मुंबई: कोयला मंत्रालय ने कोयला क्षेत्र में निवेश के अवसरों और वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी को बढ़ावा देने की अपने निरंतर प्रयासों के तहत मुंबई में एक उच्च प्रभावी रोड शो का शुक्रवार को सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। इस अवसर पर कोयला मंत्रालय के सचिव श्री विक्रम देव दत्त कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव और नामित प्राधिकारी सुश्री रुपिंदर बर और कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में प्रमुख हितधारकों, उद्योग जगत के नेताओं निवेशकों और नीति विशेषज्ञों ने भी भाग लिया अल्पविराम जिन्होंने भारत में कोयला खनन के भविष्य पर गहन चर्चा की।
यह रोड शो निजी क्षेत्र की भागीदारी में तेजी लाने, घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने और टिकाऊ खनन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक मंच के रूप में कार्य करता है। इसमें नीतिगत सुधारो, व्यापार को आसान बनाने और तकनीकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए भारत के कोयला क्षेत्र की पूरी क्षमता का प्रयोग करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति अल्पविराम विशेष रूप से ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा औद्योगिक एवं बिजली क्षेत्र की बढ़ती मांगों को पूरा करने में कोयले की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में घरेलू कोयला उत्पादन में तेजी लाने, आयात निर्भरता को कम करने तथा टिकाऊ खनन उद्योगों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने भारत के कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि पर जोर दिया, जिसे उद्योगों और बिजली संयंत्रों को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को कुशलता पूर्वक पूरा करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने मांग आपूर्ति के अंतर को पाटने और कैप्टिव और वाणिज्यिक दोनों उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध कोयला उपलब्धता सुनिश्चित करने के सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। श्री रेड्डी ने पुष्टि की कि कोयला भारत के ऊर्जा पर दृश्य की रीड है, जो बिजली उत्पादन में 70% तक अधिक का उपयोग देता है।
उन्होंने वाणिज्य कोयला खनन में निजी निवेश को आकर्षित करने, व्यापार को आसान बनाने और पर्यावरणीय प्रभाव को काम करते हुए खनन कार्यों को अनुकूलित करने के लिए स्वचालन और डिजिटल निगरानी जैसे उन्नत तकनीक को लागू करने के लिए प्रमुख सुधारो को भी रेखांकित किया। इसके अतिरिक्त मंत्री ने पुनः प्राप्त भूमि पर सरकार की बड़े पैमाने पर वनीकरण पहलों पर प्रकाश डाला, जिससे इको पार्क, हरित पट्टी और जैव विविधता क्षेत्र का विकास हुआ एवं इसके अलावा उन्होंने आश्वासन दिया की खदान बंद करने की योजना के अनुसार, खनन के बाद के परिदृश्य को कृषि, वानिकी और खदान पर्यटन सहित स्थाई उपयोग के लिए बहाल किया जा रहा है, जिससे स्थानीय समुदायों को लाभ हो रहा है।
कोयला मंत्रालय के सचिव श्री विक्रम देव दत्त ने अपने संबोधन में निवेशकों को कोयला क्षेत्र में निर्बाध निवेश की सुरक्षा सुविधा के लिए मंत्रालय की मदद का शासन दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मंत्रालय मंजूरी प्राप्त करने से लेकर परियोजना निष्पादन तक हर चरण में निवेशकों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है, इसके लिए वह नियामक निकायों और हितधारक मंत्रालयों के साथ समन्वय करके परियोजनाओं को शीघ्र परिचालन में लाने के लिए मंजूरी देने में तेजी लाता है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मंत्रालय तेजी से अनुमोदित प्रक्रिया सुनिश्चित कर रहा है। अड़चनों को कम कर रहा है और कोयला ब्लॉकों के आवंटन में पारदर्शिता लाकर उसको सुधार रहा है। सचिव ने खनन से बाहर की भूमि पर जैव-विविधता संरक्षण पर वनीकरण और जिम्मेदार खदान बंद करने की प्रथाओं पर मंत्रालय के फॉक्स की पुष्टि की। ताकि खनन गतिविधियां भारत के स्थिरता लक्षणों के अनुरूप हो, उन्होंने यह भी घोषणा की कि बहुत जल्द शुरू होने वाले आगामी 12वीं नीलामी योजना में भूमिगत खदानें भी शामिल होगी, जिससे अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन मिले। उद्योग जगत के नेताओं और निवेशकों को आगामी कोयला खदान की नीलामी में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने अपने नियामक स्वच्छता अल्पविराम वित्तीय प्रोत्साहन और व्यापारिक के सांस को बढ़ाने के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं सहित पूर्ण सरकारी समर्थन का शासन दिया, उन्होंने दोहराया कि भारत का कोयला क्षेत्र निवेश, नवाचार के लिए और अपार अवसर प्रदान करता है, जिससे आत्मनिर्भर और लचीले ऊर्जा भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है।