देहरादून: उच्च शिक्षा में कौशल विकास को प्रभावी बनाकर छात्र-छात्राओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए इंटर्नशिप नीति बनाई जा रही है। देवभूमि उद्यमिता योजना से जुड़े विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। साथ में राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के परिसरों में पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी कमाई भी कर सकें, इसे ध्यान में रखकर ‘अर्न व्हाइल यू लर्न’ नीति लाने की तैयारी है।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों में दोगुना करने के प्रदेश सरकार के संकल्प को धरातल पर उतारने में देवभूमि उद्यमिता योजना की भूमिका महत्वपूर्ण रहने जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग की इस योजना के अंतर्गत राजकीय विश्वविद्यालय परिसरों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को उद्यमों, स्टार्टअप एवं व्यवसाय के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
छात्र-छात्राओं के कौशल विकास को धार देने के लिए इंटर्नशिप नीति तैयार की जा रही है। यूजीसी की गाइड लाइन के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग इसका प्रारूप तैयार कर रहा है। इस नीति को शीघ्र क्रियान्वित किया जाएगा। इससे छात्र-छात्राओं को उद्योगों, औद्योगिक व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, वित्तीय संस्थानों, सरकारी विभागों में प्रशिक्षण दिलाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
60 से 120 घंटे की होगी इंटर्नशिप
देवभूमि उद्यमिता योजना में पांच वर्षों में 15 हजार छात्र-छात्राओं को उद्यमिता का प्रशिक्षण मिलेगा। साथ ही लगभग 50 हजार विद्यार्थियों को उद्यम व व्यवसाय के प्रति जागरूक करने का लक्ष्य है। स्नातक कक्षाओं में अध्ययनरत इन विद्यार्थियों को चौथे सेमेस्टर के बाद 60 से 120 घंटे की इंटर्नशिप करना अनिवार्य होगा।
यह इंटर्नशिप ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण जैसे सरकारी विभागों में भी की जाएगी। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से इन विभागों से इंटर्नशिप की व्यवस्था बनाने का अनुरोध किया जाएगा।
इंटर्नशिप पर मिलेंगे क्रेडिट
योजना की खास बात यह है कि इंटर्नशिप के आधार पर विद्यार्थियों को क्रेडिट भी मिलेंगे। इन्हें उनके एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट में जमा किया जा सकेगा। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि इंटर्नशिप नीति से छात्र-छात्राओं को प्रायोगिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। इससे उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। स्तरीय उच्च शिक्षण संस्थानों में उन्हें प्रवेश मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा में ‘अर्न व्हाइल यू लर्न’ नीति भी बनाई जा रही है। इससे उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ उनकी कौशल दक्षता के आधार पर कमाई का अवसर मिलेगा। उन्हें प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, कार्यालयों में कार्य करने का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। यह कार्य वे अपनी कक्षाएं संपन्न होने के बाद कर सकेंगे। विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है।