प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
चाईबासा: सदर प्रखंड के गुनाबासा गाँव में आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा के पदाधिकारियों सहित अन्य सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों ने सामाजिक जागरूकता अभियान चलायी । ग्रामीण मुण्डा श्री गुनाराम देवगम की उपस्थिति में ग्राम स्तर पर डायन-प्रथा,सामाजिक बुराईयाँ तथा पर्व-त्योहारों के नाम पर हो रहे असामाजिक गतिविधियों के विरूद्ध लोगों के बीच में जनजागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया । लोगों के सामने सामाजिक,सांस्कृतिक,धार्मिक रूप से भटकाव के कई उदाहरण रखे गये और कुप्रथा, अंधविश्वास तथा सामाजिक विसंगतियों पर रोकथाम लाने की बातें बतायी गई।
योजनाओं को गाँव-घर लाने में पहल
आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव श्री गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने ग्रामीणों से अपील किया कि विद्यायकों,सांसदों और मंत्रियों को सिर्फ फुटबॉल मैच,मुर्गापाड़ा और बुगी-बुगी डांस का मुख्य अतिथि न बनाए। समाज के द्वारा चुने गये हमारे जनप्रतिनिधियों को पेयजल, सिंचाई, रोड, पुलिया, स्कूल तथा अस्पताल निर्माण आदि जैसे सरकारी योजनाओं को गाँव-घर लाने में पहल कराये। गब्बरसिंह ने ग्रामीणों को बताया कि समाज में जागरूक होना ही सामाजिक विकास का पहला सीढ़ी है। इसलिये हमारे चुने गये जनप्रतिनिधियों से इन सालों के भीतर में विकास योजनाओं के साथ-साथ आदिवासियत तथा स्थीनीय हितों के पॉलिसी ड्राफ्टिंग लेवल से भी समाज की बातों को जुड़वाये, अन्यथा हर चीज के मामले में हम सभी आंदोलन और संघर्ष ही करते रहेंगे ।
सशक्त और संगठित बनने के लिए प्रेरित
इस क्रम में नेशनल आदिवासी रिवाईवल एसोशिएसन,सिंगी एण्ड सिंगी सोसाईटी तथा मिलन चारिटेबल ट्रस्ट की ओर से सामाजिक बुराईयाँ, आंतरिक कुरीतियाँ तथा विभिन्न अपराधिक घटनानों के नियंत्रण की दिशा में जनजागरूकता और विधिक जागरूकता को लेकर लोगों के बीच में हैंडविल बाँटा गया। तमाम सामाजिक संगठन प्रतिनिधियों द्वारा लोगों को ग्राम स्तर पर सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक रूप से स्वयं को सशक्त और संगठित बनने के लिए प्रेरित किया गया।
कौन-कौन रहे मौजूद ?
इस अवसर पर आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा के जिलाध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, सचिव ओएबन हेम्ब्रम, पूर्व अनुमंडल सचिव सिकंदर तिरिया, विश्वजीत बिरूवा, ग्रामीण श्याम सुंदर देवगम, समीर देवगम, जामदार देवगम, महेन्द्रसिंह देवगम, विनायक देवगम, इंद्रीजीत सिंह देवगम, मंटु पाड़ेया, सिंगराय देवगम, दीकू देवगम, मेघपुष्पा देवगम, मुघी देवगम, शकुन देवगम, गीता देवगम, पेरका गोप लोग काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।