेपी इसे ‘शुभचिंतक’ की तरह पेश कर रही है—मानो राहुल जहां जाते हैं, कांग्रेस हार जाती है।
अन्य बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
जेडीयू नेता संजय झा ने राहुल को ‘पॉलिटिकल टूरिस्ट’ कहा, जो चुनाव के समय आकर ‘शो’ करते हैं और चले जाते हैं।
एक्स पर बीजेपी के आधिकारिक हैंडल ने पुरानी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के विवादों (जैसे पीएम मोदी को गाली देना) को जोड़ते हुए इसे ‘डिस्ट्रैक्शन टैक्टिक’ बताया।
तेजप्रताप यादव का मजेदार जवाब
‘मैंने ही सिखाया !’महागठबंधन के सहयोगी जनशक्ति जनता दल के नेता तेजप्रताप यादव (लालू यादव के बेटे) ने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में पलट दिया। 21 अक्टूबर को मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा, “राहुल गांधी मेरी कॉपी कर रहे हैं। मैंने ही उन्हें जलेबी बनाना सिखाया था, इसलिए वो अब छान रहे हैं।”
क्या है तेजप्रताप का बैकग्राउंड
तेजप्रताप पहले से ही सोशल मीडिया पर अपनी ‘क्रिएटिव’ वीडियोज (जैसे पेंटिंग, कुकिंग) के लिए फेमस हैं। उनका यह तंज आरजेडी-कांग्रेस के बीच चल रही सीट बंटवारे की खींचतान के बीच भी एकजुटता दिखाने जैसा था। हालांकि, उन्होंने महागठबंधन के आंतरिक विवादों पर टालते हुए कहा, “ये उनका मामला है, मेरा नहीं।”
क्यों हो रहा है यह घमासान ? बिहार चुनाव का टेम्परेचर
2025 चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हैं। महागठबंधन में सीट बंटवारे पर विवाद (आरजेडी vs कांग्रेस) चल रहा है, जबकि एनडीए मजबूत दिख रहा। सर्वे (जैसे जेवीसी पोल) में एनडीए को 136 सीटें मिलने का अनुमान है। ऐसे में राहुल का यह ‘लाइट-हार्टेड’ वीडियो विपक्ष के लिए ‘डायवर्शन’ का मौका बन गया।
राहुल की स्ट्रैटेजी कांग्रेस बिहार में कमजोर है (2020 में सिर्फ 19 सीटें)। राहुल ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ और ‘जन-कनेक्ट’ पर फोकस कर रहे हैं—जैसे वोटर अधिकार यात्रा, सामाजिक न्याय। लेकिन बीजेपी इसे ‘फर्जी’ बताकर हमला बोल रही।
अन्य विवादों का कनेक्शन
यह अकेला नहीं—पहले सैनेटरी पैड पर राहुल की फोटो (फर्जी वीडियो), ‘मृत वोटर्स’ वाली तस्वीर, और रावण पोस्टर (राहुल-तेजस्वी को रावण बताना) जैसे मुद्दों ने माहौल गर्माया। जलेबी वाला एपिसोड हल्का लगता है, लेकिन वोटरों के बीच ‘राहुल vs मोदी’ की छवि मजबूत कर रहा।
महिलाओं और युवाओं में राहुल की इमेज पॉजिटिव हो रही, लेकिन बीजेपी इसे ‘ट्रिक’ बताकर काउंटर कर रही। बिहार की 7.3 करोड़ वोटर आबादी में छोटी-छोटी बातें वायरल होकर असर डाल सकती हैं।
जलेबी से बड़ा संदेश !
यह ‘जलेबी विवाद’ सतही लगता है, लेकिन बिहार जैसे राज्य में जहां चुनाव भावनाओं और छवि पर लड़े जाते हैं, यह राहुल की ‘आम आदमी’ वाली इमेज को मजबूत करने की कोशिश है। बीजेपी इसे ‘हार का संकेत’ बता रही, जबकि महागठबंधन हंसकर टाल रहा। असल जंग तो सीट बंटवारे, वोट चोरी के आरोपों, और विकास मुद्दों पर है। चुनाव नतीजे (नवंबर 2025 तक) बताएंगे कि जलेबी ने किसका स्वाद बिगाड़ा—कांग्रेस का या बीजेपी का। फिलहाल, यह साबित कर रहा है कि बिहार चुनाव में कोई भी ‘मीठा’ मुद्दा कड़वा हो सकता है!