स्पेशल डेस्क/पटना: बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव (6 और 11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को नतीजे) में जातिगत समीकरण फिर से केंद्र में हैं। खासकर अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) का 36% वोट बैंक, जो बिहार की कुल आबादी का बड़ा हिस्सा है, इस बार NDA (BJP-JD(U) गठबंधन) और महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-VIP आदि) दोनों के लिए ‘जीत की गारंटी’ साबित हो सकता है। सवाल उठ रहा है NDA या महागठबंधन, किसके लिए EBC EVM भरेगा ? यानी, ये स्विंग वोटर किसके पक्ष में पड़ेगा? आइए, पूरे विश्लेषण में डेटा, रणनीतियां, घोषणापत्र और सर्वे के आधार पर एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
’36 का आंकड़ा’ क्या है? क्यों है जीत की गारंटी ?
बिहार की 2023 जातिगत जनगणना के अनुसार, EBC (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) की आबादी राज्य की कुल जनसंख्या का 36% है। इसमें 113 छोटी जातियां (82 हिंदू, 31 मुस्लिम) शामिल हैं, जैसे निषाद-मल्लाह, केवट, बनिया आदि। ये वोटर ‘स्विंग वोटर’ हैं – न तो यादव (14%) या दलित (20%) जितने एकजुट, न सवर्ण (15%) जितने प्रभावशाली। लेकिन संख्या बल से ये लगभग 4.7 करोड़ वोटर बनाते हैं।
क्यों गारंटी ? बिहार की 243 सीटों में EBC को आनुपातिक रूप से 63-70 सीटें मिलनी चाहिए। 2020 चुनाव में NDA ने EBC वोट से फायदा उठाया था, लेकिन अब महागठबंधन सेंध लगाने की कोशिश में है। लोकनीति-CSDS पोल के मुताबिक, EBC वोट ट्रांसफर (वोट शेयर का 70-80%) ही सरकार बना सकता है। अगर EBC NDA के साथ रहा, तो बहुमत (122+) आसान; महागठबंधन की ओर झुका, तो उलटफेर।
क्या है EBC वोट का इतिहास ?
नीतीश का ‘ट्रंप कार्ड’ अब किसका? पिछला ट्रेंड नीतीश कुमार (JD(U)) ने 20 सालों से EBC को साधा – 2005-2020 में JD(U) के 40% विधायक EBC से। 2020 में NDA ने EBC को 26% टिकट दिए, जीत रेट 20-25% रही। 2025 का स्विंग में EBC की पकड़ NDA से कमजोर हुई। महागठबंधन ‘MY (मुस्लिम-यादव, 31%) + EBC’ फॉर्मूला आजमा रहा।
EBC में 100+ जातियां हैं, कोई एक लॉबी नहीं। BJP के सवर्ण फोकस से JD(U) को नुकसान, जबकि RJD का MY बेस EBC को आकर्षित कर रहा।
EBC को साधने के वादे और टिकट फोकस
नीतीश कुमार EBC के ‘मसीहा’ बनकर उभर रहे। घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र’ में EBC के लिए ‘पंचामृत गारंटी’ 1 करोड़ सरकारी नौकरियां (EBC युवाओं के लिए कौशल केंद्र)। EBC आयोग स्थापना – 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता, आरक्षण बढ़ाना। महिलाओं/किसानों के लिए 1500 रुपये पेंशन, मुफ्त बिजली।कर्पूरी ठाकुर (EBC आइकन) की विरासत पर जोर – PM मोदी का कर्पूरी ग्राम दौरा।
किसको कितना टिकट वितरण
NDA ने 75%+ सीटों पर OBC/EBC/SC उम्मीदवार। JD(U): 101 सीटें (EBC फोकस), BJP: 101 (सवर्ण+शहरी), LJP(RV): 23 (दलित-EBC), HAM/RLM: 6-7। मजबूती सट्टा बाजार (फलोदी) NDA को 128-138 सीटें दे रहा। IANS-Matrize सर्वे NDA 45-50% वोट शेयर।
EBC में सेंध, ‘तेजस्वी प्रण’ से लुभावना फोकस
- तेजस्वी यादव EBC को ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प’ से जोड़ रहे। घोषणापत्र ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ में 10-सूत्री EBC पैकेज EBC सुरक्षा अधिनियम – 50% आरक्षण, पलायन रोकने के लिए 10 लाख नौकरियां।
- निषाद-मल्लाह (EBC का 10%) को VIP (मुकेश सहनी) से लुभाना – उन्हें उप-CM चेहरा।
- मुफ्त बिजली, महिला आरक्षण, किसान कर्ज माफी।
RJD: 144 सीटें (MY+EBC), कांग्रेस: 66 (?), VIP: EBC सीटें। लेकिन तालमेल की कमी (MIM बाहर) नुकसान। वोट वाइब सर्वे में महागठबंधन 34.7% (NDA 34.4%)। युवा/पलायन मुद्दे से EBC में कमबैक।
EBC का झुकाव किस ओर ? NDA को फायदा
EBC का 45-50% अभी NDA के साथ (नीतीश का पुराना बेस)। BJP का हिंदुत्व+विकास नैरेटिव सवर्ण+EBC जोड़ रहा। लेकिन चिराग पासवान का LJP विभाजन से नुकसान। महागठबंधन को मौका 40% EBC स्विंग – पलायन (2.9 करोड़ बिहारी बाहर नौकरी) और बेरोजगारी से तंग। राहुल गांधी का ‘जातिगत जनगणना’ वादा EBC को लुभा रहा। X ट्रेंड: #EBCVoteMahagathbandhan। अन्य फैक्टर में जनसुराज (प्रशांत किशोर) 12% वोट काट सकता (EBC युवा)। सट्टा बाजार NDA आगे, लेकिन सर्वे टाइट। कुल: EBC अगर 5% भी शिफ्ट हुआ, तो 20-25 सीटें बदल सकतीं।
कौन जीतेगा ? NDA
स्थिरता+विकास का दावा, EBC को ‘विरासत’ से बांधना। अनुमान: 130-140 सीटें (अगर EBC 50%+ रहा)। महागठबंधन: सामाजिक न्याय+रोजगार। अनुमान: 90-110 सीटें (EBC स्विंग से उलटफेर)। EBC का फैसला अंतिम होगा – नीतीश की ‘पुरानी दोस्ती’ या तेजस्वी का ‘नया वादा’? 14 नवंबर इंतजार।







