प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा के लिए ‘वॉर मॉक ड्रिल’ आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह ड्रिल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हो रही है, जिसका उद्देश्य युद्ध या आपात स्थिति, विशेषकर हवाई हमलों, से निपटने के लिए नागरिकों और प्रशासन की तैयारियों को परखना और सुदृढ़ करना है। इस ड्रिल की तैयारियों के लिए 6 मई को नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली में गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई।
मॉक ड्रिल पर सभी राज्यों को बड़े निर्देश !
बैठक में राज्यों के मुख्य सचिवों, सिविल डिफेंस के प्रमुखों, एनडीआरएफ, फायर सर्विसेज और एयर डिफेंस के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसका मुख्य उद्देश्य 7 मई की मॉक ड्रिल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय सुनिश्चित करना था। ड्रिल शहरों से लेकर ग्रामीण स्तर तक आयोजित होगी, जिसमें 244 जिलों में सायरन, ब्लैकआउट और निकासी अभ्यास शामिल होंगे। यह अभ्यास हाल के पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि वे स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स, और पुलिस के साथ मिलकर ड्रिल को प्रभावी बनाएं।
मॉक ड्रिल- सायरनों की टेस्टिंग और संचालन !
हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों की टेस्टिंग और संचालन होगा। नागरिकों को सायरन सुनते ही सुरक्षित स्थान जैसे बंकर या इमारतों में जाने का अभ्यास कराया जाएगा। हमले की स्थिति में दुश्मन की हवाई निगरानी से बचने के लिए पूर्ण ब्लैकआउट का अभ्यास होगा। इसमें रोशनी बंद करना, खिड़कियों को ढकना और वाहनों की लाइटें बंद करना शामिल है। आम लोगों, विशेषकर छात्रों, को सिविल डिफेंस तकनीकों जैसे सुरक्षित निकासी, बंकरों का उपयोग और आपात स्थिति में व्यवहार के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने की तकनीकों और आपातकालीन निकासी योजनाओं का अभ्यास होगा। संवेदनशील क्षेत्रों में बंकरों और खाइयों की साफ-सफाई और उपयोगिता की जांच की जाएगी।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव !
यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में आयोजित की जा रही है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके अलावा, सिंधु जल समझौते के निलंबन और पाकिस्तान के आक्रामक बयानों ने स्थिति को और जटिल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव के साथ बैठकें की हैं, जो संभावित सैन्य तैयारियों की ओर इशारा करती हैं।
गृह मंत्रालय का यह कदम न केवल सुरक्षा एजेंसियों बल्कि आम नागरिकों को भी युद्ध जैसी स्थिति के लिए मानसिक और भौतिक रूप से तैयार करने का हिस्सा है। पंजाब के फिरोजपुर में हाल ही में आयोजित ब्लैकआउट रिहर्सल इसका एक उदाहरण है।
प्रशासन के निर्देशों का पालन करें !
सायरन बजते ही 5-10 मिनट में सुरक्षित स्थान पर पहुंचें। ब्लैकआउट का पालन कर घर की रोशनी बंद करें और खिड़कियों को ढकें। अपने परिवार के साथ निकासी मार्ग और सुरक्षित स्थान की जानकारी पहले से साझा करें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और घबराहट से बचें। बच्चों को ड्रिल के बारे में समझाएं और विशेष जरूरतों वाले लोगों की सहायता करें।
संसाधनों की व्यवस्था पर जोर !
7 मई की मॉक ड्रिल भारत की नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने और आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गृह मंत्रालय की बैठक ने इस अभ्यास के लिए व्यापक समन्वय और संसाधनों की व्यवस्था पर जोर दिया है। यह ड्रिल न केवल प्रशासन बल्कि नागरिकों की जिम्मेदारी को भी रेखांकित करती है, ताकि किसी भी संकट में देश एकजुट और तैयार रहे।