प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली। NB.1.8.1, ओमिक्रॉन के JN.1 सब-वैरिएंट का एक नया रूप, भारत में पाया गया है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा “Variant Under Monitoring” (VUM) के रूप में वर्गीकृत है, जिसका अर्थ है कि इसकी निगरानी की जा रही है, लेकिन यह अभी “Variant of Concern” या “Variant of Interest” नहीं है।
खतरनाक कितना है ?
NB.1.8.1 अधिक संक्रामक प्रतीत होता है, क्योंकि यह मानव कोशिकाओं से बेहतर जुड़ सकता है। यह चीन, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और अमेरिका में तेजी से फैल रहा है। भारत में इसका पहला मामला अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में दर्ज किया गया।
WHO और विशेषज्ञों के अनुसार, अभी तक कोई सबूत नहीं है कि NB.1.8.1 पिछले वेरिएंट्स की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है। लक्षण अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स जैसे हैं।
क्या हैं लक्षण !
ऊपरी श्वसन तंत्र: गले में खराश, खांसी, नाक बहना, हल्का बुखार।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल: मतली, भूख न लगना, पेट संबंधी परेशानी।
न्यूरोलॉजिकल: सिरदर्द, चक्कर आना, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
चीन में NB.1.8.1 से अस्पताल में भर्ती और आपातकालीन कक्ष में मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन भारत में अभी इसका प्रभाव सीमित है। भारत में 26 मई 2025 तक 1,009 सक्रिय कोविड मामले थे, जिनमें NB.1.8.1 और LF.7 शामिल हैं।
भारत में क्या है स्थिति ?
NB.1.8.1 का एक मामला तमिलनाडु में और LF.7 के चार मामले गुजरात में मिले हैं। JN.1 अभी भी सबसे आम वेरिएंट है (53% नमूने)। ठाणे, महाराष्ट्र में एक युवक की कोविड से मृत्यु की खबर है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह NB.1.8.1 से संबंधित है। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने निगरानी बढ़ाने और एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है।
ये सावधानियां रखनी हैं
मौजूदा टीके NB.1.8.1 के खिलाफ कुछ हद तक प्रभावी हैं, लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए। मास्क पहनना, स्वच्छता बनाए रखना और लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लेना जरूरी है। बुजुर्गों और कमजोर स्वास्थ्य वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
NB.1.8.1 अधिक संक्रामक है, लेकिन गंभीरता के मामले में यह अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट्स जैसा ही है। भारत में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह का पालन करें और टीकाकरण स्थिति की जांच करें।